बुन्देलखण्ड में नही टला पाकिस्तान टिड्डीदल का खतरा

पाकिस्तानी टिड्डी दल ने बुन्देलखण्ड में झांसी से प्रवेश किया था जिससे समूचे बुन्देलखण्ड में टिड्डी दल के हमले का खतरा पैदा किया गया था लेकिन निगरानी समितियों के प्रयास से यह दल ललितपुर के तालबेहट से होता हुआ बबीना की तरफ और उसके बाद बबीना से छतरपुर और छतरपुर से आज सागर पहुंच गया। किसी भी समय टिड्डी दल का मूवमेंट कहीं कहीं भी हो सकता है इसलिए यह कहने में गुरेज नहीं है कि की टिड्डियों का खतरा बुन्देलखण्ड में अभी भी टला नहीं है। यूपी और एमपी के जनपदों में इन्हें भगाने के लिए तरह तरह के इंतजाम किए गए हैं और पूरे बुन्देलखण्ड में अलर्ट जारी किया गया है।
पाकिस्तानी टिड्डी दल ने राजस्थान से होते हुए भारत में प्रवेश किया था और यह टिड्डी दल 2 दिन पहले झांसी पहुंच गया था टिड्डी दल प्रति घंटा 2 किलोमीटर के हिसाब से मूवमेंट करता है और ऐसे स्थान में रुकता है जहां हरियाली होती है और ठंडी हवा होती है। जहां यह टिड्डी दल रुकता है वहां की फसल को चट कर देता है।जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है। इस दल दल में करीब 90 लाख की संख्या बताई जा रही है। झांसी में टिड्डी दल 2 दिन पहले घुसपैठ की लेकिन प्रशासन ने वहां पहले से तैयारी कर रखी थी। संभावित स्थानों पर कीटनाशक रसायनों का छिड़काव किया गया था इसके अलावा टिड्डी दल को भगाने के लिए डीजे आदि की व्यवस्था की गई थी। जिसके माध्यम से उन्हें भगाया गया। बताया जाता है कि टिड्डी दल रविवार को शाम 6 बजे बबीना में देखा गया था उसके बाद तालबेहट के कड़ेश्वरा गांव में रात9 बजे देखा गया था।
बताते चलें कि टिड्डी दल की घुसपैठ को देखते हुए बुन्देलखण्ड के सभी जनपदों में सतर्कता बढ़ा दी गई थी इसके लिए कृषि विशेषज्ञ व कीट विशेषज्ञों की सलाह पर टिड्डी दल से निपटने की रणनीति बनाई गई थी। वही टिड्डीदल से निपटने के लिए कोटा राजस्थान से विषय विशेषज्ञों का एक दल भी बुन्देलखण्ड में आ चुका है। जिसकी सलाह पर सभी जनपदों मैं तैयारी की गई है।
इस संबंध में छतरपुर प्रतिनिधि ने खबर दी है कि टिड्डी दल ने कल छतरपुर में एंट्री की थी और वहां से उनका मूवमेंट पन्ना की तरफ हो गया था। वही हमारे सागर के प्रतिनिधि ने जानकारी दी है कि टिड्डीदल का पड़ाव सागर के देवरी जंगल में सोमवार की रात रहा है और मंगलवार को सवेरे इनका रुख रहली की ओर हो गया था अब यह दल किस ओर जाएगा कुछ कहा नहीं जा सकता है। बताया जाता है कि टिट्टी दल इस समय मूंग की फसल को नुकसान पहुंचा रहा है।
उधर कृषि विश्वविद्यालय बांदा के कीट विज्ञान में विभागाध्यक्ष डॉ एसके सिंह ने बताया कल इनका लोकेशन छतरपुर के आसपास मध्य प्रदेश मे रहा है। श्री सिंह ने बताया कि टिड्डी दल हवा के रुख के अनुसार चलता है इसलिए अगर हवा का रुख उत्तर प्रदेश की तरफ होगा तो किसी भी समय टिड्डी दल का प्रवेश पन्ना छतरपुर की तरफ से बांदा जनपद में भी हो सकता है। टिड्डी दल के हमले की आशंका में बांदा में भी प्रशासन ने व्यापक इंतजाम कर लिए हैं।
टिड्डी दल की निगरानी मे लेखपाल ,प्रधान व सचिव की ड्यूटी लगाई गई
पाकिस्तानी टिड्डी दल के प्रकोप की रोकथाम के लिए बांदा में भी तैयारी की गई है। इसके लिए ग्राम प्रधान सचिव व लेखपाल की ड्यूटी लगाई गई है। राजस्थान व पंजाब के कई क्षेत्रों में टिड्डी दल के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बांदा में भी टिड्डी दल के हमले की संभावना बढ़ गई है, ऐसे में जनपद में इसके रोकथाम की पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल ने निर्देश दिए हैं कि टिड्डी दल के प्रकोप की सूचना जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने के लिए ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक तथा ग्राम पंचायत अधिकारी उत्तरदाई होंगे। टिड्डी के प्रकोप की दशा में एक साथ इकट्ठा होकर टीम के डिब्बों ,थालियां, ढोलक बजाते हुए शोर मचाये, शोर से टिड्डी आसपास के खेतों में हमला नहीं कर पाएंगे।
जिलाधिकारी ने सभी जिला अधिकारियों तहसीलदारों को निर्देश दिए हैं कि लेखपाल के माध्यम से जांच कराते हुए टिड्डी दल के दिन में भ्रमण के स्थित की जानकारी करते रहें और प्रशासन को सूचना उपलब्ध कराते रहें। अधिशासी अधिकारी नगर पालिका, नगर पंचायत में पानी भरवा कर के साथ टैकर तैयार रखें ताकि आवश्यकता पड़ने पर उपलब्ध करा सके।
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