एक ही पौधे में टमाटर और बैंगन की सब्जियां उगी, शोध का कमाल

रोहनिया शहंशाहपुर स्थित भारतीय कृषि सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक ने शोध कर ग्राफ्टिंग..

एक ही पौधे में टमाटर और बैंगन की सब्जियां उगी, शोध का कमाल

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के कृषि वैेज्ञानिक को मिली सफलता   

रोहनिया शहंशाहपुर स्थित भारतीय कृषि सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक ने शोध कर ग्राफ्टिंग विधि से एक ही पौधे में टमाटर और बैंगन की सब्जियां उगाने में सफलता पाई है। शुक्रवार को कृषि वैज्ञानिक की सफलता पूरे दिन सोशल मीडिया में सुर्खियों में बनी रही। 

वैज्ञानिक की ये पहल किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी। संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक  डॉ आनंद बहादुर सिंह ने ग्राफ्टिंग विधि से टमाटर के पौधे में बैंगन के पौधे को कलम कर उसे एक ही पौधे में उगा दिया है।

उद्यानिकी की एक तकनीक ग्राफ्टिंग से एक ही पौधे में दो सब्जियों को पैदा कर उन्होंने किचेन गार्डेन के शौकीन शहरियों को भी बड़ा मौका दिया है। घर की छतों और बालकनी में लोग इस विधि से सब्जी उगा सकते है।

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प्रधान वैेज्ञानिक के अनुसार ऐसे विशेष पौधे 24.28 डिग्री तापमान में 85 फीसदी से अधिक आर्द्रता और बिना प्रकाश के नर्सरी में खास तौर पर तैयार किए जाते हैं। फिर ग्राफ्टिंग के 15-20 दिन बाद इसे मैदान में बोया जाता है।

सही मात्रा में खाद, पानी देने के बाद छटाई की जाती है। ये पौधे रोपाई के 60-70 दिन बाद तैयार हो जाते है और इसमें सब्जी उगने लगती है।  डॉ. आनंद बहादुर सिंह के अनुसार ग्राफ्टिंग तकनीक का इस्तेमाल वर्ष 2013-14 में शुरू हुआ था । इस विधि का सबसे अधिक लाभ उन किसानों को होगा।

जिनके खेतों और क्यारियों में बारिश के बाद काफी दिनों तक पानी भरा रहता है। उन्होंने बताया कि  इस पौधे को शहर में रहने वाले लोगों के लिए तैयार किया गया है। जिनके पास जगह कम है  और वे घर के छतों पर या अपने घर के बगीचे में सब्जी उगाना चाहते है। घर में बागवानी करने वालों के लिए यह तरीका बेहद खास है। 

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संस्थान के निदेशक डॉ. जगदीश सिंह के अनुसार ग्राफ्टिंग विधि के जरिए बैगन की जड़ में टमाटर और बैगन के पौध की कलम बनाकर खेती हो रही है। शहरी लोग भी अपने छत पर सब्जियां उगा रहे हैं।

यह विधि उनके लिए काफी उपयोगी साबित होगा। किसानों को अच्छी उपज के साथ साथ गुणवत्ता युक्त उत्पाद मिलेगा। उन्होंने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि हम एक ही पौधे से आलू, टमाटर और बैगन पैदा करें। उम्मीद जताई कि एक या दो सालों में इस लक्ष्य को पा लेंगे।

बताते चले उद्यानिकी के क्षेत्र में ग्राफ्टिंग विधि (;कलम बन्दी विधि) से एक ही प्रजाति के पौधों में अच्छी नस्ल के पौधों की ग्राफ्टिंग कर कलमी नस्ल तैयार की जाती है। आम, आड़ू, खुमानी, सेब, नासपाती में इसका प्रयोग होता रहा है। सब्जी के क्षेत्र में कृषि वैज्ञानिक डॉ आनंद बहादुर सिंह ने नायाब शोध किया है। 

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हि.स

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