हाथरस कांड : सिलसिलेवार घटनाक्रम, जो आपने अभी तक नहीं पढ़ा होगा

यूपी का हाथरस जिस तरह से चर्चा में है, उससे एक बात तो साबित हो गयी है कि योगी सरकार इस वक्त मुश्किल में है। विपक्ष हावी है और सरकार को कोई भी संभलने का मौका नहीं देना चाह रहा है...

हाथरस कांड : सिलसिलेवार घटनाक्रम, जो आपने अभी तक नहीं पढ़ा होगा

पर योगी भी इस कांड की परत दर परत का अध्ययन कर दोषियों के समूल नाश की बात कह रहे हैं। टीवी अखबारों में खूब लिखा जा रहा है, दिन प्रतिदिन नये नये तथ्य सामने आ रहे हैं और इसी को देखते हुए हमने पूरे घटनाक्रम को सिलसिलेवार एक सूत्र में पिरो दिया है ताकि आपको यह समझने में आसानी हो कि आखिर हाथरस कांड में वास्तव में क्या हुआ।

पहले घटना की तारीखों को संक्षेप में समझिये। हमने दिन-प्रतिदिन प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर आपको तथ्य बताने का प्रयास किया है।

14 सितम्बर कोतवाली क्षेत्र चंदपा के गांव बूलगढ़ी में एक 20 वर्षीय युवती को सुबह साढ़े नौ बजे बाजरे के खेत में ले जाकर गला दबाकर मारने का प्रयास किया गया। जब वह अपनी मां रमा देवी के साथ खेत में चारा काटने गयी थी। इस मामले में गांव के ही संदीप ठाकुर उर्फ चंटू पुत्र गुड्डू को आरोपी बनाया गया। युवती के शोर मचाने पर आरोपी संदीप वहां से भागा था। बाद में पीड़िता परिजनों के साथ कोतवाली पहुंची, सीओ सिटी रामशब्द यादव भी पहुंचे और जांच की। उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा पर वहां से उसे अलीगढ़ रिफर कर दिया गया। पीड़िता के भाई सतेन्द्र पुत्र ओमप्रकाश ने आरोपी संदीप ठाकुर के खिलाफ धारा 307 व एससीएसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया। इंस्पेक्टर डीके वर्मा के अनुसार पूर्व की रंजिश से ये हुआ है, न्यायालय में भी मामला चल रहा है, जल्द ही गिरफ्तारी भी होगी।

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19 सितम्बर पांच दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी युवक की गिरफ्तारी न होने से नाराज वाल्मीकि समाज के लोग भाजपा शहर अध्यक्ष शरद माहेश्वरी के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक से मिले। हाथरस के सांसद राजवीर दिलेर ने भी इस बारे में तुरन्त कार्यवाही के लिए पुलिस अधीक्षक से बात की। इसके बाद एएसपी ने बताया कि एसओजी सहित अन्य टीमों को आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगा दिया गया है। और उसी दिन देर रात्रि में आरोपी संदीप को गिरफ्तार कर लिया गया। पीड़िता का बयान लेने के लिए सादाबाद सीओ गये तो पीड़िता ने इशारों में खुद से छेड़छाड़ की बात बताई और एक ही आरोपी का नाम लिया।

20 सितम्बर घटना के छः दिन बाद कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव श्योराज जीवन वाल्मीकि ने पीड़िता के घर जाकर हाल-चाल जाना और वहीं से ‘आंख फोड़ने व हाथ काट डालने’ वाला विवादास्पद बयान दे डाला। क्षत्रियों को अपरोक्ष रूप से धमकी भी दी, इस पर क्षत्रिय महासभा के पूर्व महानगर अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने उन्हें दोहरी नीति न चलने की हिदायत भी दी। सीओ रामशब्द यादव व कोतवाल डीके वर्मा ने मीडिया के सामने आरोपी संदीप को पेश किया। उधर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने भी अपनी टीम के साथ पीड़िता के घर पहुंचकर ढाढस बंधाया।

