चलती ट्रेन से पिता पुत्र दोनों कूद पडे, दोनों की हुई मौत
चलती ट्रेन से गिरकर पिता-पुत्र की मौत हो गई, घटना को लेकर ग्राम बम्हौरी में मृतक के घर में कोहराम तथा गांव में शोक व्याप्त है..
मऊरानीपुर, चलती ट्रेन से गिरकर पिता-पुत्र की मौत हो गई। घटना को लेकर ग्राम बम्हौरी में मृतक के घर में कोहराम तथा गांव में शोक व्याप्त है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
यह भी पढ़ें -त्योहारों के कारण बांदा से गुजरने वाली चार ट्रेनों में एसी व स्लीपर कोच बढ़ेंगे
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना लहचूरा के ग्राम बम्हौरी निवासी महेश विश्वकर्मा पुत्र खचोरे अपने 13 वर्षीय पुत्र विशाल के साथ रिश्तेदारी में बरुआसागर गया था। वहां से मंगलवार शाम को पिता-पुत्र ट्रेन से वापस आ रहे थे।
मऊरानीपुर स्टेशन पर पिता पुत्र ट्रेन से उतरने को हुए, तो ट्रेन चल दी। इसके बाद मऊरानीपुर व रोरा स्टेशन के बीच धवाकर क्रासिंग पर ट्रेन कुछ धीमी हुई तो महेश ट्रेन से यह सोचकर कूदा कि यहां से गांव पास है, लेकिन उसे ट्रेन की स्पीड का अंदाजा नहीं था। महेश के ट्रेन से कूदने के बाद उसका पुत्र विशाल भी ट्रेन से कूद गया। तेज रफ्तार में ट्रेन से कूदने से पिता पुत्र दोनों की मौत हो गई। सुबह लगभग 10 बजे रेलवे के गैंगमैन ने गश्त के दौरान ट्रेन की पटरियों के पास दो शव देखे तो वह हैरान हो गया। आनन फानन में गैंगमैन ने मामले की सूचना स्टेशन मास्टर को दी।
स्टेशन मास्टर ने मामले की सूचना कोतवाली पुलिस और थाना लहचूरा को घटना के बारे में सूचित किया गया। सूचना मिलने पर थाना लहचूरा के प्रभारी निरीक्षक अमरनाथ यादव घटना स्थल पर पहुंच गये। मृतक महेश विश्वकर्मा की जेब में रेलवे का टिकट और उसके पास मिले मोबाइल से पुलिस ने उसके परिजनों के पास सूचना भेजी।
सूचना मिलने पर ग्राम बम्हौरी से मृतक के परिवार के लोग व ग्रामवासी आ गये जिन्होनें शवों की शिनाख्त की। घटना से महेश विश्वकर्मा के परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव का पंचनामा भरवाकर दोनों शवों का पोस्टमार्टम करवाकर शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया। हृदय विदारक हादसे को लेकर ग्राम बम्हौरी में लोगों में शोक व्याप्त है। घटना से पूरा गांव गमगीन है। वहीं मृतक के परिवार के लोगों का रो रो कर बुरा हाल हो रहा है। थाना लहचूरा के प्रभारी निरीक्षक अमरनाथ यादव ने बताया कि मृतक महेश अत्यंत गरीब व्यक्ति था। वह मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। पिता पुत्र का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
यह भी पढ़ें - शारदीय नवरात्र : भय, बाधा से मुक्ति के लिए श्रद्धालुओं ने देवी चंद्रघंटा के दरबार में लगाई हाजिरी
यह भी पढ़ें -चित्रकूट में शरदोत्सव के रूप में मनाया जायेगा नानाजी देशमुख का जन्मदिन