बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड उपाध्यक्ष, अभिनेता राजा बुंदेला ने प्रेस कांफ्रेंस में कही ये बड़ी बात

उन्होने कहा कि आजादी के पहले से लेकर अभी तक भौगोलिक, भौतिक एवं सामाजिक परिवर्तन तो हुआ है परन्तु अन्नदाता आज भी भरण पोषण के लिये संघर्षरत...

बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड उपाध्यक्ष, अभिनेता राजा बुंदेला ने प्रेस कांफ्रेंस में कही ये बड़ी बात
अभिनेता राजा बुंदेला प्रेस कांफ्रेंस में..

बांदा,

बुन्देलखण्ड के विकास के लिये हमने माया नगरी छोड़ी है। बुन्देलखण्ड के विकास के लिये मेरा तन मन धन सब समर्पित है। बुन्देलखण्ड के विकास मे नीतिकारो की भूमिका महत्वपूर्ण है। बुन्देलखण्ड के विकास के लिये आन्दोलन के साथ साथ जन संपर्क भी किया है।

बुद्धजीवियो एवं गा्रमीणो का भी भरपूर सहयोग मिला। मैने जीवन के उस दौर मे सिने जगत को त्यागा है जिस समय मेरी पहचान, मांग एवं मूल्य ज्यादा थी। यह वक्तव्य बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष व सिने अभिनेता राजा बुन्देला ने विश्वविद्यालय के 12वें स्थापना सप्ताह के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि दिया।

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उन्होने कहा कि आजादी के पहले से लेकर अभी तक भौगोलिक, भौतिक एवं सामाजिक परिवर्तन तो हुआ है परन्तु अन्नदाता आज भी भरण पोषण के लिये संघर्षरत है। वैज्ञानिको ने कृषि को एक नयी ऊचाई प्रदान की है परन्तु कृषक आज भी अच्छी स्थिति मे नही है। किसान ने हमे देह और हाथ दे कर देश बनाया है तभी वह देहाती है। किसानो ने हमे अग्नि, कृषि, व्यवसाय एवं समृद्धि दी है। पाश्चात संस्कृति एवं उसका बढता प्रचलन किसानो के लिये हितकारी नही है।

किसान दिन रात एक करके पूरी मेहनत से फसल उत्पादित करता है परन्तु बिचौलियो एवं गलत नीतियो की वजह से उसे वाजिब मूल्य नही मिल पाता है। किसान अन्नाप्रथा तो कभी, मौसम तो कभी, व्यवसायियो से डरता है। देश के वीर सपूतो ने अपनी जान गवाँ कर स्वतन्त्रता के साथ साथ देश को अलग पहचान दिलाई है। कृषि के क्षेत्र मे भी किसानो के वजह से देश आत्मनिर्भर बन सका है। यह पिछला दो वर्ष देश के लिये बहुत ही खराब रहा है। 

श्री बुन्देला ने छात्रो एवं शिक्षको से यह अपील की है कि इस धरती के विकास मे ज्ञान, श्रम एवं विचार से सहयोग प्रदान करे। समापन अवसर पर विश्वविद्यालय के कुुलपति ने कहा कि हमारे बीच राजा बुन्देला बुन्देलखण्ड की धरा पर, इसके दर्द को अपना समझने वाले व्यक्तित्व के धनी है।

बुन्देलखण्ड के लिये आपका जज्बा जिसे हम सलाम करते है। बुन्देलखण्ड के विकास के लिये सबसे पहले कृषि एवं पशुधन का विकास जरूरी है। यह विश्वविद्यालय अपने परिकल्पनानुसार शिक्षा, शोध एवं प्रसार कार्याे से विकास मे सहभागिता निभा रहा है। 

स्थापना सप्ताह के अवसर पर विश्वविद्यालय मे पहली बार उत्कृष्ट शिक्षण कार्य के लिए उत्कृष्ट शिक्षक एवं उत्कृष्ट वैज्ञानिक पुरस्कार दिये गये। उत्कृष्ट शिक्षक (युवा) सहायक प्रध्यापक, डा. बी.के. गुप्ता, उत्कृष्ट शिक्षक (वरिष्ठ) प्रध्यापक, डा. मुकुल कुमार तथा उत्कृष्ट वैज्ञानिक (युवा) सहायक प्रध्यापक, डा. सी.एम.सिंह व उत्कृष्ट वैज्ञानिक (वरिष्ठ) सह प्रध्यापक, डा. अखिलेश कुमार सिंह को प्रदान किया गया। कार्यक्रम के ही राष्ट्रीय सेवा योजना मे आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओ के विजयी प्रतिभागियो को भी प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. एस.के. सिंह ने स्थापना दिवस के बारे मे विस्तार से बताया। अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डा. वी.के. सिंह ने स्थापना सप्ताह कार्यक्रम केे सफल आयोजन पर सभी का धन्यवाद किया, डा. सौरभ ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।

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