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21 सितम्बर घटना के सात दिन बाद पुलिस ने सफाई कर्मचारी आयोग की सदस्य मंजू दिलेर व भाजपा जिलाध्यक्ष गौरव आर्य समेत भाजपाईयों के दबाव के चलते विवेचना में छेड़छाड़ की धारा और बढ़ाई। जबकि अभी तक मात्र जान से मारने व गला दबाने की ही बात की जा रही थी। उधर सफाई मजदूर संघ ने भी अपने प्रांतीय अध्यक्ष के नेतृत्व में कोतवाली में नारेबाजी की और सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। महर्षि वाल्मीकि सेना ने भी मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया, जिसमें प्रधानमंत्री आवास, 50 लाख की आर्थिक मदद, नौकरी, शस्त्र लाइसेंस की मांग की। अलीगढ़ के बसपा जिलाध्यक्ष रतनदीप सिंह भी मेडिकल काॅलेज पहुंच कर पीड़िता का हाल जाना। उधर पीड़िता के घर पर पुलिस कर्मी भी तैनात कर दिये गये थे।

22 सितम्बर भीम आर्मी व कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर पीड़िता का मेडिकल कराने, किसी अच्छे अस्पताल में इलाज कराने, शेष आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने सहित जांच अन्य थाने को दिये जाने की मांग की। उधर पीड़िता द्वारा पुनः सीओ सादाबाद को दिये गये बयान के आधार पर पुलिस ने विवेचना के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म की धारा भी बढ़ाई और कुल 4 लोगों को नामजद किया। जिसमें गांव के ही रामू, रवि व लवकुश को भी नामजद आरोपी बनाया गया।

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23 सितम्बर पुलिस ने एक और आरोपी लवकुश को नगला भुस तिराहे के पास से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। केस की जांच कर रहे सीओ सादाबाद ब्रह्म सिंह ने बताया कि अन्य दो की भी तेजी से तलाश की जा रही है। एएसपी ने कहा कि जल्द ही चार्जशीट दाखिल कर फास्ट ट्रैक कोर्ट से आरोपियों को सजा दिलाने की कोशिश करेंगे। उधर कांग्रेस जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में पीड़िता को मुआवजा दिलाने के लिए जिलाधिकारी के यहां ज्ञापन दिया गया।

24 सितम्बर घटना के दसवें दिन इस मामले ने और तूल पकड़ा। अम्बेडकर अनुयायियों ने शेष दो आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दिया। पुलिस अधीक्षक विक्रांतवीर ने पीड़िता के घर जाकर उसकी मां से मुलाकात की व घटनास्थल का निरीक्षण किया। एसपी ने बताया कि मुआवजा दिलाने के लिए पत्रावली जल्द ही भेजी जा रही है। फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिये सुनवाई होगी। उधर तमाम सामाजिक संगठनों का पीड़िता के घर पहुंचना जारी है। राजनीति भी इस मामले में नया रुख अख्तियार करती जा रही है।

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25 सितम्बर मामले के तीसरे आरोपी को रवि को देर शाम गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। सफाई कर्मचारी आयोग की सदस्य मंजू दिलेर, सांसद राजवीर दिलेर, सदर विधायक हरिशंकर माहौर ने पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर उन्हें न्याय का आश्वासन दिया। देर रात पुलिस अधीक्षक ने चंदपा थाने के इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया। और अपराध शाखा में तैनात लक्ष्मण सिंह को चंदपा थाने की कमान सौंपी।

