बांदाःक्या भाजपा तीसरी महिला चेयरमैन बनाने में होगी कामयाब ?

स्थानीय निकाय चुनाव में धीरे-धीरे चुनाव प्रचार जोर पकड़ रहा है। सभी उम्मीदवार मतदाताओं के दरवाजे में दस्तक देकर...

बांदाःक्या भाजपा तीसरी महिला चेयरमैन बनाने में होगी कामयाब ?

बांदा, स्थानीय निकाय चुनाव में धीरे-धीरे चुनाव प्रचार जोर पकड़ रहा है। सभी उम्मीदवार मतदाताओं के दरवाजे में दस्तक देकर विकास के नाम पर वोट मांग रहे हैं। वही चुनाव प्रचार में सबसे आगे निकल चुकी भाजपा की मालती गुप्ता बासु क्या वाकई नगरपालिका की चेयरमैन बन पाएंगी। यह सवाल आम मतदाता आपस में कर रहे हैं। क्योंकि इस बार भी उनके मुकाबले में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी गीता मोहन साहू खड़ी है। जिनके पति मोहन साहू ने पिछले चुनाव में भाजपा को बड़ी शिकस्त दी थी। 

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जनपद बांदा में दो नगर पालिका और 6 नगर पंचायतों के लिए चुनाव हो रहा है। लेकिन सबसे बड़ा मुकाबला जनपद मुख्यालय के बांदा नगर पालिका में होने की संभावना है। यह सीट 2017 में सपा के मोहन साहू ने भाजपा की श्रीमती विनोद जैन से छीन ली थी। बीजेपी ने पिछले चुनाव में भाजपा के शिवपूजन गुप्ता को चुनाव मैदान में उतारा था। इस चुनाव में सपा के मोहन साहू ने भाजपा को कड़ी टक्कर देते हुए 3017 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। सपा के मोहन साहू को 22907 वोट मिले थे जबकि निकटतम प्रतिद्वंदी रहे भाजपा के शिव पूजन गुप्ता को 19890 वोट मिले थे।

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इस बार आरक्षण के चलते यह सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो गई। जिससे मुकाबला महिलाओं के बीच हो रहा है। कहने को तो महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं लेकिन चुनाव प्रचार से लेकर सारे हथकंडे इनके पतियों द्वारा ही अपनाए जा रहे हैं। बीजेपी की मालती गुप्ता बासु के पति रामकिशुन गुप्ता बासु शहर के प्रतिष्ठित मिष्ठान विक्रेता है। इसके अलावा एक होटल और मॉल भी इनके पास है। वही दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी प्रत्याशी गीता मोहन साहू धन वैभव में भाजपा प्रत्याशी के सामने कमजोर दिखाई पड़ रही हैं। यही वजह है कि चुनाव प्रचार में भाजपा आगे निकल चुकी है। इनकी कई टोलियां शहर के वार्ड में प्रचार कर रही हैं। जिनकी कमान मालती बासु, उनके पति रामकिशुन बासु और पुत्रों के हाथों में है। साथ में संगठन भी प्रत्याशी के पक्ष में जुटा है।

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भाजपा के पास वैश्य, ब्राम्हण व कायस्थ परंपरागत मतदाता के रूप में है। जबकि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी गीता मोहन साहू भी सर्व वैश्य हैं। ऐसे में सपा और भाजपा के बीच मतों का विभाजन तय है। वही व्यापारी वर्ग में दोनों उम्मीदवारों की बराबर की पैठ है। साथ ही सपा के साथ यादव मुस्लिम मजबूती के साथ खड़े हुए नजर आ रहे हैं। इस तरह देखा जाए तो सपा और भाजपा प्रत्याशी एक दूसरे से किसी मायने में कमजोर नहीं है। हालांकि भाजपा के समर्थक दावे के साथ कहते हैं कि इस बार नगर पालिका में तीसरी महिला मालती बासु चेयरमैन पद पर काबिज होगी। इसके पहले 1995 में सुधा चौहान और 2012 में विनोद जैन भाजपा की महिला चेयरमैन बन चुकी है।

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इसी सीट से कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष राजेश दीक्षित की पत्नी आदिशक्ति दीक्षित कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। जबकि बसपा उम्मीदवार के रूप में समाजसेवी ए एस नोमानी की पत्नी रिजवाना भी चुनाव मैदान में डटी है। पिछले चुनाव में दोनों ही पार्टी के प्रत्याशी क्रमशः तीसरे और चौथे नंबर पर थे। लेकिन इस बार कांग्रेस कृपया प्रत्याशी आदिशक्ति दीक्षित पूरी ताकत से चुनाव मैदान में उतरी हैं। उनका जनसंपर्क अभियान तेजी पकड़ता जा रहा है। अब देखना है कि मतदान की तिथि आते आते कांग्रेस और बसपा के उम्मीदवार क्या गुल खिला पाते हैं।

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