‘प्रत्येक भारतीय महिला को भगिनी निवेदिता द्वारा किए गए कार्यों और उनके आचरण को आत्मसात करना चाहिए’

भारतीय शिक्षण मंडल, महाकौशल प्रांत महिला प्रकल्प द्वारा भगिनी निवेदिता जयंती के अवसर पर साप्ताहिक कार्यक्रम..

‘प्रत्येक भारतीय महिला को भगिनी निवेदिता द्वारा किए गए कार्यों और उनके आचरण को  आत्मसात करना चाहिए’
भारतीय शिक्षण मंडल (Indian Board of Education)

भारतीय शिक्षण मंडल, महाकौशल प्रांत महिला प्रकल्प द्वारा भगिनी निवेदिता जयंती के अवसर पर साप्ताहिक कार्यक्रम प्रांत वृत्त मण्डल परिक्रमा हेतु महिला प्रकल्प राष्ट्रीय प्रमुख प्रो.विनय कपूर,  महिला प्रकल्प राष्ट्रीय सह प्रमुख सुश्री.अरूंधती कावडकर  के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। 

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श्रीमती अरूणा सारस्वत राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने आशीर्वचन - देते हुए कहा कि आज की पीढ़ी भगिनी निवेदिता को जाने और शिक्षक अपने दायित्व को आत्मीय अभिमानशून्य, स्नेहल, पारिवारिक वातावरण जैसा बनाए।निवेदिता के मन में अपने गुरु विवेकानंद जी एवं भारतभूमि के प्रति जो अपार श्रृद्धा रही उसे हम सबको आत्मसात करना चाहिए।

मुख्य वक्ता मुकुल कानिटकर भारतीय शिक्षण मंडल राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने कहा कि प्रत्येक भारतीय महिला को भगिनी निवेदिता द्वारा किए गए कार्यों और उनके आचरण को  आत्मसात करना चाहिए। पश्चिम में जन्मी भगिनी निवेदिता बनने के लिए भारत में जन्मे हम बंधु भगिनियों को साहस, परिश्रम ,ज्ञान साधना की आवश्यकता है। तभी हमसभी जागृत भारत माता के प्रति समर्पित भाव से सेवा कर सकेंगे। 

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अग्निशिखा भगिनी निवेदिता ने स्वामी विवेकानंद के व्रत,मिशन लक्ष्य प्राप्ति के लिए स्वयं को समर्पित किया। आज भगिनी निवेदिता के कार्यों को जानने उनके साहित्य पर चिंतन, मनन शोध कराने की आवश्यकता है। महिला प्रकल्प की समस्त मातृशक्तियों को, युवाओं को अपने उत्थान के लिए,संगठन के लिए भगिनी निवेदिता पर शोध एवं आध्यात्मिक चेतना की दिशा में परिश्रम करना चाहिए । भगिनी निवेदिता के जन्मजयंती आयोजन 28 अक्टूबर  से प्रारंभ हुआ। जिसके अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों यथा निबंध प्रतियोगिता ,काव्य पाठ ,ड्राइंग- पोस्टर ,कोलाज मेकिंग एवं राष्ट्रीय वेबीनार, परिसंवाद  का आयोजन किया गया ।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रुप में डा प्रतिभा पाण्डेय, डॉ अर्चना पाण्डेय, डॉ सुधा गुप्ता अमृता, डॉ नन्दिता पाठक , डॉ ममता सिंह का विशेष सहयोग रहा। राष्ट्रीय वेबिनार की संयोजिका डॉ ऊषा मिश्रा , भाषण प्रतियोगिता की संयोजक डा विभा श्रीवास्तव, निबंध प्रतियोगिता डा संगीता सुहाने, काव्यगोष्ठी की संयोजिका डॉ शोभा सराफ ,परिसंवाद डॉ प्रतिभा तिवारी रहीं। कोलाज प्रतियोगिता की संयोजक श्रीमती पल्लवी सक्सेना रही। तत्पश्चात 7 नवंबर 21 को कार्यक्रम के समापन पर वेबिनार का आयोजन भारतीय शिक्षण मंडल महिला प्रकल्प जबलपुर द्वारा आयोजित किया गया।,जिसका विषय गुरु शिष्य परंपरा रहा। 

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कार्यक्रम का संयोजन एवं अतिथि परिचय डॉक्टर नीलम दुबे जिला संयोजक एवं महिला विभाग प्रमुख जबलपुर एवं मंच संचालन डॉ अतुल दुबे प्रांत संपर्क प्रमुख द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर विनय कपूर ने कहा कि गुरु शिष्य परंपरा सनातन काल से चली आ रही है। अखिल भारतीय महिला प्रमुख भारतीय शिक्षण मंडल एवं कुलगुरु डॉक्टर बी. आर. अंबेडकर लॉ विश्वविद्यालय सोनीपत रही।  विषय प्रवर्तन डॉक्टर अखिलेश गुमास्ता जी द्वारा किया गया । आपने पाश्चात्य शिक्षा जगत में रमी भगिनी निवेदिता के शिष्यत्व शिक्षा, स्वास्थ्य,समाज के प्रति भारतीय बालिका शिक्षिका के रुप में कार्य करना। मां शारदा विद्यालय की स्थापना जैसे अनेक कार्यों का विवेचन किया।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सुश्री अरुंधति नीलकंठ कावड़कर पालक अधिकारी भारतीय शिक्षण मंडल महाकौशल प्रांत ने कहा भगिनी निवेदिता स्वामी विवेकानंद की शिष्या थी जिन्होंने उनके कार्यों को समाज एवं राष्ट्र के प्रत्येक हिस्से तक पहुंचाया । कार्यक्रम के समापन अवसर पर आभार डॉ . सरोज गुप्ता प्रांत महिला प्रमुख महाकौशल प्रांत द्वारा प्रस्तुत किया गया। भारतीय शिक्षण मंडल महाकौशल प्रांत के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल मुकुंद कनिटकर  ने महिला प्रकल्प को मां की संज्ञा दी। आपने कहा कि महिलाएं सर्वसमर्थ हैं ,वह शिक्षा के भारतीयकरण के लिए भगिनी निवेदिता की तरह अपना सर्वस्व समर्पण कर भारतमाता के चरणों में सेवा का संकल्प लें। 

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