महोबा के इन 13 गांवो का होगा कायाकल्प
13 ग्राम पंचायतों में सीजीएफ व कन्वर्जेंस के माध्यम से कराये गए कार्यों की जिला मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार तिवारी ने सीडीओ हीरा सिंह की उपस्थिति में नोडल अधिकारियों के साथ कलक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक की...
रिपोर्ट: ओपेन्द्र गोस्वामी, महोबा
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत श्रीनगर क्षेत्र के 13 ग्रामों यथा श्रीनगर, ननौरा, बिलखी, बिलरही, बरा, कैमाहा, ढिकवाहा, चितैया, इमिलिया, उरवारा, मवई, अतरारमाफ एवं पिपरामाफ का शहर की तर्ज पर विकास करने हेतु 128.57 करोड़ रुपये डीपीआर तैयार की गई है।जिसमें से 30 करोड़ रुपये विभिन्न वर्षों में शासन द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे तथा 98.57 करोड़ रुपये क्रिटिकल गैप फंड्स (सीजीएफ) के माध्यम से विभिन्न विभाग कन्वर्जेंस द्वारा खर्च करेंगे।
यह भी पढ़ें - ‘पीएम केयर्स फण्ड में दानदाताओं के नाम नहीं उजागर कर रही मोदी सरकार’
उक्त से सम्बंधित 13 ग्राम पंचायतों में सीजीएफ व कन्वर्जेंस के माध्यम से कराये गए कार्यों की जिला मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार तिवारी ने सीडीओ हीरा सिंह की उपस्थिति में नोडल अधिकारियों के साथ कलक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक की।जिसमें उन्होंने कार्ययोजनाओं से संबन्धित सभी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि चयनित ग्रामों में 3 दिन के अंदर सभी विभाग अपना- अपना एस्टीमेट देकर निर्माण कार्य प्रारंभ करें, यदि कोई कार्य होने योग्य न हो तो उसको चेंज करने का प्रस्ताव प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि कार्यों में समयबद्धता और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।
यह भी पढ़ें - नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई इस वेबसीरीज पर रोक की मांग को हाईकोर्ट ने नकारा
इस अवसर पर डीएम ने बताया कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी नेशनल रुर्बन मिशन लोकेशन प्लानिंग पर आधारित क्लस्टर विकास मॉडल है। ग्रामीण-शहरी विभाजन को पाटना तथा समेकित और समय आधारित प्रणाली के तहत आर्थिक विकास अवसरों के साथ सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस अवसंरचना का विकास करना इस मिशन का मुख्य उद्देश्य है।
इसके अंतर्गत श्रीनगर क्लस्टर के 13 ग्रामों में स्वच्छता,पाइप द्वारा जलापूर्ति, ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन, ग्रामीण सड़क पर प्रकाश और बिजलीकरण, नालियों सहित गांवों की सड़कों तक पहुंच, अंतर ग्रामीण सड़क संपर्कता, सार्वजनिक परिवहन, आर्थिक गतिविधियों से जुड़ा कौशल विकास प्रशिक्षण, कृषि-सेवा प्रसंस्करण और संबद्ध गतिविधियां, स्वास्थ्य, शिक्षा, डिजिटल साक्षरता, नागरिक सेवा केंद्र, एलपीजी गैस कनेक्शन, पर्यावरण, रोजगार सृजन और स्वसहायता समूहों का गठन, पर्यटन को प्रोत्साहन, खेल अवसंरचना, सामाजिक अवसंरचना, ग्रामीण आवास, समाज कल्याण आदि से सम्बंधित कार्य कराए जाएंगे।जो बुनियादी सेवाओं को बढ़ाकर और अच्छी तरह से संगठित ग्रामीण समूहों का निर्माण करके ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक परिवर्तन करने का काम करेंगे।इससे क्षेत्र का समग्र विकास होगा तथा एकीकृत और समावेशी ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा।
यह भी पढ़ें - मेदांता मेडिसिटी के डाॅक्टर ने 8वीं मंजिल से कूदकर की आत्महत्या
बैठक में पीडी डीएन पांडेय, डीसी एनआरएलएम सत्यराम यादव, डीडी एजी जी राम, बीएसए एमपी सिंह, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी बीबी अग्रवाल, एक्सईएन आरईएस मो रिज़वान सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।