बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे किस एक्सप्रेसवे पर जाकर समाप्त होगा ?
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बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे एन एच 35 भारतकूप के पास चित्रकूट से प्रारम्भ होकर आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर ग्राम कुदरैल के पास जनपद इटावा में समाप्त होगा।
296 किमी लम्बे बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे से प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र को मिलेगी विकास की एक नयी रफ्तार, तीव्र गति से हो रहा है इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य। और अब तो एक्सप्रेसवे का कार्य लगभग हर जिले में दिखने लगा है, लेकिन वहीं बाँदा में तो रोड भी दिखने लगी है। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से बुंदेलखंड क्षेत्र का होगा विकास साथ ही सामाजिक-आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी और सम्पूर्ण बुंदेलखण्ड क्षेत्र के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
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बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ ही उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का काम भी बराबर गति से चल रहा है। यहां तक कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तो अब कार्य समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। पर बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे की बात करें तो यहां लगभग 38 प्रतिशत भौतिक कार्य पूर्ण कर लिया गया है और अब तो इसकी गति और भी तेज हो गयी है।
बुन्देलखण्ड के जिलों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से जोड़ने वाला यह एक्सप्रेस वे वाकई कई मायनों में खास है। 15 हजार करोड़ की लागत से बनने वाले और 296 किलोमीटर लम्बा यह एक्सप्रेस-वे चित्रकूट से शुरू होकर बाँदा होते हुए हमीरपुर, जालौन और फिर औरया इटावा होते हुए लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे में जाकर मिल जायेगा और 7 जनपदों से होकर गुजरेगा। जब प्रधानमंत्री ने इसका शिलान्यास किया था तो लगभग 60 हजार लोगों को रोजगार मिलने की बात भी कही थी।
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बाँदा शहर से सटे मवई के पास तो अब मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे का कार्य दिखने लगा है। कनवारा में कार्यदायी संस्था ने प्लांट भी लगा लिया है। अब इंतजार है कि मिट्टी का कार्य पूरा हो तो पक्का निर्माण शुरू किया जाए।
यूपीडा के द्वारा इस कार्य को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कराया जा रहा है। कनवारा-अछरौड़ केन नदी घाट में 500 मीटर लंबा एक फोर लेन ब्रिज बनेगा। इस ब्रिज में कुल 22 पिलर होंगे। इस ब्रिज के फाउंडिंग लेबल का काम लगभग पूरा हो चुका है। इसके लिए अब मात्र साढ़े 4 फीसदी जमीन के अधिग्रहण का काम बाकी रह गया है, जिसे जल्दी ही पूरा कर लिया जायेगा।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का स्वरूप
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे 4 लेन चैड़ा होगा पर यह बाद में 6 लेन तक एक्सटेंड किया जा सकेगा। इसके राइट आफ वे की चैड़ाई भी 110 मीटर है। एक्सप्रेस-वे के एक ओर 3.75 मीटर चैड़ाई की सर्विस रोड भी स्टैन्डर्ड रूप में बनाई जायेगी, जिससे आस-पास के ग्रामीणों का सुगम आवागमन हो सके।
यह एक्सप्रेस-वे बुन्देलखण्ड की बागैं, केन, श्यामा, चन्द्रावल, बिरमा, यमुना, बेतवा सहित सेंगर नदियों से गुजरेगा।
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बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे पर चार रेलवे ओवरब्रिज, 14 बड़े पुल, 6 टोल प्लाजा, 7 रैंप प्लाजा, 268 छोटे पुल, 18 फ्लाईओवर और 214 अंडरपास का निर्माण किया जा रहा है।
जिस प्रकार तेजी के साथ पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का काम पूरा हुआ है, उसी प्रकार की तेजी अब बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे में देखने को मिल रही है। इसे देखते हुए यह उम्मीद की जा सकती है कि बुन्देलखण्ड के दिन अब बहुरने लगे हैं। कह सकते हैं कि बेचारगी का ठप्पा लगाये बुन्देलखण्ड अब 21वीं सदी की ओर तेजी से दौड़ने के लिए तैयार है।