विधानसभा चुनाव में जमानत जब्त करा चुके, देवराज गुप्ता अब भाजपा में हुए शामिल
राजनीति में आने के बाद देवराज गुप्ता ने विधायक सांसद बनने का ख्वाब देखना शुरू कर दिया था। इसीलिए पहले...
बांदा, राजनीति में आने के बाद देवराज गुप्ता ने विधायक सांसद बनने का ख्वाब देखना शुरू कर दिया था। इसीलिए पहले बहुजन समाज पार्टी मे एंट्री ली। लेकिन यहां कई साल रहने के बाद भी इनका ख्वाब अधूरा रहा। जिससे क्षुब्ध होकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। सपा ने विधानसभा का टिकट दिया और 13 दिन में ही वापस ले लिया। इस बार नगर पालिका चेयरमैन की लाइन में भी लगे रहे लेकिन इस बार भी गच्चा खा गए। जिससे तीसरे दल भाजपा को गले लगा लिया और कहां अगर मैंने बीजेपी में रहकर 24 साल राजनीति की होती तो आज विधायक बन गया होता।
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युवावस्था में ही राजनीति में सक्रिय हुए देवराज गुप्ता ने भले ही जमीनी स्तर पर कोई काम न किया हो। समाज सेवा से भी इनका दूर-दूर का नाता नहीं रहा। फिर भी विधानसभा चुनाव हो या नगरपालिका चेयरमैन का चुनाव, टिकट लेने में हमेशा आगे रहे। बहुजन समाज पार्टी में रहते हुए भी इन्होंने कई बार प्रयास किया लेकिन टिकट न मिलने से 2002 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। तब से लगातार टिकट की लाइन में ही लगे रहे। विधानसभा हो या नगरपालिका चेयरमैन पद का चुनाव हो। इन्होंने अपनी दावेदारी जरूर ठोंकी है। 2016 में सफलता मिल भी गई। समाजवादी पार्टी ने इनको बांदा सदर सीट से 25 मार्च 2016 को प्रत्याशी घोषित कर दिया। इन्होंने टिकट मिलने के बाद चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था लेकिन मात्र 13 दिन में 7 अप्रैल 2016 को इनका टिकट कट गया। इनकी जगह कमल सिंह मौर्य को सपा ने प्रत्याशी बना दिया था।
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तब भी मन मसोसकर रह गए देवराज गुप्ता सपा में ही बने रहे। कहा जाता है कि इस बार भी उन्होंने बांदा नगर पालिका से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी लेकिन हाईकमान ने इनके दावे को खारिज कर पूर्व चेयरमैन मोहन साहू की पत्नी गीता मोहन साहू को पार्टी का टिकट दे दिया।अपने आप को अपमानित समझते हुए आखिरकार देवराज गुप्ता ने समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा को गले लगा लिया।
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बुधवार को बीजेपी प्रत्याशी मालती गुप्ता के चुनाव कार्यालय में मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि मैं पिछले 24 साल से समाजवादी पार्टी की सेवा कर रहा हूं। अगर इतने वर्ष बीजेपी में रहकर काम कर रहा होता तो आज विधायक या सांसद हो जाता लेकिन समाजवादी पार्टी में सभासद भी नहीं बन पाया। इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी पर टिकट वितरण में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि इस बार अध्यक्ष पद से लेकर सभासद पद तक के टिकट बेचे गए हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मधुसूदन कुशवाहा को बसपा का एजेंट बताया और कहा कि कुशवाहा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं लेकिन बसपा के लिए काम करते हैं।
बताते चलें कि देवराज गुप्ता 2012 में बांदा सदर सीट से बुंदेलखंड कांग्रेस से चुनाव लड़े थे। उस समय उनकी जमानत जप्त हो गई थी। उन्हें मात्र 566 वोट मिले थे।