शिक्षक दिवस पर वरिष्ठ कवि सुधीर खरे 'कवल' का हुआ सम्मान
शिक्षक दिवस (5 सितम्बर 2025) के शुभ अवसर पर विश्व हिंदू महासंघ सांस्कृतिक प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में बांदा के...

बांदा। शिक्षक दिवस (5 सितम्बर 2025) के शुभ अवसर पर विश्व हिंदू महासंघ सांस्कृतिक प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में बांदा के वरिष्ठ एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि सुधीर खरे ‘कवल’ का उनके निज निवास पर सम्मान किया गया। इस अवसर पर सु-कवियों एवं साहित्यकारों ने उन्हें चंदन, वंदन, पुष्पमालाएं एवं अंगवस्त्र भेंट कर अभिनंदन किया।
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कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई, जिसे रामचंद्र भैया ने प्रस्तुत किया। इसके बाद कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें सांस्कृतिक प्रकोष्ठ महामंत्री कवि रमेश चंद्र सोनी ‘योगा जी’ ने “सज गया है गगन, खिल उठा है चमन” तथा “सुन रे मनवा राम भजन कर, बीत न जाए जीवन कहीं” जैसी रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर किया।
मिथिलेश कुमार मिश्रा ने “हिय में हो राम नाम, बिगड़े बनेंगे काम” सुनाया, जबकि योगेश कुमार ने सुंदर बुंदेलखंडी सोहर गीत प्रस्तुत कर माहौल को जीवंत कर दिया। कीर्ति वाटिका के संचालक प्रकाश चंद्र सक्सेना ने अपनी हास्य-व्यंग्य रचना “पेंशन वाले दादी-दादी की, घर में रहती पूंछ” से सभी को हंसी से लोटपोट कर दिया।
कवि अजय कुमार शर्मा ने “गुरु की कृपा से आगे बढ़ता जाता हूं” जैसी प्रेरणादायी रचना सुनाई। वहीं वरिष्ठ कवि कमल किशोर खरे ‘कमल’ जी ने अपनी गजल “क्या अंगारों में राख जमी है, फिर भी इनमें वही तपन है” प्रस्तुत कर श्रोताओं का दिल जीत लिया।
इस अवसर पर सुधीर खरे की धर्मपत्नी कमला खरे एवं बेटी रूपाली खरे ने सभी अतिथियों और कवियों का आभार व्यक्त किया।
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यह आयोजन न केवल साहित्यिक सौंदर्य का प्रतीक रहा, बल्कि शिक्षक दिवस पर कवियों द्वारा गुरु परंपरा, संस्कृति और साहित्य के सम्मान का भी सुंदर संदेश दिया।
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