बालू माफिया द्वारा नदी की बीच धारा में बनाए गए पुल को प्रशासन ने किया ध्वस्त
बालू माफियाओं द्वारा केन नदी में जलधारा को रोककर अस्थाई रूप से पुल बनाकर मशीनों के जरिए अवैध बालू खनन..

@ सचिन चतुर्वेदी, प्रधान सम्पादक
बालू माफियाओं द्वारा केन नदी में जलधारा को रोककर अस्थाई रूप से पुल बनाकर मशीनों के जरिए अवैध बालू खनन किया जाता है। ताजा मामला दुरेडी घाट का है जहां बालू माफिया द्वारा बनवाए गए पुल को प्रशासन ने ध्वस्त करा दिया।
इस संबंध में जिला अधिकारी बांदा द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि स्वीकृत पट्ठा धारक द्वारा केन नदी में अस्थाई पाइप डालकर पुल बनाया गया था जिसके माध्यम से बालू भरे ट्रकों को निकाला जा रहा था।
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इस सूचना के आधार पर खान अधिकारी बांदा व खाद्य निरीक्षक को जांच सौंपी गई इन्होंने शनिवार को मौके पर पहुंचकर पाया कि जल निगम विभाग द्वारा पंप कैनाल (नाला )बनाया गया है जिसके कारण नदी की जलधारा पश्चिम
दिशा में अर्थात स्वीकृत मोरम खनन क्षेत्र की ओर परिवर्तित हो जाने के कारण उक्त खनन क्षेत्र का अधिकांश भाग जलधारा की पूरब दिशा में स्थापित हो गया ,जिस कारण बालू पट्टा धारक द्वारा स्वीकृत क्षेत्र में से स्वीकृत मात्रा बालू का परिवहन करने हेतु पाइप डालकर रास्ता का निर्माण किया गया था।
जिसमें पाइप के नीचे से पानी बह रहा था फिर भी मौके पर मशीन द्वारा अस्थाई पाइप डालकर बनाए गए रास्ते को तोड़ दिया गया है।
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बताते चलें कि इस तरह के पुल आए दिन बालू माफियाओं द्वारा बनवाए जाते हैं और इन पुलों के माध्यम से पोकलैंड मशीन को नदी के बीच धारा तक पहुंचा दिया जाता है।
जिसके माध्यम से अवैध बालू खनन होता है जबकि 3 मीटर से ज्यादा गहराई पर बालू खनन करना प्रतिबंधित है।
इसके बाद भी पानी से गहराई तक बालू खनन किया जाता है और इन्हीं अस्थाई पुलों के माध्यम से बालू भरे ट्रकों को निकाला जाता है।
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