बांदा में नवरात्र के पहले दिन देवी मंदिरों में भक्तों की उमड़ी भीड़

आदि शक्ति जगत जननी मां जगदंबे के नौ रुपों का दर्शन करने के लिए आस्थावान भोर से ही मंदिरों पर डटे रहे...

Apr 9, 2024 - 04:02
Apr 9, 2024 - 04:06
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बांदा में नवरात्र के पहले दिन देवी मंदिरों में भक्तों की उमड़ी भीड़

बांदा। चैत्र नवरात्र के पहले दिन देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। आदि शक्ति जगत जननी मां जगदंबे के नौ रुपों का दर्शन करने के लिए आस्थावान भोर से ही मंदिरों पर डटे रहे। मां दुर्गे के नौ रुपों में से पहले रूप शैलपुत्री के दर्शन के लिए भक्तों में उत्साह रहा। देवी भक्तों ने जलाभिषेक और पूजन-अर्चन कर माथा टेका और मन्नते मानीं। अगरबत्ती और धूप की भीनि-भीनि खुशबू से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।

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मंदिरों में मत्था टेकने के बाद लोगों ने आदि शक्ति जगत जननी से मंगल कामना की। देवी के जयकारे से पूरा इलाका गुंजायमान हो गया। देवी शक्ति पीठों में भोर से ही देवी भक्त जलाभिषेक और पूजन-अर्चन के लिए उमड़ पड़े। श्रद्धालुओं ने देवी मां को पान-सुपाड़ी, फल-फूल चूनर आदि चढ़ाईं। इसके बाद पूजन-अर्चन कर आरती उतारी व माथा टेका और मन्नते मानीं। शहर के महेश्वरी देवी मंदिर भक्तों ने पूजन-अर्चन किया। काली देवी मंदिर में पूजन-अर्चन करने वाले भक्तों का तांता लगा रहा। सिंहवाहिनी व मरहीमाता मंदिर में कन्याभोज और भंडारे का कार्यक्रम शुरू किया गया। सारा दिन मंदिरों में पूजन-अर्चन का दौर चलता रहा।

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नवरात्र पर्व शुरू होते ही देवी मंदिरों में हवन-पूजन के साथ ही पुरोहितों ने दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू कर दिया है। यजमानों की शांति के लिए यह अनुष्ठान नौ दिनों तक चलेंगे। तमाम श्रद्धालुओं ने घरों में कलश स्थापित कर व्रत रख नवदुर्गा पाठ शुरू किया। चैत्र नवरात्रि के आज पहले दिन मंगलवार को महेश्वरी देवी, काली देवी, सिंहवाहिनी, कालका देवी, मरहीमाता, महामाई, चौसठ जोगिनी, मंदिरों में हवन पूजन के साथ देवी के जयकारे गूंजते रहे। तमाम यजमानों ने मंदिरों में पुरोहितों को संकल्प देकर दुर्गा सप्तशती और देवी पुराण कथा की शुरुआत कराई। महेश्वरी देवी व काली देवी मंदिरों में पुरोहित यजमानों के कल्याण के लिए पूजा-पाठ में जुटे रहे। उधर, घरों में कलश स्थापित कर लोगों ने नौ दिवसीय व्रत रखा और नवदुर्गा पाठ भी शुरू किया। मंदिरों और घरों में कन्याभोज और भंडारों का आयोजन शुरू कर दिया गया है। सिंहवाहिनी व मरहीमाता मंदिर में कन्या भोज कराया गया। शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह जवारे बोए गए।

हिन्दुस्थान समाचार

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