देश के 766 जिलों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार होंगे एकजुट
अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण परिषद की राष्ट्रीय समन्वय समिति का दो दिवसीय मंथन शिविर...
अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण परिषद की राष्ट्रीय समन्वय समिति का दो दिवसीय मंथन शिविर बिहार के पटना में आयोजित किया गया। जिसमें 42 सदस्यों की राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित की गई और एक प्रस्ताव पारित करके निर्णय लिया गया कि यह समिति देश के 766 जिलों में जाकर संगठन को मजबूत करेगी।
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18 व 19 दिसंबर को संपन्न हुए दो दिवसीय मंथन शिविर में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रहलाद प्रजापति, राष्ट्रीय समन्वयक हरिराम गुप्ता, बिहार प्रांत के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर कुमार पटेल के मौजूद रहे। जिसमें बांदा के डॉ संजय द्विवेदी दनादन व झांसी के गिरजा शंकर राय को राष्ट्रीय समन्वय समिति का सदस्य मनोनीत किया गया। इनके अलावा सम्मेलन में 18 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल रहे। इसी तरह इस शिविर में बिहार प्रांत के 38 जिलों के अध्यक्ष भी सम्मिलित रहे। इस अवसर पर बांदा के संजय द्विवेदी दनादन ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित गोपीनाथ दनादन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सुभाष चंद्र बोस व चंद्रशेखर आजाद जैसे सेनानी आकर उनके घर में रुकते थे।
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दनादन जी उनकी मदद भी करते थे और उन्होंने हर मामले में अंग्रेजों से डटकर मुकाबला किया, इसके लिए उन्हें जेल की यातनाएं सहनी पड़ी। सम्मेलन में यह निर्णय भी लिया गया कि हमें अपने पूर्वजों क्रांतिकारियों व शहीदों के सम्मान व अस्तित्व की लड़ाई लड़नी है। हर जिले में क्रांतिकारियों एवं शहीदों का म्यूजियम होना चाहिए। उनके नाम से प्रतिष्ठानों के नाम रखे जाएं। सभी प्रदेशों में समन्वय समिति की बैठक की जाए। जिसका वार्षिक चार्ट तैयार किया गया। आजादी का अमृत महोत्सव की 2047 तक चलेगा जिसमें नई पीढ़ी के नए भारत की कल्पना की गई।
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महाराष्ट्र के स्वतंत्रता सेनानी अनंत लक्ष्मण जी ने कहा कि 42 सदस्यों की टीम देश के 766 जिलों में जाकर संगठन को मजबूत करने के लिए निकले और देश के सभी जिलों में संगठन को तैयार किया जाए। इस अवसर पर राजस्थान से सत्यनारायण कटारिया करुणा सोम चौधरी (बंगाल) सुनील कुमार (छत्तीसगढ़) सुरजी देवी (पटना) अजय कुमार (झारखंड) के अलावा अरुणाचल, असम, कर्नाटक महाराष्ट्र आदि प्रांतों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।