26 सितम्बर मामले के चैथे आरोपी रामू पुत्र राकेश को सुबह पुलिस ने दबोचा और कार्यवाही के बाद जेल भेज दिया। गांव में तनाव को देखते हुए गांव के बाहर बैरियर लगवा दिये गये। नव नियुक्त इंस्पेक्टर लक्ष्मण सिंह ने गांव जाकर पीड़ित परिवार से बातचीत की और किसी समस्या पर उनसे सम्पर्क करने को बोला। कांग्रेस ने अनुसूचित विभाग के जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन किया। पीड़िता की नाजुक हालत को देखते हुए उसका इलाज दिल्ली के एम्स में कराने की मांग हुई। उधर अलीगढ़ के जेएन मेडिकल काॅलेज में पीड़िता को वेंटिलेटर पर रखा गया है। पीड़िता का इलाज कर रहे न्यूरो सर्जन डाॅ. रमन मोहन शर्मा के अनुसार गर्दन में सात डिस्क होती हैं, जो उसे रीढ़ से जोड़ती हैं, तो पीड़िता की दूसरी और तीसरी डिस्क में परेशानी है, जिससे ब्रेन तो काम करता है पर सांस लेने में परेशानी होती है। गर्दन को बुरी तरह से मरोड़ने से सर्वाइकल स्पाइन इंजरी हुई है। इस कारण शरीर के नीचे के हिस्से में पैरालिसिस हो गया है। भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर रावण ने ट्वीट कर 27 सितम्बर को अलीगढ़ पहुंचने की बात की।

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27 सितम्बर भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर रावण पुलिस की कड़ी नाकेबंदी के बावजूद शाम 4 बजे मेडिकल काॅलेज पहुंचने में सफल रहे। आईसीयू में होने के कारण पीड़िता को वीडियो काॅल के माध्यम से उन्हें दिखाया गया। पीड़ित परिवार के लिए एक करोड़ की आर्थिक सहायता की मांग की और शाम 6 बजे दिल्ली लौट गये। उधर हाथरस जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने पीड़िता को पहली किस्त के रूप में 4,12,500 की आर्थिक सहायता दे दी। पीड़िता को अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत 8 लाख 25 हजार की राशि दी जानी थी, जिसकी पहली किस्त मिल गयी, शेष धनराशि चार्जशीट दाखिल होने व दोष सिद्ध होने पर दी जायेगी। उधर बसपा के नेताओं ने आईजी व जिलाधिकारी अलीगढ़ से मिलकर 50 लाख मुआवजे व नौकरी के बावत ज्ञापन सौंपा। पीड़िता के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना को लेकर यज्ञ हवन इत्यादि भी किया गया। सादाबाद विधायक रामवीर उपाध्याय ने आरोपियों के सामाजिक बहिष्कार की बात की। कुछ सामाजिक संस्थाओं ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है।

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28 सितम्बर पीड़िता की नाजुक स्थिति को देखते हुए अलीगढ़ के मेडिकल काॅलेज से उसे सुबह साढ़े 10 बजे लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में ले जाया गया। यहां उसे साढ़े तीन बजे इमरजेंसी ब्लाॅक के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट में दाखिल कराया गया। भर्ती के समय उसे सर्वाइकल स्पाइन इंजरी, क्वाड्रीप्लीजिया और सेप्टीसीमिया था। इस बीच पुलिस ने दुष्कर्म की पुष्टि के लिए युवती के कपड़े व स्लाइड आगरा की फाॅरेंसिक लैब में भेज दिया था। उधर पीड़िता के गांव में पीएसी तैनात कर दी गयी थी। राजनीतिक माहौल से उठी गर्मी से प्रशासन भी खासा सतर्क रहा। बसपा नेता व पूर्व मंत्री गयाचरण दिनकर भी हाथरस पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उनका हाल जाना। इसी घटनाक्रम के बीच राष्ट्रीय सवर्ण परिषद के राष्ट्रीय प्रचारक पं. पंकज घवरैय्या ने पार्टी के लोगों के साथ पुलिस अधीक्षक से मिलकर एसआईटी जांच के लिए मांग की। पं. घवरैय्या ने इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति चमकाने व मनगढ़ंत तरीके से कहानी पेशकर तीन निर्दोष लोगों को फंसाने की भी बात कही।

