इंटरनेशनल रेसलर गुरूराज की इस बांदा एकेडमी में पूरे देश के रेसलर सीख रहे हैं
वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट (डब्ल्यूडब्ल्यूई) में बुंदेलखंड के शेर लक्ष्मीकांत राजपूत गुरुराज ने अमेरिका..
वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट (डब्ल्यूडब्ल्यूई) में बुंदेलखंड के शेर लक्ष्मीकांत राजपूत गुरुराज ने अमेरिका में डब्ल्यूडब्ल्यूई रिंग में विदेशी पहलवानों से फाइट करके सुर्खियां बटोरी और अब वह अपनी अकादमी में झारखंड, नेपाल, बिहार, राजस्थान और हरियाणा के 13 रेसलर्स को प्रशिक्षित कर रहे हैं।
अमेरिका से लौटने के बाद लक्ष्मीकांत राजपूत उर्फ गुरु राज का जनपद में जगह जगह स्वागत हो रहा है।एक मुलाकात के दौरान उन्होंने बताया कि बांदा में रेसलिंग का प्रचलन बिल्कुल नया है लेकिन बडी संख्या में युवा यहां आकर राइजिंग रेसलिंग इंटरटेनमेंट (आर डब्ल्यू ई) अकादमी ज्वाइन कर रहे हैं।
इनका संचालन मेरे बड़े भाई लखन राजपूत कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि इस समय इस अकादमी में नेपाल ,बिहार, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब आदि से आए 13 रेसलर्स को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि भविष्य में बुंदेलखंड के युवाओं को भी रेसलिंग में प्रशिक्षित किया जाएगा और इस भूमि को भारत में प्रो रेसलिंग का हब बनाएंगे। साथ ही बुंदेलखंड की छिपी प्रतिभाओं को निकालकर देश के सामने लाएंगे।उन्होंने यह भी बताया कि भारत में क्रिकेट के बाद दर्शक सबसे अधिक रेसलिंग देखना पसंद करते हैं।
अब यहां एक नया एपिसोड डब्ल्यूडब्ल्यूई इंडिया लाएंगे।इस वर्ष के अंत तक सोनी चैनल पर सप्ताह में एक दिन एपिसोड का प्रसारण होने की संभावना है इसके लिए बातचीत चल रही है।
इसी साल पांच जनवरी को जब अमेरिका पहुंचा तो प्रतिद्वंदी के साथ ही सबसे बड़ी चुनौती भाषा और भोजन थी लेकिन शाकाहारी भोजन मिल गया और अंग्रेजी ने संवाद में मदद दी। 20 दिनों के बाद पहली फाइट जीत राय से हुई जो मेरे टैग पार्टनर थे। वहीं रिग में तीन-तीन फाइटरों की एक साथ भिड़ंत हुई। ये मेरा दूसरा मैच था। गुरूराज ने बताया कि मेरी अगुवाई में तीन भारतीयों ने अमेरिका, इजिप्ट व चीन के रेसलरों से मुकाबला किया।
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बताते चलें कि डब्ल्यूडब्ल्यूई में गुरु राज के नाम से दुनिया के पहलवान योद्धाओं को चुनौती देने वाले लक्ष्मीकांत राजपूत कड़े संघर्ष से इस मुकाम तक पहुंचने में सफल हुए हैं।
वर्ष 2015 में रेसलर द ग्रेट खली की ओर से जालंधर, पंजाब में आयोजित सीडब्ल्यूई हैवी वेट में चैंपियनशिप जीती। इसके बाद वह 2016 में पहली बार डब्ल्यूडब्ल्यूई के लिए चयनित हुए।
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पूरे विश्व में 37 लोगों में से 10 भारतीयों का चुनाव हुआ, लेकिन गुरूराज टॉप थ्री से दूर पांचवे स्थान पर रह गए। जिससे उनका कांट्रैक्ट नहीं हो पाया। गुरुराज का हौसला नहीं टूटा।
बादा के पलरा गाव में ही पिता की मदद से वर्ष 2018 में आरडब्ल्यूए के नाम से अकादमी खोली और पूरे जी जान से अगले सिलेक्शन के लिए जुट गए।
मेहनत रंग लाई, वर्ष 2019 में मुंबई में गुरुराज का कांट्रैक्ट साइन हुआ। पाच जनवरी 2021 से उन्होंने डब्ल्यूडब्ल्यूई ज्वाइन कर लिया। गुरूराज के अमेरिका में अच्छा प्रदर्शन करने पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया जा रहा है।
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