बांदाःरेल लाइन के दोहरीकरण में इन किसानो की जा रही है जमीन, कम मिल रहा है मुआवजा
झांसी से मानिकपुर तक रेलवे ट्रैक पर दोहरीकरण का काम चल रहा है। बांदा के खैराडा गांव में भी दोहरीकरण का काम जारी है। यहां के किसानों से जमीन ...
झांसी से मानिकपुर तक रेलवे ट्रैक पर दोहरीकरण का काम चल रहा है। बांदा के खैराडा गांव में भी दोहरीकरण का काम जारी है। यहां के किसानों से जमीन अधिग्रहित की जा रही है। किसानों ने जमीन का कम मुआवजा मिलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए मुआवजा की राशि बढ़ाने व परिवार के एक-एक सदस्य को रेलवे में नौकरी देने की मांग की है।
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गुरुवार को खैराडा गांव के किसानों ने जिला अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को एक पत्र देकर मुआवजा की धनराशि बढ़ाने की मांग की है। इन किसानों का कहना है कि हमारे यहां रेलवे लाइन के दोहरीकरण का काम चल रहा है। जिसमें किसानों की जमीन जा रही है। इसके लिए दी जा रही मुआवजा राशि बहुत कम है। इसके अलावा जो जमीन अधिग्रहित की जा रही है। उसके पीछे जिन किसानों की जमीन पड़ रही है। उनके निकलने का रास्ता भी अवरुद्ध हो रहा है। इसके साथ-साथ रेलवे पटरी के इस पार व उस पार तथा बीचो-बीच जो जमीन पड रही है उसका भी कोई निस्तारण किया जाना चाहिए।
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किसानों ने कहा कि हमारी जीविका का साधन एकमात्र कृषि ही है। हम किसानों को उचित मुआवजा दिलाया जाए तथा जो समस्याएं हैं उनका निस्तारण किया जाए, ताकि सभी किसानों को जमीन का उचित मूल्य मिल सके। किसानों ने परिवार के एक-एक सदस्य को रेलवे में नौकरी देने की भी मांग की है। मांग करने वाले किसानों में देवराज सोवरन, जगमोहन, राजी, गोपाल, बिहारी, बड़ी बहू, रामकुमार, राजकुमारी सहित दर्जनों किसान शामिल थे।
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