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29 सितम्बर घटना के 15 दिन बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जिन्दगी और मौत से जूझ रही पीड़िता की सांसे सुबह 6ः25 पर थम गयीं। उस समय तक पीड़िता वेंटिलेटर पर ही थी तथा उसके हाथ-पैर काम नहीं कर रहे थे। जैसे ही खबर आई, वैसे ही राजनीतिक हलचल तेज हो गयी तो प्रशासन ने भी इसकी गंभीरता को समझते हुए गांव में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। उधर प्रशासन ने बुलगढ़ी जाने से कई नेताओं को रोका। सवर्णों के खिलाफ इस्तमाल किये गये भड़काऊ शब्दों के कारण कांग्रेस नेता श्योराज जीवन को हिरासत में लिया गया। कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी व आईजी पीयूष मोर्डिया ने खुद कमान संभाली है। प्रशासन पल-पल की रिपोर्ट शासन को भेज रहा था। डीएम-एसपी ने बताया कि जानलेवा हमले की धारा को हत्या की धारा में तब्दील कर दिया गया है। लेकिन पीड़िता की मृत्यु की खबर से व सोशल मीडिया में चल रही फेक खबरें, जिनमें पीड़िता की आंखे फोड़ने, जीभ काटने व रीढ़ की हड्डी तोड़ने जैसी अफवाहों से शहर में भूचाल आ गया। जगह-जगह प्रदर्शन होने लगे। कांग्रेस ने भी कैंडिल मार्च निकाला। वाल्मीकि समाज के लोगों ने तालाब चैराहे पर जाम लगा दिया व रेलवे क्राॅसिंग पर भी कब्जा कर लिया। काफी मान-मनौव्वल के बाद जाम खुलवाया जा सका। देर शाम जिले के प्रभारी मंत्री व पंचायती राज मंत्री भूपेन्द्र चैधरी भी हाथरस पहुंच गये।

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पीड़िता के परिजनों में एम्स में भर्ती न किये जाने को लेकर नाराजगी थी। मौत के बाद मुआवजे की दूसरी किस्त 5,87,500 की प्रशासन द्वारा दी गयी। जिससे कुल 10 लाख पीड़ित परिवार को मुआवजे के रूप में प्राप्त हुए। आईजी पीयूष मोर्डिया ने बताया कि मेडिकल परीक्षण में दुष्कर्म की बात सामने नहीं आई है लेकिन आगरा की फाॅरेंसिक लैब की रिपोर्ट का इंतजार है। 
बुलगढ़ी में जातिवाद की लकीर खिंच गई। आरोपियों के परिजनों ने भी कहा कि अगर उनके बच्चे दोषी पाये जायें तो फांसी दे दो, पर उनके बच्चों को झूठा फंसाया गया है।

दिल्ली में पीड़िता के शव का पोस्टमार्टम हुआ। शव को हाथरस लाने में भीम आर्मी का दिल्ली में प्रदर्शन बाधक बन रहा था, पर रात्रि साढ़े नौ बजे पीड़िता का शव दिल्ली से हाथरस के लिए रवाना कर दिया गया। जहां स्थानीय प्रशासन ने रात्रि में ही अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली थी। रात में 1 बजे जैसे ही शव गांव पहुंचा, वैसे ही पुलिस उसे सीधे श्मशान घाट पर ले जाना चाहती थी पर परिजनों की जिद पर उसे घर ले जाया गया। पर शव के घर पहुंचते ही परिजन सुबह अंतिम संस्कार करने की बात कहने लगे। चूंकि प्रशासन को अंदेशा था कि शव के जल्दी अंतिम संस्कार न किये जाने से सुबह तक दंगा भड़कने के इनपुट इंटेलीजेंस से मिल रहे थे। इसके बाद तुरत-फुरत करते हुए लगभग ढाई बजे पुलिस ने शव को करीब एक किलोमीटर दूर ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया। ये आरोप पीड़िता के परिजनों ने लगाया पर एसपी के मुताबिक अंतिम संस्कार में पीड़िता के परिजन मौजूद थे।

