हमीरपुर : 1.20 करोड़ की लागत से बनेगा वृहद गो संरक्षण केन्द्र
किसान अवारा मवेशियों से फसलों को बचाने की चिंता में परेशान है। हालांकि शासन ने अब जनपद में एक वृहद गो संरक्षण केन्द्र निर्माण के लिये हरी झंडी दे दी है...
(हि.स.)
- अवारा मवेशियों से निजात दिलाने को शासन से मंजूरी, जमीन की तलाश शुरू
किसान अवारा मवेशियों से फसलों को बचाने की चिंता में परेशान है। हालांकि शासन ने अब जनपद में एक वृहद गो संरक्षण केन्द्र निर्माण के लिये हरी झंडी दे दी है। जो 1.20 करोड़ की लागत से बनेगा। इसके लिए जमीन की तलाश भी शुरू कर दी गयी है।
जनपद में करीब 50 हजार अन्ना मवेशी हैं। इनके संरक्षण के लिए वित्तीय वर्ष में शहरी व ग्रामीण 338 पशु आश्रय स्थलों में करीब साढे़ 32 हजार मवेशी संरक्षित करने का दावा पशुपालन विभाग कर रहा है। आंकड़ों में करीब 38 हजार गोवंश अन्ना हैं। जिसमें करीब 2875 मवेशियों को पशुपालकों को गोद दे दिया गया है। इसके बावजूद हजारों की संख्या में अन्ना मवेशी किसानों की फसलें बर्बाद कर रहे हैं। खरीफ सीजन में 103100 हेक्टेयर में किसानों ने फसलें बोई हैं।
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वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में लगातार दो वृहद गोसंरक्षण केंद्र शासन ने जनपद को दिए। जिसमें एक जखेड़ी व एक मौदहा कस्बे के परछा में निर्माणाधीन है। जिनकी लागत दो करोड़ 40 लाख है। हालांकि पशुपालन विभाग दोनों वृहद गोसंरक्षण केंद्र तैयार होने का दावा कर रहा है। लेकिन अभी हैंड ओवर नहीं हुए हैं। वहीं सीएनडीएस से निर्मित पांच व सात मनरेगा के जरिए 326 ग्राम पंचायतों में गोशालाएं संचालित हैं। शासन से चालू वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ 20 लाख की लागत से एक वृहद गोसंरक्षण केंद्र बनाने की संस्तुति मिली है। जिसके लिए अधिकारियों ने जमीन की तलाश शुरू कर दी है।
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भरण पोषण में गत वर्ष मिले साढ़े सात करोड़
गत वर्ष शासन ने अन्ना गोवंश के भरण पोषण के लिए साढ़े सात करोड़ रुपये की धनराशि जारी की थी। इस बजट से तहसील स्तर पर ग्राम पंचायतों को गोशालाओं में बंद मवेशियों के भरण पोषण के लिए भूसा आदि की व्यवस्था कराई गई। वहीं इस वर्ष अभी तक भरण पोषण के लिए कोई धनराशि जारी नहीं की गई है। यही कारण है कि ग्राम पंचायतें अन्ना घूम रहे मवेशियों को बंद करने से कतरा रही हैं। शासन की मंशानुसार पशुपालन विभाग ने दो हजार 875 गोवंश किसानों को गोद दिए हैं। पशुपालक को एक मवेशी रखने में 900 रुपये प्रतिमाह देने का निर्देश हैं। जिसमें आधे अधूरे पशुपालकों को ही यह धनराशि मिल पाई है। तमाम पशुपालक यह पैसा पाने के लिए परेशान हैं।
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32 हजार मवेशियों की हुई इयर टैंगिंग
देखा जाए तो जनपद में करीब 50 हजार अन्ना गोवंश है। जिसमें पशुपालन विभाग करीब 38 हजार अन्ना गोवंश होने की बात कह रहा है। अभी तक करीब 32 हजार मवेशियों के इयर टैंगिंग का कार्य पूरा किया गया है। जबकि अभी भी हजारों की संख्या में अन्ना गोवंश बिना इयर टैंगिंग घूम रहे हैं।
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मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.एके सिंह ने बुधवार को बताया कि जनपद में शहरी व ग्रामीण 338 स्थानों में पशु आश्रय स्थल संचालित हैं। जिनमें करीब साढ़े 32 हजार गोवंश संरक्षित हैं। वहीं 2875 गोवंश गोद दिए गए हैं। दो वृहद गो संरक्षण केंद्र बनकर तैयार हो चुके हैं। इन्हें शीघ्र ही हैंडओवर किए जाएंगे।
हमीरपुर सदर विधायक युवराज सिंह कहते है कि इस वृहद गो संरक्षण केन्द्र बनाने का राज्य सरकार का फैसला काफी हद तक जनमानस के लिए उपयोगी होगा, क्योंकि इस समय अन्ना पशुओं की समस्या ने काफी बड़ा रूप ले लिया है और आमजनमानस इस समस्या से बहुत परेशान है। योगी सरकार का यह कदम जनमानस से लिए सार्थक सिद्ध होगा।