किसान की मौत के मामले में ,फरार भाजपा नेता डॉ. प्रियरंजन सहित पांच अभियुक्तों की गिरफ्तारी को टीमें गठित
कानपुर के चकेरी में किसान बाबू सिंह की खुदकुशी मामले में आरोपी भाजपा नेता डॉ. प्रियरंजन उर्फ आशू दिवाकर समेत पांच लोगों पर 50-50 हजार रुपये ...
कानपुर के चकेरी में किसान बाबू सिंह की खुदकुशी मामले में आरोपी भाजपा नेता डॉ. प्रियरंजन उर्फ आशू दिवाकर समेत पांच लोगों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। पुलिस की सात टीमें प्रयागराज, दिल्ली और लखनऊ समेत आसपास के जिलों में इनकी तलाश में डेरा डाले हैं।
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पुलिस के मुताबिक आशू और उनके साथियों को पनाह देने वालों पर भी सख्त कार्रवाई होगी। मैनपुरी निवासी बाल संरक्षण आयोग के सदस्य आशू दिवाकर के अलावा उसके साथियों शिवम सिंह चौहान, मधुर पांडेय, किसान का भतीजा जितेंद्र सिंह यादव व भतीजे के साढ़ू बबलू यादव पर इनाम घोषित हुआ है। आशू की पत्नी से पुलिस ने चार घंटे से ज्यादा पूछताछ की। रिश्तेदारों व ठिकानों के बारे में जानकारी ली गई। जमीन के कागजों के बारे में भी पूछताछ हुई। पुलिस की टीमें फतेहपुर, मैनपुरी, बांदा व नोएडा में भी डेरा डाले हुए हैं। आशू के 100 करीबियों से पूछताछ हुई है।
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एक सप्ताह पहले बाबू सिंह ने 6.29 करोड़ रुपये कीमत की जमीन हड़पे जाने से आहत होकर ट्रेन से कटकर खुदकुशी कर ली थी। पुलिस को मृतक के घर से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार भाजपा नेता डॉ. प्रियरंजन और उसके चालक बबलू को बताया था। मृतक की पत्नी बिटान ने भाजपा नेता, अपने भतीजे जितेंद्र, नेता के चालक बबलू, राहुल जैन, मधुर पांडेय व शिवम चौहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद से सभी आरोपी फरार हो गए। डीसीपी ईस्ट शिवाजी शुक्ला ने गिरफ्तारी के लिए छह टीमों का गठन किया। यह टीमें दिल्ली, लखनऊ, मैनपुरी, बांदा, प्रयागराज और नोएडा में डेरा जमाए हुए हैं।
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सूत्रों के अनुसार पुलिस ने मृतक के आरोपी भतीजे जितेंद्र व चालक बबलू को गिरफ्तार कर लिया है, जिसकी जल्द ही आधिकारिक पुष्टि की जा सकती है। हालांकि, भाजपा नेता का पुलिस सुराग नहीं खोज सकी है। वहीं चर्चा है कि भाजपा नेता डॉ. प्रियरंजन ने लखनऊ, प्रयागराज और कानपुर के बड़े नेताओं की चौखटों पर अपने समर्थकों को भेजकर कार्रवाई से बचने के लिए पैरवी शुरू कर दी है, जिसके बाद से पुलिस अधिकारियों के फोन सारा दिन घनघटाते रहे। जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि अब तक 100 से ज्यादा लोगों से पुलिस पूछताछ कर चुकी है। यदि आरोपी जल्द हाजिर नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।
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जेसीपी ने बताया कि पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपियों ने बाबू सिंह के ज्यादा न पढ़े लिखे होने व आर्थिक तंगी का फायदा उठाते हुए उनकी जमीन की रजिस्ट्री करवा ली थी। होटल में प्रियरंजन ने ही रजिस्ट्री के पेपर तैयार करवाए। रजिस्ट्री करवाने से पहले दो दिनों तक प्रियरंजन बाबू सिंह को साथ लेकर घूमता रहा था। रजिस्ट्री के वक्त भी लगातार संपर्क में रहा। पुलिस के पास इनके साक्ष्य मौजूद हैं। मृतक किसान बाबू सिंह की खुदकुशी के मामले में रविवार को जय किसान आंदोलन के पदाधिकारियों ने चकेरी निवासी मृतक आश्रितों से मुलाकात की। भाजपा नेता डॉ. प्रियरंजन आशु दिवाकर की अब तक गिरफ्तारी न होने पर जय किसान आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने नाराजगी व्यक्त की। जय किसान आंदोलन कानपुर नगर के अध्यक्ष नवनीत सिंह यादव ने कहा कि पदाधिकारियों ने 48 घंटे में भाजपा नेता को गिरफ्तार करने की मांग की। ऐसा न होने पर जय किसान आंदोलन किसान के परिवार के साथ आंदोलन करेगा।