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30 सितम्बर हाथरस में एक घंटे तक प्रदर्शनकारियों ने जमकर बवाल काटा। हिंसक प्रदर्शन कर दुकानें जबरन बंद कराई गयीं। पुलिस ने भी प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठियां भांजी और आंसू गैस के गोले छोड़े। कांग्रेस जिलाध्यक्ष सहित 145 लोगों पर मुकद्मा दर्ज किया गया। 25 नामजद व 120 अज्ञात लोगों पर मुकद्मा हुआ। एसआईटी ने भी आते ही अपनी जांच शुरू कर दी। जनपद की सीमाओं को भी सील कर चेकिंग की जा रही है।

देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़िता के पिता से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात की और 25 लाख मुआवजा, सरकारी नौकरी व परिजनों को आवास देने का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी योगी आदित्यनाथ को इस प्रकरण में कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। पीड़िता की मां ने कहा कि आखिरी बार हम बेटी को हल्दी चंदन लगाकर पारम्परिक तरीके से विदा करना चाहते थे पर ऐसा न हो सका, पुलिस ने जबरदस्ती शव जला दिया। तो वहीं डीएम ने कहा कि परिजनों की मांग पर ही शव गांव में उनके घर ले जाया गया था। करीब एक घंटे बाद पिता की सहमति के बाद परिजनों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। इस पूरे मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव व डीजीपी को नोटिस भेजा है।

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1 अक्टूबर हाथरस जा रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी वाड्रा को पुलिस ने यमुना एक्सप्रेस वे में ही रोक लिया। पांच घंटे तक चले इस हाईवोल्टेज ड्रामा में राहुल गांधी लड़खड़ाकर गिर तक गये। हालांकि इस बात के आरोप भी लगे कि राहुल गांधी जानबूझकर गिरे। राहुल ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें रोका, पीटा और धक्का देकर गिरा दिया। इसी प्रकार सपा के नेता भी वहां जा रहे थे पर प्रशासन ने उन्हें जाने से रोका। तो उन्होंने बैरिकेडिंग तोड़ दी, जिस पर प्रशासन ने सभी को हिरासत में ले लिया। इसके बाद सपाईयों ने बस पर पथराव कर दिया। लेकिन इसी बीच खबर आई कि आगरा की फाॅरेंसिक लैब में जो जांच चल रही थी, उसमें दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। फाॅरेंसिक लैब में तीन चरणों में पांच वैज्ञानिकों ने जांच की, पर उन्हें इस बात के कोई भी सुबूत नहीं मिले कि दुष्कर्म हुआ हो।

हालांकि लैब ने इसकी स्लाइड आगे होने वाली जांचों के लिए सुरक्षित रखी है। इसके साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। एडीजी ने कहा कि फाॅरेंसिक लैब में स्लाइड और कपड़ों की जांच में दुष्कर्म की पुष्टि न होने के बाद पुलिस अब आरोपितो के खिलाफ केवल हत्या की धारा के तहत ही कार्यवाही करेगी। इसी बीच मृतका के पिता ने भी मुख्यमंत्री के आश्वासन से संतुष्ट होकर एक पत्र जारी कर धरना-प्रदर्शन न करने की अपील की। पूर्व विधायक जमीरउल्ला व कांग्रेसी नेता श्योराज जीवन समेत 167 लोगों पर मुकद्मा दर्ज कर लिया गया है। प्रशासन भी पल-पल की खबरें शासन तक भेज रहा है। डीएम का भी एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ जिसमें पीड़ित परिवार के मुताबिक वो धमकी दे रहे हैं। इस मामले का हाईकोर्ट ने भी स्वतः संज्ञान लेकर अधिकारियों को तलब किया।

2 अक्टूबर अंतिम संस्कार के तीसरे दिन भी मृतका की अस्थियां बिखरी पड़ी रहीं। डीएम के वायरल वीडियो के बाद डीएम ने सफाई दी कि सौहार्दपूर्ण वातावरण में परिवार से बात हुई थी, इसमें धमकी नहीं बल्कि आग्रह था। उधर तमाम पुलिस की सुरक्षा को धता बताते हुए पीड़िता का चचेरा भाई मीडिया कर्मियों से मिला और आपबीती बताई। गांव वाले भी अब युवती और आरोपित युवक संदीप की नजदीकियों की बातें कर रहे हैं।

