पहली बार तैयार होने जा रहा है बुन्देलखण्ड विश्वकोश

विश्वकोश या अंग्रेजी में कहें तो एनसाइक्लोपीडिया। किताब की शक्ल में, जिसमें संक्षिप्त से लेकर विस्तृत सभी जानकारियां उसी विषय की शामिल की जाती..

पहली बार तैयार होने जा रहा है बुन्देलखण्ड विश्वकोश
बुन्देलखण्ड विश्वकोश ( Bundelkhand Encyclopedia )

विश्वकोश या अंग्रेजी में कहें तो एनसाइक्लोपीडिया। किताब की शक्ल में, जिसमें संक्षिप्त से लेकर विस्तृत सभी जानकारियां उसी विषय की शामिल की जाती हैं। ऐसा ही एक विश्वकोश तैयार हो रहा है, बुन्देलखण्ड में। जिसका नाम रखा गया है, "बुन्देलखण्ड विश्वकोश" और इस विश्वकोश को तैयार करने का बीड़ा उठाया है मध्य प्रदेश के सागर की प्रोफेसर डॉ. सरोज गुप्ता और बुन्देलखण्ड न्यूज के सम्पादक- सचिन चतुर्वेदी ने।

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"बुन्देलखण्ड विश्वकोश" की संयोजक डॉ. सरोज गुप्ता बताती हैं कि हालांकि ये परिकल्पना काफी पुरानी है, सन् 1940-41 में मधुकर के सम्पादक बनारसी दास चतुर्वेदी  कृष्णानन्द गुप्त एवं उनकी पूरी टीम ने इस पर कार्य करना प्रारम्भ किया था।

इसे लगभग 10 खण्डों में बनाने की रूपरेखा तय हुई,विषय सुनिश्चित हुए पर किसी कारणवश ये अपनी परिणति को प्राप्त नहीं हो सका।अस्सी वर्ष पश्चात्  एक बार पुनः इस पर विचार किया जा रहा है और इसके लिए सबके सहयोग से शुरूआत हो चुकी है। 

डॉ. सरोज गुप्ता कहती हैं, ”पूरे बुन्देलखण्ड चाहे वो उत्तर प्रदेश में हो या मध्य प्रदेश में, जहां भी बुन्देलखण्ड को चाहने वाले लोग हैं, वो धीरे-धीरे इसके लिए आगे आ रहे हैं। काफी अच्छी शुरूआत हो चुकी है, और इस बार ये विश्वकोश अवश्य बनकर तैयार होगा।“

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डॉ. सरोज गुप्ता बताती हैं कि ये परिकल्पना उन्होंने बुन्देलखण्ड न्यूज के प्रधान सम्पादक सचिन चतुर्वेदी के साथ साझा की तो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में इसे सामूहिक रूप से समितियों ओर उपसमितियों में विभक्त कर इस कार्ययोजना को सरल करने पर बात हुई, जिसमें बुन्देलखण्ड के समस्त जिलों से प्रबुद्ध लोगों को शामिल करके एक केन्द्रीय कमेटी तथा जिला स्तर पर भी कमेटियां बनाये जाने पर एकराय बनी। इसके बाद मध्य प्रदेश के सागर, दतिया, टीकमगढ़, दमोह, छतरपुर व पन्ना इत्यादि जनपदों के साथ उत्तर प्रदेश के बांदा, झांसी, जालौन, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट व ललितपुर के प्रबुद्ध लोगों को जोड़ा जा रहा है।

इसके लिए व्हाट्सएप्प ग्रुप, वेबिनार आदि का प्रयोग कर लोगों को इस विश्वकोश के निर्माण के साथ जोड़ना आगामी लक्ष्य रखा गया है। इसके पश्चात कमेटियां बनाकर कार्यों का बंटवारा कर शीघ्र ही इस हेतु सूचनाओं व तथ्यों के संकलन का कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा। सूचनाओं व तथ्यों के संकलन के लिए bundelkhandencyclopedia@gmail.com के नाम से एक ईमेल आईडी भी बनाई गयी है। 

संयोजक डॉ. सरोज गुप्ता कहती हैं कि जो भी लोग इस सामुदायिक कार्य में सहयोगी बनना चाहें, वो उक्त ईमेल पर सम्पर्क कर सकते हैं।

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