रोडवेज संविदा चालक आत्महत्या को क्यों मजबूर,संविदा चालकों ने बतायी सच्चाई 

परिवहन निगम में संविदा चालकों में सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक बांदा लक्ष्मण सिंह पर ड्यूटी लगाने के नाम पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। रिश्वत न ...

रोडवेज संविदा चालक आत्महत्या को क्यों मजबूर,संविदा चालकों ने बतायी सच्चाई 

परिवहन निगम में संविदा चालकों में सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक बांदा लक्ष्मण सिंह पर ड्यूटी लगाने के नाम पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। रिश्वत न देने पर ड्यूटी काट दी जाती है। इसी तरह रिश्वत न देने पर तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है इसी प्रताड़ना के कारण 2 दिन पहले संविदा चालक वेद प्रकाश ने प्रयागराज में बस के अंदर ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। संविदा चालकों ने इस मामले में जांच कर दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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शुक्रवार को संविदा चालक महेंद्र तिवारी, इमरान खान, राहुल तिवारी रघुनंदन यादव, राजू यादव, राजेश कुमार आदि ने जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन दिया। जिसमें आरोप लगाया है कि सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक लक्ष्मण सिंह द्वारा ड्यूटी के नाम पर रिश्वत की मांग की जाती थी। उनका साफ कहना है की 20 हजार दोगे तो गाड़ी में ड्यूटी दी जाएगी अन्यथा ड्यूटी नहीं मिलेगी। एक चालक ने बताया कि मैंने ड्यूटी के लिए पहले 5000 दिए, दोबारा फिर मांग की गई तो मैंने पत्नी के जेवर बेचने का निर्णय लिया। लेकिन पत्नी ने ऐसा करने से मना कर दिया। जिससे मैं एआरएम को पैसा नहीं दे पाया जिससे मेरी ड्यूटी काट दी गई। चालक और परिचालकों से सिर्फ डिपो में ही नहीं बल्कि रास्ते में भी वसूली होती है। एक परिचालक ने बताया कि रास्ते में जो टीम बस रोक कर चेक करती है वह भी रुपये की मांग करती है। कुछ न कुछ कमी दिखाकर वसूली की जाती है। यदि हम रुपये न दें तो हमारे खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट लगा देते हैं।

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संविदा कर्मचारियों ने बताया कि हम लोग पसीना बहाकर रुपए कमाने वाले लोग यदि घूस देते रहें तो परिवार का खर्च कैसे चले। अच्छी रुट पर भेजने के लिए चालक और परिचालकों से रुपये मांगे जाते हैं। यदि इसी तरह की स्थिति रही तो चालक और परिचालक के सामने सुसाइड करने के अलावा और क्या विकल्प हो सकता है।रोडवेज के अधिकारी हम लोगों का उत्पीड़न करते है। कभी वेतन रोकने तो कभी नौकरी से सस्पेंड करने की धमकी देते है। हम चालक और परिचालक दिन रात अपनी जान हथेली पर लेकर सड़कों पर चलते हैं। हमें प्रोत्साहित करने के बजाय प्रताड़ित किया जाता है। 

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इसी तरह फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाले चालक की पत्नी में भी एआरएम पर आरोप लगाया और बताया कि बस में आग लग जाने पर मेरे पति से 20 रुपू की वसूली की गई थी।

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