गांव में महापंचायत हुई जिसमें आरोपियों के पक्ष में आवाजें उठीं, कहा कि युवकों को जबरन फंसाया गया है। उधर भाजपा के पूर्व विधायक राजवीर सिंह पहलवान ने भी आरोपितों को गलत फंसाये जाने की बात की, उन्होंने आरोप लगाया कि मौत के लिए मां और भाई जिम्मेदार हैं। टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन भी बूलगढ़ी पहुंचे और परिवार से मिलने की कोशिश की पर पुलिस सुरक्षा के चलते काफी धक्कामुक्की हुई और पुलिस ने किसी को भी परिवार से मिलने नहीं दिया। एसआईटी की पहली रिपोर्ट पर जिले के कप्तान व सीओ समेत पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिये गये। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि बेटी का परिवार खुद को अकेला न समझे। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस मामले में दोषियों को ऐसा दण्ड मिलेगा जो उदाहरण बनेगा।

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3 अक्टूबर मुख्यमंत्री योगी ने हाथरस कांड की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। इसके बाद दो दिन से बंद बूलगढ़ी के रास्ते पुलिस ने खोल दिये। राज्य के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी भी दोपहर 2:20 पर गांव पहुंचे व परिवार के साथ जमीन पर बैठकर करीब 40 मिनट तक वार्ता की। दोषियों को न बख्शे जाने की बात पर दोनों अधिकारियों के आश्वासन से परिवार संतुष्ट दिखा। शाम को राहुल व प्रियंका गांधी ने बूलगढ़ी पहुंचकर परिवार से बंद कमरे में 52 मिनट बात की। राहुल गांधी ने इस दौरान पीड़ित परिवार को 10 लाख का चेक भी दिया। इसके बाद पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की बात की।

नार्को टेस्ट की बात पर पीड़ित परिवार तैयार नहीं है जबकि आरोपित पक्ष तैयार है। उधर एक नई बात निकलकर भी सामने आ रही है कि आरोपित युवक अपनी अपनी जगह रोजमर्रा के कामों में व्यस्त थे, उन्हें जबरदस्ती फंसाया जा रहा है। आरोपितों के पक्ष में सवर्ण समाज ने नारेबाजी भी की। एसआईटी ने भी निलंबित एसपी से बात की। परिवार ने कहा कि आरोपियों को फांसी के बाद विसर्जित करेंगे अस्थियां। हाथरस में अब भी राजनीतिक उबाल चरम पर पहुंच रहा है।

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4 अक्टूबर बूलगढ़ी प्रकरण पर दिनभर सियासी संग्राम चलता रहा, पथराव व लाठीचार्ज भी हुआ। 4 घंटे आगरा-अलीगढ़ हाईवे बाधित रहा। एक तरफ बड़ी संख्या में सपाईयों के जमा होने से और दूसरी ओर करणी सेना के जमा होने से भी टकराव के हालात बने। पर प्रशासनिक सूझबूझ से टकराव टला। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने कहा कि महिला कर्मियों से अभद्रता पर हल्का बल प्रयोग हुआ। लाठीचार्ज पर अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया। सोशल मीडिया पर एक फर्जी खबर भी चली जिसमें चैनल के फर्जी स्क्रीन शाॅट से सीएम योगी का फर्जी बयान दिखाया गया, इस पर एफआईआर दर्ज की गयी। पीड़िता के घर जाने को लेकर रालोद और पुलिस में काफी नोकझोंक हुई। दुष्कर्म की थ्योरी चारों आरोपितों के परिजनों के गले से नीचे नहीं उतर रही। उन्होंने भी भारी प्रदर्शन कर झूठा फंसाये जाने की बात कही। सवर्ण समाज ने भी अर्धनग्न प्रदर्शन किया और पूंछा कि आखिर पीड़िता का परिवार नार्को टेस्ट से इंकार क्यों कर रहा है।

