हमीरपुर : बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर भीषण हादसा, तीन भाइयों और एक भतीजे की मौत

जिस घर में कुछ दिन पहले बुजुर्ग मां के निधन का सन्नाटा पसरा था, उसी घर से रविवार सुबह गंगा में अस्थि विसर्जन के लिए निकला परिवार...

Dec 15, 2025 - 11:41
Dec 15, 2025 - 11:46
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हमीरपुर : बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर भीषण हादसा, तीन भाइयों और एक भतीजे की मौत

मौदहा (हमीरपुर)। जिस घर में कुछ दिन पहले बुजुर्ग मां के निधन का सन्नाटा पसरा था, उसी घर से रविवार सुबह गंगा में अस्थि विसर्जन के लिए निकला परिवार ऐसी त्रासदी का शिकार हो गया, जिसने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण सड़क हादसे में तीन भाइयों और एक भतीजे की मौत हो गई। एक साथ चार अर्थियां उठने से गांव ग्योंड़ी (महोबा) में मातम पसरा है।

महोबा जनपद के थाना खन्ना क्षेत्र अंतर्गत ग्योंड़ी गांव के मजरा जमुनिया पुरवा निवासी अनुसुइया (85) लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थीं। 10 दिसंबर को उनका निधन हुआ था। उसी दिन अंतिम संस्कार के बाद परिवार ने रविवार को प्रयागराज जाकर अस्थि विसर्जन का निर्णय लिया। रविवार सुबह सात लोग एक निजी बोलेरो से गांव से निकले, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि यह यात्रा जिंदगी की आखिरी यात्रा बन जाएगी।

सुबह करीब नौ बजे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर हमीरपुर के इचौली गांव के पास घने कोहरे के बीच पीछे से आ रही एक स्लीपर बस ने बोलेरो को तेज रफ्तार में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि बोलेरो के परखच्चे उड़ गए। मौके पर अफरा-तफरी मच गई और कुछ पल के लिए एक्सप्रेसवे पर मौत का सन्नाटा छा गया।

हादसे के बाद का मंजर दिल दहला देने वाला था। एक चचेरा भाई शवों के पास बैठकर फूट-फूटकर रोता रहा और कांपते हाथों से फोन कर परिजनों को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने कटर की मदद से वाहन के दरवाजे काटकर शव बाहर निकाले और घायलों को एंबुलेंस से बांदा जिला अस्पताल भिजवाया, जहां चार लोगों को मृत घोषित कर दिया गया।

मृतकों की खबर गांव पहुंचते ही हर घर में कोहराम मच गया। परिजन बदहवास हालत में घटनास्थल पर पहुंचे। मृतकों की पत्नियां, बहनें और बच्चे शव देखकर बेसुध हो गए। कुछ दिन पहले मां की मौत का गम झेल रहा परिवार अब चार जवान जिंदगियों के खत्म होने का दर्द सहने को मजबूर है।

हादसे में जान गंवाने वाले सभी लोग खेती-किसानी से जुड़े थे और यही उनकी आजीविका का एकमात्र सहारा थी—

  • घनश्याम (58) : पत्नी जय देवी, दो बेटे अनिल (30) व विमल (20) और एक बेटी को छोड़ गए। परिवार की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं पर थी।

  • सहोदर (42) : पत्नी शांति और दो बेटियां व एक बेटा हैं। पति की मौत के बाद परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

  • सिद्धगोपाल (70) : पत्नी देवरती, दो बेटे और एक बेटी को छोड़ गए। वृद्धावस्था में भी खेती के काम में सक्रिय थे।

  • सोनू (30) : पत्नी ममता और दो बेटियां व एक बेटा हैं। सबसे कम उम्र के सोनू की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

उधर, हादसे में शामिल स्लीपर बस में सवार गुजरात के पशुपालक चारधाम यात्रा पर जा रहे थे। बस में 48 यात्री सवार थे, सभी सुरक्षित बताए जा रहे हैं। यात्रियों को एक्सप्रेसवे के रेस्ट एरिया में रोककर दूसरी बस की व्यवस्था कराई गई।

एक मां की अस्थियां लेकर निकला परिवार अब चार अपूरणीय क्षतियों के साथ लौटेगा। गांव में शोक का माहौल है, अधिकांश घरों में चूल्हे नहीं जले हैं। ग्रामीणों और परिजनों की एक ही मांग है कि प्रशासन पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता और सहारा प्रदान करे। साथ ही, घने कोहरे में तेज रफ्तार और लापरवाही पर सख्ती की जरूरत एक बार फिर सामने आ गई है।

रिपोर्ट : अखिलेश सिंह गौर, (कुरारा) हमीरपुर...

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