बाँदा : ईंट-भट्ठे में बंधक बनाकर रखे गए 42 बाल व बंधुआ मजदूर मुक्त

बांदा असंगठित मजदूर मोर्चा ने सुलतानपुर जिले के बैती कला लभूआ गांव से ईंट-भट्ठे में बंधक बनाकर रखे गए अनुसूचित जाति वर्ग..

बाँदा : ईंट-भट्ठे में बंधक बनाकर रखे गए 42 बाल व बंधुआ मजदूर मुक्त

बांदा  असंगठित मजदूर मोर्चा ने सुलतानपुर जिले के बैती कला लभूआ गांव से ईंट-भट्ठे में बंधक बनाकर रखे गए अनुसूचित जाति वर्ग के आठ परिवारों के 42 बाल व बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया। सभी बबेरू के पून और अतर्रा के थनैल गांव के रहने वाले हैं। मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दल सिंगार को सूचना मिली की ईंट-भट्ठा में बंधक बनाकर मजदूरों से काम कराया जा रहा है। जिसके बाद संगठन ने मजदूरों से संपर्क किया।

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पता चला कि बांदा के देवशरण व अन्य आठ परिवार के 42 बाल एवं बंधुआ मजदूरों को राजदेव ईंट भठ्ठा में बंधक बनाकर रखा गया है। पूरा सीजन काम कराने के बाद मजदूरी मांगने पर अभद्रता, गाली-गलौज व धमकी दी जा रही है। सभी बांदा जिला के बबेरू पून गांव के मजरा भूरेनी का पुरवा, बेलगांव और अतर्रा के थनैल के सहदी का पुरवा के अनुसूचित जाति वर्ग के आठ परिवार हैं।

दल सिंगार ने बताया कि इन सभी को अग्रिम राशि देकर नवंबर 2021 में ट्रक से काम कराने के लिए ले जाया गया था। ईंट भट्ठा मालिक भीम यादव, संतोष यादव और अंकित यादव ने कम पैसे में जबरन काम कराया और घर नहीं जाने दिया। दस जून को सूचना मिलने पर संगठन ने आलाधिकारियों को सूचित किया, जिसके बाद मंगलवार को सभी को मुक्त कराया गया।

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