देर शाम करणी सेना ने भी गांव में पहुंचकर माहौल को गर्माया। रात में पीड़ित परिवार के लिए पूर्व विधायक भगवान स्वरूप शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित खाना लेकर पहुंचे, उनका दर्द बांटा व उनके साथ खाना खाया। हाथरस के सांसद पर जेल पहुंचकर आरोपितों से मुलाकात करने की चर्चा पर सांसद ने इस बात से इंकार किया। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर रावण ने भी पीड़िता के परिजनों से बंद कमरे में मुलाकात की। और परिवार को सुरक्षा देने की मांग की। दिल्ली की निर्भया का केस लड़ने वाली वकील सीमा कुशवाहा ने गांव जाकर परिवार का केस लड़ने की बात की तो परिजनों ने वकालतनामे पर हस्ताक्षर कर दिये।

5 अक्टूबर सोशल मीडिया में वायरल हो रही भड़काऊ पोस्टों पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह सहित बीस संगीन धाराओं में मुकद्मा दर्ज किया है। पुलिस ने पूर्व विधायक राजवीर सिंह पहलवान समेत 200 लोगों पर भी मुकद्मा दर्ज किया है। उधर करणी सेना ने सांसद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सांसद भी दोराहे पर फंसते नजर आ रहे हैं, पीड़ित परिवार बेटी को रात में जलाने पर खफा है तो आरोपितों के परिवार और गांव वाले भी सांसद से नाराज हैं। प्रशासन ने पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिए डेढ़ सेक्शन पीएसी तैनात कर दी है। पुलिस ने अब तक सोशल मीडिया में हिंसा भड़काने की साजिश के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

लखनऊ, बिजनौर, सहारनपुर, बुलंदशहर व प्रयागराज में 13 मुकद्मे दर्ज किये गये हैं। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह पर स्याही फेंकने पर बवाल, पथराव व लाठीचार्ज हुआ। भीम आर्मी प्रमुख रावण समेत 500 लोगों पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। कांग्रेस नेता उदित राज भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे।

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6 अक्टूबर सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस कांड को भयावह बताया। कोर्ट ने सरकार से तीन बिंदुओं पर 8 अक्टूबर तक हलफनामा मांगा है। सरकार ने कोर्ट से कहा कि हिंसा की आशंका पर रात में अंत्येष्टि कराई गयी। सरकार को बदनाम करने का भी आरोप लगाया, जिसकी जांच केन्द्रीय एजेंसी से कराने की बात की। कोर्ट में सरकार ने सामूहिक दुष्कर्म से साफ इंकार किया। उधर मृतका के भाई और आरोपित के फोन से 104 बार बातचीत के रिकाॅर्ड से सनसनी मच गयी है। मार्च के बाद की काॅल डिटेल को भी खंगाला जा रहा है। सिर्फ फरवरी में ही 40 बार एक-दूसरे को काॅल की गयी। केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे।

उधर कोरोना जांच के लिए बूलगढ़ी में पूरे दिन टीम बैठी रही पर किसी ने भी कोरोना जांच के लिए सैम्पल नहीं दिया। बगल के गांव बघना में आरोपितों के पक्ष में सैकड़ों लोगों की भीड़ एकत्र कर पंचायत होने की जानकारी जैसे ही पुलिस को हुई, वैसे ही उन्हें वहां से खदेड़ा गया। मृतका के घर में मेटल डिटेक्टर लगाया गया है, हर आने-जाने वाले की पहचान की जा रही है। घर के लोगों की गिनती करने पर एक युवती गायब मिली, पता चला कि वो युवती भीम आर्मी की सदस्य थी और यहां रिश्तेदार बनकर रह रही थी। गांव की महिलाओं ने भी कहा कि उन्हें सीएम योगी पर पक्का यकीन है। बेवजह प्रदेश को बदनाम नहीं किया जाना चाहिये। प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के चार सदस्यों को हिरासत में लेने के बाद जातीय संघर्ष की आड़ में प्रदेश में व्यापक दंगा कराने की साजिश की जानकारी निकल कर आ रही है।

