छोटे शहर से बड़ी उड़ान : बांदा के सत्यम पांडे ने रचा सफलता का इतिहास
छोटे शहरों से निकलकर बड़ी उपलब्धियों की कहानियां जब सामने आती हैं, तो वे पूरे समाज के लिए...

बांदा, उत्तर प्रदेश — छोटे शहरों से निकलकर बड़ी उपलब्धियों की कहानियां जब सामने आती हैं, तो वे पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन जाती हैं। ऐसी ही एक कहानी है बांदा जिले के सत्यम पांडे की, जिन्होंने अपने संघर्ष, मेहनत और प्रतिभा के दम पर वह कर दिखाया जो अक्सर एक सपना लगता है।
जिले के अतर्रा कस्बे के लखन कॉलोनी निवासी डॉ. विजय पांडे के बेटे सत्यम पांडे ने देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIT खड़गपुर से बीटेक और एमटेक दोनों में टॉप कर जिले का नाम रोशन किया है।
साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले सत्यम पांडे ने अपनी स्कूली शिक्षा 12वीं तक बांदा और कानपुर से प्राप्त की। पांचवीं कक्षा के बाद उनका दाखिला कानपुर के प्रतिष्ठित बीएनएसडी स्कूल में हुआ, जहां से उन्होंने अपनी प्रतिभा को निखारते हुए JEE जैसी कठिन परीक्षा को सफलता पूर्वक पास किया और देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIT खड़गपुर में प्रवेश पाया।
IIT खड़गपुर में सत्यम ने बीटेक और एमटेक की पढ़ाई के दौरान शानदार प्रदर्शन करते हुए टॉप किया। उनकी इसी मेहनत का फल उन्हें उस समय मिला जब कैंपस प्लेसमेंट में उन्हें 40 लाख रुपये के सालाना पैकेज के साथ Accenture में डेटा साइंटिस्ट की भूमिका के लिए चुना गया।
सत्यम के पिता डॉ. विजय पांडे बताते हैं कि सत्यम बचपन से ही पढ़ाई में होनहार थे, लेकिन IIT तक की यात्रा आसान नहीं रही। सत्यम ने दिन-रात मेहनत कर अपने सपने को साकार किया। उनके दादा की शिक्षा के प्रति जागरूकता ने भी उन्हें सदैव प्रेरित किया।
सत्यम पांडे की यह सफलता केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो छोटे शहरों से बड़े सपने देखते हैं। यह कहानी बताती है कि अगर हौसला बुलंद हो और मेहनत में कोई कमी न हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती।
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