एक ऐसा सभासद प्रत्याशी, चार बार रिकॉर्ड मतों से जीता, पांचवी बार फिर चुनाव मैदान में

अगर कोई प्रत्याशी बार-बार चुनाव जीतता है। तो समझ लीजिए वह जनता में अत्यंत लोकप्रिय है। तभी तो मतदाता उसे...

एक ऐसा सभासद प्रत्याशी, चार बार रिकॉर्ड मतों से जीता, पांचवी बार फिर चुनाव मैदान में

बांदा, अगर कोई प्रत्याशी बार-बार चुनाव जीतता है। तो समझ लीजिए वह जनता में अत्यंत लोकप्रिय है। तभी तो मतदाता उसे हर बार चुन लेते हैं। ऐसे ही लोकप्रिय शख्सियत हैं बांदा नगर पालिका के वार्ड नंबर 29 से चुनाव लड़ रहे वीरेंद्र सक्सेना एडवोकेट। जिन्होंने 1988 से लेकर अब तक चार बार जीत दर्ज की और अब पांचवी बार चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं।

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64 वर्षीय बांदा शहर के गुलर नाका मोहल्ले के निवासी वीरेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने बाल्यकाल से ही स्वयंसेवक संघ के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ कर कार्य किया। 1978 से छात्र जीवन काल में विद्यार्थी परिषद में सक्रियता से जुड़कर काम किया। इसके बाद भाजपा युवा मोर्चा में नगर के महामंत्री से लेकर जिले के विभिन्न पदों में रहकर कार्य करते रहे। इतना ही नहीं देश में लगे आपातकाल के समय कक्षा नौ के छात्र होते हुए भी संगठन के वरिष्ठ सदस्यों के साथ जेल गए। राष्ट्रभक्ति से प्रेरित होकर लोकतंत्र रक्षक सेनानी होते हुए भी मिलने वाली सुविधा मुख्यतः पेंशन कभी भी स्वीकार नहीं की।

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यही वीरेंद्र सक्सेना की लोकप्रियता के प्रमाण हैं। जिसके बूते उन्होंने सभासद के चुनाव में अपनी साख बरकरार रखी है। पहली बार 1988 में उन्हें भाजपा ने सभासद पद के लिए चुनाव लड़ाया। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण विपक्षियों ने साजिश रचकर ने एक मत से पराजित करा दिया लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, न्यायालय की शरण में गए। न्यायालय के आदेश पर पुनः मतगणना हुई जिसमें उन्हें 7 मतों से विजयी घोषित किया गया। 1995 ने उन्हें वार्ड 25 से चुनाव लड़ा गया इस चुनाव में उन्होंने सभी वार्डों में सबसे ज्यादा मत हासिल कर एक नया रिकॉर्ड बनाया। इसी दौरान उन्हें नगर पालिका में उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करने का मौका मिला।

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2002 में भी वार्ड नंबर 25 से चुनाव लड़ कर बड़ी जीत हासिल की, लेकिन 2007 में यह सीट महिला के लिए आरक्षित हो गई। जिससे उन्होंने अपनी पत्नी कांति सक्सेना को चुनाव मैदान में उतारा। उन्हें भी विजयश्री हासिल हुई। 2012 में पहली बार उन्हें 35 मतों से पराजित होना पड़ा। जबकि 2017 में भाजपा के टिकट पर वार्ड नंबर 29 से चुनाव लड़ कर एक बार फिर उन्होंने जीत हासिल की। इसी वार्ड से वह पांचवीं बार चुनाव मैदान में डटे हैं। उनका दावा है कि इस बार वह फिर रिकार्ड मतों से जीत हासिल करेंगे।

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