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7 अक्टूबर हाथरस कांड में करोड़ों की फंडिंग का मामला सामने आया है। ईडी ने गिरफ्तार किये गये पीएफआई के सदस्यों से पूंछताछ में ये ब्यौरा निकाला है। सरकार भी इस मामले में चैकन्नी हो गयी है। पीएफआई के इन चारों सदस्यों पर राजद्रोह की धारा लगाई गयी है। उधर केस में नया मोड़ आने से एसआईटी ने भी जांच रिपोर्ट देने के लिए 10 दिन का समय और मांगा है। बूलगढ़ी के बगल के गांव बघना में ग्रामीणों ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी व भीम आर्मी पर हिंसा फैलाने व जातीय संघर्ष कराने का आरोप लगाकर इनका पुतला फूंक डाला। उधर मृतका के घर पर विभिन्न संगठनों के लोगों का आना-जाना जारी है। करणी सेना के लोग भी आरोपितों के घर पर जाकर उनके परिवार से मिले और उनके साथ खड़े रहने का भरोसा दिलाया। पर पुलिस प्रशासन अब काफी हद तक तनाव मुक्त महसूस कर रहा है।

एसपी हाथरस ने बताया कि पीड़िता के घर में भीम आर्मी के तीन सदस्य गुपचुप तरीके से रह रहे थे, वो ही मीडिया में भड़काऊ बयान भी दे रहे थे। इधर जब परिवार के प्रत्येक सदस्य को सुरक्षा मुहैय्या कराने की बात पर गिनती हुई तो तीनों लोग चुपचाप खिसक लिये। घर पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी की जा रही है। उधर मृतका व आरोपित संदीप के बीच 104 बार काॅल किये जाने की विस्तृत जांच हो रही है। संदीप ने मृतका का नम्बर अपने मोबाइल में सैनिटाइजर के नाम से फीड कर रखा था। पुलिस घटना से जुड़े अन्य वीडियो भी तलाश रही है। बूलगढ़ी प्रकरण को लेकर कांग्रेसी नेता श्योराज जीवन का एक स्टिंग आपरेशन भी सामने आया है, जिसमें वो दंगा कराने की बात कर रहा है। लेकिन श्योराज ने कहा कि उसने इस बात को पहले ही एडीजी से बता दिया था। डीएम ने बताया कि केस की सुनवाई हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ कर रही है, 12 अक्टूबर को कड़ी सुरक्षा में मृतका का परिवार भेजा जायेगा।

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8 अक्टूबर हाथरस कांड के चारों आरोपियों ने जेल से एक पत्र मुख्यमंत्री के नाम भेजा जिसमें उन्होंने युवती की हत्या के लिए उसकी मां व भाई को जिम्मेदार ठहराया है। और लिखा है कि उन्हें गलत फंसाया गया है। उधर हाईकोर्ट ने मृतका के परिवार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने प्रशासन द्वारा कैद करने की बात कही थी। सीसीटीवी कैमरे और पुलिस की जांच व सख्ती से पीड़ित परिवार से मिलने वालों की संख्या में कमी आई है। जो रिश्तेदार बनकर यहां रह रहे थे, वो भी धीरे-धीरे खिसक लिये। कांग्रेस नेता श्योराज जीवन से पुलिस ने करीब 3 घंटे पूंछतांछ की। 10 दिन और मिलने के बाद एसआईटी ने जांच को तेज करते हुए गांव के 40 लोगों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस दिया है।

9 अक्टूबर गांव के 40 लोगों के बयान एसआईटी ले रही है। डीआईजी शलभ माथुर भी बूलगढ़ी पहुंचे। हाथरस कांड में सियासी पारा थमने का नाम नहीं ले रहा, जांच में जातीय उन्माद फैलाने के संकेत में पीएफआई के साथ भीम आर्मी का नाम भी आने से चन्द्रशेखर रावण ने सीएम योगी को धमकी तक दे डाली।

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