अमेरिका की वैश्विक पोषण विशेषज्ञ प्रो. क्रिस्टीना इकोनोमोस का चित्रकूट दौरा
संत रणछोड़ दास जी महाराज द्वारा स्थापित विश्व ख्यातिलब्ध श्री सदगुरू नेत्र चिकित्सालय चित्रकूट में वैश्विक स्तर की प्रतिष्ठित पोषण विशेषज्ञ प्रोफेसर क्रिस्टीना इकोनोमो...
स्वस्थ्य रहने के लिए पौष्टिक आहारों का करे नियमित सेवन : प्रो.क्रिस्टीना
चित्रकूट। संत रणछोड़ दास जी महाराज द्वारा स्थापित विश्व ख्यातिलब्ध श्री सदगुरू नेत्र चिकित्सालय चित्रकूट में वैश्विक स्तर की प्रतिष्ठित पोषण विशेषज्ञ प्रोफेसर क्रिस्टीना इकोनोमोस—डीन एवं प्रोफेसर, फ्राइडमैन स्कूल ऑफ न्यूट्रिशन साइंस एंड पॉलिसी, टफ्ट्स यूनिवर्सिटी, अमेरिका—ने वंचित ग्रामीण समुदायों में पोषण से जुड़ी जमीनी चुनौतियों को समझने के उद्देश्य से श्री सदगुरू नेत्र चिकित्सालय का किया दौरा।बाल पोषण, मोटापा रोकथाम और समुदाय-आधारित जनस्वास्थ्य की वैश्विक विशेषज्ञ प्रो. क्रिस्टीना इकोनोमोस ने सुरांगी एवं मोहकमगढ़ गांवों के समुदायजनों से बात चीत कर उनकी आहार संबंधी आदतों, खाद्य उपलब्धता और जीवनशैली के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ विस्तृत चर्चा कर वर्तमान पोषण एवं खाद्य कार्यक्रमों तथा जमीनी स्तर पर आने वाली चुनौतियों का आकलन भी किया और साथ ही लोगों से स्वस्थ्य रहने के लिए नियमित पौष्टिक आहार सेवन करने की अपील की ।
सदगुरू नेत्र चिकित्सालय के भ्रमण के दौरान प्रो. क्रिस्टीना ने अस्पताल की कोर टीम से मुलाकात की और समग्र स्वास्थ्य, रोगों से उबरने तथा बाल विकास में पोषण की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने एक प्रेरक व्याख्यान भी दिया, जिसमें बताया कि स्थानीय रूप से उपलब्ध सरल आहार विकल्प अपनाकर स्वास्थ्य परिणामों में उल्लेखनीय सुधार किया जा सकता है।
श्री सदगुरू नेत्र चिकित्सालय के सीईओ डॉ. इलेश जैन द्वारा उनका स्वागत सम्मान किया गया इस मौके पर वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डॉ आलोक सेन, डॉ आशीष बजाज, आर बी सिंह चौहान, देवेंद्र सिंह सचान, नेत्र चिकित्सालय के मीडिया प्रभारी वीरेंद्र शुक्ला सहित सभी चिकित्सक एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे। प्रो. क्रिस्टीना ने ट्रस्ट के समेकित स्वास्थ्य एवं सामुदायिक विकास दृष्टिकोण की सराहना की। इस दौरे ने टफ्ट्स यूनिवर्सिटी और श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के बीच भविष्य में समुदाय-आधारित पोषण अनुसंधान, फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं की क्षमता निर्माण तथा ग्रामीण भारत में दीर्घकालिक एवं प्रभावी पोषण पहलों पर संयुक्त रूप से कार्य करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण आधार तैयार किया।
समुदाय के साथ उनके संवेदनशील, आत्मीय एवं सहभागितापूर्ण संवाद ने लोगों पर गहरा प्रभाव छोड़ा, और इस विश्वास को और सुदृढ़ किया की ऐसी विश्व-स्तरीय संस्थाओं के साथ जुड़कर वैश्विक विशेषज्ञता समाज में वास्तविक और सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है।
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