कानपुर के हैलट अस्पताल में ब्लैक फंगस के दो मरीजों का हुआ सफल आपरेशन
वैश्विक महामारी कोरोना का संक्रमण अभी जारी है और इसी बीच अब ब्लैक फंगस ने भी दस्तक दे दी है..
शुरु में ही ब्लैक फंगस का इलाज कर दिया जाए तो वह आंख में व मस्तिष्क में नहीं जाता
वैश्विक महामारी कोरोना का संक्रमण अभी जारी है और इसी बीच अब ब्लैक फंगस ने भी दस्तक दे दी है। शुक्रवार को कानपुर के हैलट अस्पताल में ब्लैक फंगस के दो मरीजों का सफल आपरेशन किया गया। डाक्टरों का कहना है कि यदि शुरुआत में ही ब्लैक फंगस का इलाज कर दिया जाए तो वह आंख में व मस्तिष्क में नहीं जाता है। गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कालेज से संबद्ध हैलट अस्पताल में इन दिनों कोरोना के बाद ब्लैक फंगस के भी मरीज आ रहे हैं।
प्राचार्य डा. आरबी कमल ने बताया कि आज हैलट अस्पताल में भर्ती दो ब्लैक फंगस के मरीज़ों का सफल ऑपरेशन ईएनटी तथा नेत्र विभाग की डॉक्टरों की टीम द्वारा किया गया। बताया कि एक मरीज़ जिसकी आंख में और साइनस में फंगल इन्फेक्शन बहुत ज्यादा फैल गया था उसका डॉक्टरों की टीम ने दोनों स्थानों से पूरी तरह से सफाई कर दी और दूसरे मरीज जिसकी आंख में कम संक्रमण फैला हुआ था और नाक में संक्रमण था उसका सफाई करके इंजेक्शन एंफोटेरिसिन भी लगा दिया गया है।
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नेत्र विभाग के डॉक्टरों की टीम में डॉक्टर शालिनी मोहन, डॉक्टर नम्रता पटेल तथा डॉक्टर प्रियेश रहें। उन्होंने बताया कि यदि शुरुआती दौर में ही ब्लैक फंगस का इलाज कर दिया जाए तो वह आंख में व मस्तिष्क में नहीं जाता है और इससे फिर और बीमारी बढ़ने का ख़तरा नहीं रहता है।
नाक कान गला विभाग की टीम में डॉक्टर एसके कनौजिया, डॉक्टर निशान सक्सेना और डॉक्टर अमृत श्रीवास्तव रहीं। उन्होंने बताया कि सभी मरीजों को कोविड या जिसमें डायबिटीज कंट्रोल में न रहे ऐसी स्थिति में अपनी नाक का जांच जरुर करा लें जिससे कि यदि फंगस शुरुआती दौर में ही डायग्नोसिस किया जा सके जा सके और इलाज जल्दी हो सके। इस दौरान उप प्रधानाचार्य डॉक्टर रिचा गिरी, एसईसी डॉ० ज्योति सक्सेना तथा अन्य लोग रहें।
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हि.स