मप्र : पन्ना टाइगर रिजर्व की अनूठी पहल, वन्य जीव संरक्षण के लिए बनाया "ड्रोन स्क्वाड"

वन्य जीव संरक्षण में अत्याधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल करने की पहल करते हुए पन्ना टाइगर रिजर्व ने “ड्रोन स्क्वाड” का...

Sep 18, 2021 - 10:22
Sep 18, 2021 - 10:35
 0  7
मप्र : पन्ना टाइगर रिजर्व की अनूठी पहल, वन्य जीव संरक्षण के लिए बनाया "ड्रोन स्क्वाड"
पन्ना टाइगर रिजर्व

वन्य जीव संरक्षण में अत्याधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल करने की पहल करते हुए पन्ना टाइगर रिजर्व ने “ड्रोन स्क्वाड” का संचालन करना शुरू कर दिया है। प्रत्येक महीने “ड्रोन स्क्वाड” संचालन की मासिक कार्य योजना तैयार की जाती है। यह जानकारी शनिवार को जनसंपर्क अधिकारी ऋषभ जैन ने दी।

उन्होंने बताया कि ड्रोन स्क्वाड से वन्य जीवों की खोज उनके बचाव, जंगल की आग का स्त्रोत पता लगाने और उसके प्रभाव की तत्काल जानकारी जुटाने, संभावित मानव-पशु संघर्ष के खतरे को टालने और वन्य जीव संरक्षण संबंधी कानूनों का पालन कराने में मदद मिल रही है। डेढ़ महीने पहले पन्ना टाइगर रिजर्व में उपलब्ध हुआ “ड्रोन दस्ता” काफी उपयोगी सिद्ध हो रहा है।

यह भी पढ़ें - दमोह : बेटी की आबरू बचाने वाले पिता के हत्यारे को 14 वर्ष बाद दोहरा आजीवन कारावास

क्या है “ड्रोन दस्ता”?

पन्ना टाइगर रिजर्व (पीटीआर) ने हाल ही में वन्यजीवों के संरक्षण, निगरानी और प्रबंधन के लिए एक 'ड्रोन दस्ते' का गठन किया है। यह सफलतापूर्वक काम कर रहा है।

ड्रोन दस्ते में एक ड्रोन, मॉडल 'DJ1 फैंटम ड्रोन' है। लंबे समय तक इसे संचालित करने के लिए पर्याप्त बैटरी के साथ काम करता है। इसके लिये एक वाहन विशेष रूप से रखा गया है। एक सहायक के साथ एक ड्रोन ऑपरेटर रहता है। ड्रोन दस्ते द्वारा ड्रोन के संचालन और उपयोग के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देशों के साथ मासिक कार्यक्रम जारी किया जाता है।

यह भी पढ़ें - सेवा समर्पण अभियान के अंतर्गत, भाजपा द्वारा 71 महिला कोरोना योद्धाओं का सम्मान

वर्तमान में ड्रोन के उपयोग की परिकल्पना कानून का पालन करने, निगरानी रखने, वन्यजीवों की खोज और बचाव करने, जंगल की आग का पता लगाने और उससे रक्षा करने और मानव-पशुओं के संघर्ष को कम करने के लिये की गई है। भविष्य में वन्यजीव प्रबंधन, ईकोटूरिज्म के क्षेत्र में भी ड्रोन के उपयोग की योजना बनाई जायेगी। जैव-विविधता के दस्तावेज़ीकरण में भी इससे मदद मिलेगी।

ड्रोन दस्ता बहुत कम समय में अवैध गतिविधियों पर कुशल नियंत्रण और निगरानी में फील्ड स्टाफ की सहायता करने में सक्षम साबित हुआ है। ड्रोन संचालन की खूबी है कि यह बड़ी मात्रा में ऐसा डेटा संग्रह करने में मददगार है जिसे संग्रहीत, संसाधित और विश्लेषण करने की आवश्यकता होती है। वन्य जीव संरक्षण में अत्याधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल कर प्रशिक्षित जनशक्ति तैयार करने में यह नई पहल साबित होगी।

यह भी पढ़ें - दो बच्चों को लेकर केन नदी पुल से छलांग लगाने जा रही दिव्यांग महिला को थाना प्रभारी ने बचाया

What's Your Reaction?

Like Like 1
Dislike Dislike 0
Love Love 1
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 1