वृक्षारोपण के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च स्थिति जस की तस

रैपुरा वन विभाग में काम कर रहे मजदूर कैमरे के सामने दी जानकारी कि रैपुरा रेंज अंतर्गत अड़बंगन पुरवा के बगल बनाई जा रही नई..

वृक्षारोपण के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च स्थिति जस की तस

रैपुरा वन रेंज विभाग में काम कर रहे लेबरो की मजदूरी में कटौती कर पैसों का बंदरबांट  

रैपुरा वन विभाग में काम कर रहे मजदूर कैमरे के सामने दी जानकारी कि रैपुरा रेंज अंतर्गत अड़बंगन  पुरवा के बगल बनाई जा रही नई प्लांटेशन जिसमें नाली की खुदाई का काम चल रहा है काम कर रहे मजदूरों को 10 मीटर लंबी 2 मीटर चौड़ी डेढ़ मीटर गहरी का मानक बताया गया है,

जब  मजदूरों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि हमें 32 रूपए प्रति नाली के हिसाब से पैसा दिया जाता है उसी हिसाब से हम लोग दिन भर मेहनत कर परिवार का भरण पोषण करते है।आखिर जी तोड़ मेहनत करने वाले मजदूरों की मजदूरी में कटौती क्यों की जाती है क्यों कराया जाता है मानक विहीन कार्य,

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अब सवाल यह उठता है कि सरकार का क्या है मानक मजदूरों को कितनी मिलनी चाहिए प्रति नाली के हिसाब से मजदूरी , हमारी जानकारी के अनुसार लगभग ₹92 प्रति नाली के हिसाब से मजदूरों का भुगतान होना चाहिए आखिर बीच मैं बैठा वह कौन सा अधिकारी कर्मचारी है जो इन गरीबों के मजदूरी में सीधे डाका डाल रहा है, और अपनी जेब भर रहा है,

अभी बात खत्म नहीं हुई रैपुरा के अगरहूँडा के दबरहाई नाम से  सेक्टर 20 हेक्टेयर का प्लांटेशन में व सेक्टर 40 में 2019 में विभाग से लाखों रुपए खर्च कर नाली गड्ढा सुरक्षा खखरी व वृक्षारोपण भी कराया गया था इसी प्लांटेशन में जिम्मेदारो द्वारा उसी को दुबारा खोदवाकर नया कार्य दिखाने की जुगत में लगे है।

इतना ही नही रैपुरा रेंज अंतर्गत अगरहूँडा के मजरे गौहाई पुरवा में खखरी बंधने वाले मजदूरों को पैसा भी नही दिया गया।

वही ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुये बताया प्राथमिक विद्यालय के बगल में वन विभाग की खखरी को लगभग 10 फिट तक अपनी सही जगह से ऊपर की ओर बनवा कर वही के एक व्यक्ति को कब्जा दिलाया गया,व एक स्थानीय वाचर द्वारा वन विभाग की घेरी हुयी खखरी के पत्थरों को निकलवाकर नवनिर्माण हो रहे मकान की नींव से लेकर कुर्सी तक के कार्य मे प्रयोग किया गया।

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आखिर सवाल यह उठता है कि सरकार वन विभाग को हर वर्ष करोड़ों रुपए वृक्षारोपण के नाम पर खर्च करती है, लेकिन वृक्षारोपण की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है, जंगल की सुरक्षा के लिए प्राइवेट वाचर भी लगाए गए हैं फिर भी जंगलों की हरियाली को वन माफिया उजाड़ रहे है

योगी जी का कहना है कि कोई भी अधिकारी कर्मचारी अगर भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी लेकिन अब देखना यह होगा कि रैपुरा वन विभाग में लाखो रुपए वृक्षारोपण के नाम पर खर्च होने के बाद स्थिति ज्यों की त्यों क्यों बनी हुयी है,इस पर क्या कर्यवाही होगी।

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