बुंदेलखण्ड विश्वकोश की बैठक में वेबसाईट व पोर्टल के डिजाइन के लिए हुआ मंथन
बुंदेलखण्ड विश्वकोश के संबंध में एक आवश्यक बैठक संपन्न हुई. तकनीकी विशेषज्ञ डा के. कृष्ण राव की अध्यक्षता में आयोजित..
बुंदेलखण्ड विश्वकोश के संबंध में एक आवश्यक बैठक संपन्न हुई. तकनीकी विशेषज्ञ डा के. कृष्ण राव की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में विश्वकोश से जुड़ी समितियों के प्रभारियों ने वेबसाइट को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
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डॉ के कृष्ण राव ने बुन्देलखण्ड विश्वकोश की प्रारम्भिक लक्ष्य - प्रक्रिया पूर्ण करने, वेबसाईट व पोर्टल के डिजाइन , समस्त समितियों की भूमिका, उद्देश्य एवं कार्य की रुपरेखा का सारगर्भित उल्लेख करने के साथ बुंदेलखंड की धरोहरों, ज्ञान की शाखाओं के प्रतिष्ठित विद्वानों के नाम , स्थान परिचय सहित व उनके अवदान के विवरण को लेकर विस्तार से चर्चा की।
वेब डिजाइनर कु चांदनी सोनी ,संयोजक डा सरोज गुप्ता, इतिहास समिति प्रभारी प्रो ब्रजेश श्रीवास्तव, पत्रकारिता समिति प्रभारी डा आशीष द्विवेदी ,संस्कृति समिति प्रभारी डॉ पंकज तिवारी , बुन्देलखण्ड नारी शक्ति प्रभारी डॉ ऊषा मिश्रा , पुरातत्व समिति प्रभारी डॉ नागेश दुबे सहित सभी ने वेबसाईट का अवलोकन किया तथा बुन्देलखण्ड विश्वकोश योजना राष्ट्रीय सोसायटी हेतु अन्य प्रदेशों में रह रहे अन्य प्रदेशों यथा-राजस्थान छत्तीसगढ़ दिल्ली महाराष्ट्र गुजरात उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश के सहयोगियों के नाम की चर्चा की।
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साथ ही बुंदेलखंड के वरिष्ठ साहित्यकारों , विषय विशेषज्ञों विद्वतजनों का नाम जिन्होंने प्रारंभ से लेकर अभी तक अपना अभूतपूर्व योगदान दिया ऐसे उन सभी लोगों को यथानुसार बुन्देलखण्ड की वेबसाईट पर मार्गदर्शक /परामर्शदाता मण्डल के रूप में परिचय के साथ स्थान दिया जाएगा।
श्री सचिन चतुर्वेदी ने ट्रस्ट/सोसाइटी के सम्बन्ध में कहा कि बुन्देलखण्ड विश्वकोश योजना हेतु ट्रस्ट/सोसाइटी का संविधान लगभग तैयार कर लिया गया है। शीघ्र ही सभी वरिष्ठजनों के अवलोकनार्थ प्रेषित किया जायेगा जो भी सुझाव मिलेंगे, उसे इसमें सम्मिलित कर संपादित करने का काम भी शीघ्र प्रारंभ होगा। ट्रस्ट का स्वरूप अखिल भारतीय स्तर का होगा जिसमें 7 या 8 राज्यों के प्रतिनिधियों का समावेश आवश्यक है।
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प्रदीप तिवारी ने कहा कि बुंदेलखंड विश्वकोश के पंजीयन हेतु आगामी समय में विश्वकोश का पूर्ण सदुपयोग हो, शोधार्थी एवं छात्र छात्राएं इसका सदुपयोग कर सकें इसके लिए संपूर्ण भारतवर्ष की मान्यता के साथ पंजीयन कराना उचित रहेगा। नियमानुसार भारतवर्ष की मान्यता के लिए सोसायटी एक्ट में पंजीयन के लिए कम से कम 7 राज्यों के सदस्यों की आवश्यकता निर्धारित की गई है अतः समिति के समस्त विद्वत जनों से आग्रह है कि 7 राज्यों के सदस्यों को समिति में जोड़कर पंजीयन करायें।
इसके अतिरिक्त भविष्य में बुंदेलखंड विश्वकोश के सक्रिय क्रियाकलापों के आधार पर बुंदेलखंड विश्वकोश को ट्रस्ट के रूप में पंजीयन करा सकेंगे जिससे भविष्य में 80 ळ तथा 12 एवं नीति आयोग में भी निर्धारित मानकों को पूर्ण करके पंजीयन करा सकेंगे। भविष्य में डोनेशन देने वाले दानदाताओं को बुंदेलखंड विश्वकोश की ओर से इनकम टैक्स में भी छूट मिल सकेगी तथा कंपनियों का सीएसआर भी नियमानुसार बुंदेलखंड विश्वकोश प्राप्त कर सकेगा।
बुन्देलखण्ड विश्वकोश वेबसाईट का पोर्टल तैयार किया जा रहा है जिसमें बुंदेलखंड से सम्बंधित समस्त पुस्तकों को अपलोड किया जाएगा। बैठक के समापन अवसर पर डॉ हरिमोहन गुप्ता द्वारा बुंदेलखंड विश्वकोश योजना की सफलता की शुभकामनाओं के साथ सबके प्रति आभार व्यक्त किया गया।
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