26 नवंबर को मनाया जाएगा सागर का गौरव दिवस

नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सागर जिले के नागरिकों से अपनी जन्म और कर्म भूमि के गौरव दिवस मनाने में अपनी...

26 नवंबर को मनाया जाएगा सागर का गौरव दिवस

नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सागर जिले के नागरिकों से अपनी जन्म और कर्म भूमि के गौरव दिवस मनाने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने का आव्हान किया है। उन्होंने बताया कि सागर के तीन प्रमुख गौरव है, जिनका सम्मान हम गौरव दिवस 26 नवंबर को करेंगे।

अपनी जन्म और कर्म भूमि के गौरव दिवस को मनाने में सहभागिता करें: भूपेंद्र सिंह

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नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह रविवार को कलेक्ट्रेट में गौरव दिवस की तैयारियों के संबंध में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर सांसद राजबहादुर सिंह, विधायक शैलेंद्र जैन, प्रदीप लारिया, महापौर प्रतिनिधि डॉ. सुशील तिवारी, कलेक्टर दीपक आर्य, नगर निगम कमिश्नर चंद्रशेखर शुक्ला, अनुविभागीय अधिकारी सपना त्रिपाठी एवं जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सागर जिले कि विकास के लिए सागर के तीन गौरव हैं, जिनका सम्मान हम सभी को हमेशा करना चाहिए। इन तीन गौरव में सर्वप्रथम डॉ. हरिसिंह गौर जिन्होंने अपना सर्वस्व दान करके शिक्षा का मंदिर स्थापित किया, दूसरे दया की दृष्टि से लाखा बंजारा, जिन्होंने सब कुछ त्याग करके सागर को लाखा बंजारा झील दी। इसी कड़ी में विकास की दृष्टि की बात की जाए तो पूर्व कलेक्टर बीआर नायडू, जिन्होंने न केवल लाखा बंजारा झील का जीर्णोद्धार करवाया, वहीं सागर की जनता को हमेशा के लिए पेयजल संकट से उबारने के लिए सागर की लाइफ लाइन राजघाट का निर्माण कराया।

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मंत्री सिंह ने कहा कि देश में डॉ. हरि सिंह गौर से बड़ा दानी नहीं हुआ है। उनके योगदान को युवा पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा नैतिक दायित्व है। इस आयोजन के लिए नगरीय विकास विभाग ने 2 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। सागर गौरव दिवस का पूरा खर्च मध्यप्रदेश सरकार भी उठा सकती है, लेकिन इस गैर राजनैतिक उत्सव को हम सागर की जनता का उत्सव बनाना चाहते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि सभी को अपनी स्वेच्छा अनुसार जन सहयोग का अवसर मिले। बैठक में उपस्थित नगर के गणमान्य नागरिकों और जिले भर की संस्थाओं ने इस भावनात्मक आयोजन के लिए जनसहयोग के रूप में 42 लाख रुपये से अधिक की धनराशि एकत्रित की।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जी स्वयं भी सागर विश्वविद्यालय के दर्शनशास्र विभाग से पोस्ट ग्रेजुएट होकर निकले हैं। इसलिए वे छात्र जीवन से ही डा. गौर के विषय में पूरी जानकारी रखते हैं। मुख्यमंत्री चौहान की इच्छा थी कि डा. गौर की जयंती को ही सागर गौरव दिवस के रूप में भव्यता से मनाने की परंपरा डाली जाए। इस आयोजन में शामिल होने मुख्यमंत्री अपनी तमाम व्यस्तताओं को छोड़ कर सागर आ रहे हैं और तीन घंटे से ज्यादा समय वे आयोजन में रहेंगे।

हिस

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