बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के 28वें  दीक्षांत समारोह में देखिए क्या रहा खास !

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के 28 वें दीक्षांत समारोह का आयोजन गांधी सभागार में किया गया। कुलाधिपति एवं राज्यपाल, उत्तर प्रदेश सरकार, आनंदीबेन...

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के 28वें  दीक्षांत समारोह में देखिए क्या रहा खास !

सर्वाधिक प्राप्तांक प्रतिशत के लिए बांदा की रिशिता द्विवेदी को मिले 6 पदक

 झांसी।

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के 28 वें दीक्षांत समारोह का आयोजन गांधी सभागार में किया गया। कुलाधिपति एवं राज्यपाल, उत्तर प्रदेश सरकार, आनंदीबेन पटेल ने कहा कि वह वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, आल्हा ऊदल एवं अन्य वीरों की भूमि को प्रणाम करती हैं। आभासी माध्यम से दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होते हुए उन्होंने पुरस्कार और पदक प्राप्त करने के साथ ही सभी उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं प्रदान की। सेंसस डाटा रिसर्च वर्कस्टेशन का लोकार्पण किया। 

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उन्होंने कहा कि जीवन आगे बढ़ने का नाम है आपके ज्ञान और कौशल से देश निश्चित ही वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान सुदृढ़ कर सकेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित होने से लोकतंत्र की आधी आबादी को राष्ट्रीय नेतृत्व का सुअवसर प्रदान होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं की सुरक्षा में वृद्धि के साथ-साथ उनके जीवन में समृद्धि का नया स्वर्ण काल प्रारंभ हुआ है। उन्होंने चंद्रयान की सफलता के लिए वैज्ञानिकों के परिश्रम एवं लक्ष्य के प्रति एकाग्रता का जिक्र करते हुए कहा कि छात्र भी इस मार्ग पर चलते हुए राष्ट्र गौरव में सहभागी बन सकते हैं। आज जी 20 की अध्यक्षता से भारत ने वैश्विक नेतृत्व में अपने कदम बढ़ा दिए हैं। उन्होंने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा सूचना एवं प्रौद्योगिकी के समावेश आधारित शिक्षा प्रणाली की प्रशंसा की। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत किए जा रहे प्रयासों को साराहा। 

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उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा  100 से अधिक एमओयू करने एवं वर्षा जल संचयन के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने विश्वविद्यालय को विश्वकर्मा जयंती पर भारत सरकार द्वारा जारी की गई पीएम विश्वकर्मा योजना के संभावित लाभार्थियों को जागरूक करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2 अक्टूबर को 1 घंटे के लिए विशेष रूप से स्वच्छता अभियान मे श्रम दान करने के लिए कहा। अंत में सभी छात्रों एवं बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के उज्जवल भविष्य की कामना की।

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इस अवसर पर कुल 34 कुलाधिपति पदक प्रदान किए गए। कुलाधिपति स्वर्ण पदक समस्त परीक्षाओं में सर्वाधिक प्राप्तांक प्रतिशत के लिए अमन सोनी पुत्र संतोष सोनी एमएससी कृषि एंटोंमोलॉजी को प्रदान किया गया। समस्त परीक्षाओं में छात्रों में सर्वाधिक प्राप्तांक प्रतिशत के लिए रिशिता द्विवेदी पुत्री मनोज कुमार द्विवेदी एमएससी वनस्पति विज्ञान को प्रदान किया गया। इसके साथ ही 46 विन्यासीकृत पदक प्रदान किए गए। कुल पदकों में छात्राओं ने 68ः एवं छात्रों ने 32ः पदक प्राप्त किये। 100 छात्र छात्राओं को विभिन्न विषयों में  पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। विभिन्न संकायों के 61854 छात्र-छात्राओं को स्नातक एवं परास्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर डिग्री प्रदान की गई। इस वर्ष दो विन्यासीकृत पदक प्रारंभ किए गए स्वर्गीय पंडित रमेश कुमार शर्मा स्वर्ण पदक एम ए इतिहास हेतु एवं डॉ मधु श्रीवास्तव लोक कलाविद स्वर्ण पदक ललित कला एमएफए  हेतु प्रदान किए गए। 

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विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय भी कार्यक्रम में आभासी माध्यम से सम्मिलित हुए। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आशुतोष शर्मा, अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी एवं संस्थान प्रोफेसर आईआईटी कानपुर, भारत सरकार के पूर्व सचिव विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने कहा की वे देश भक्ति एवं सांस्कृतिक समृद्धि के शहर झांसी में आमंत्रित किए जाने के लिए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप ठोस तैयारी के साथ अपने जीवन की शुरुआत करें। आपकी यात्रा चुनौती पूर्ण हो सकती है लेकिन आपकी शिक्षा और विश्वविद्यालय से प्राप्त ज्ञान आपका मार्गदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय कई मल्टीनेशनल एवं नेशनल कंपनीज यूनिवर्सिटी में लाकर विद्यार्थियों के प्लेसमेंट का अभूतपूर्व कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा लगभग सभी पाठ्यक्रमों में नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। इससे निश्चित ही गुणवत्ता युक्त शिक्षा का सपना साकार हो सकेगा। उन्हें प्रसन्नता है कि बुंदेलखंड क्षेत्र में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का परचम लहरा  रहा है। भविष्य उन लोगों का है जो विविधता को समझते हैं उसका मूल्यांकन कर सकते हैं। उसका लाभ उठा सकते हैं। भविष्य उन लोगों का स्वागत करने के लिए तैयार है जो आजीवन स्वयं सीखने में सक्षम है एवं जो परिवर्तनों के नए आयाम के लिए संकल्पित है।


कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि रजनी तिवारी राज्य मंत्री उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि यह कार्यक्रम छात्र एवं छात्राओं के लिए  किया गया है। इसका उद्देश्य छात्र-छात्राओं को आशीर्वाद प्रदान  करना  है। साथ ही उन्हें उनकी जिम्मेदारी का बोध भी करना है। उपाधि एवं पुरस्कार प्राप्त छात्राओं कि आज के बाद घर, परिवार,समाज एवं राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाएगी। हम कैसे इन उत्तरदायित्व का निर्वहन करेंगे? कैसे लोगों की सेवा करेंगे? ऐसे ही अनेक सकारात्मक लक्ष्य लेकर आपको आगे बढ़ाना है। आप में हुनर है, काबिलियत है, और आप रानी लक्ष्मीबाई की भूमि के वंशज है। निश्चित ही बुंदेलखंड की विकास गाथा में आपका नाम सुनहरे अक्षरों से लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें मोदी जी के सपनों को साकार करना है। अमृतवर्ष का समय उद्यमिता का समय है। हमें नौकरी लेने वाला ही नहीं नौकरी देने वाला बनना है। आप में योग्यता है कुशलता है आप सब मिलकर भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने में सहायक होंगे।


कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि इसरो/ सेक के डायरेक्टर निलेश एम देसाई ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय एवं कुलाधिपति द्वारा प्रदान की जा रही मानद उपाधि के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने मानद उपाधि को इसरो के अनेकों वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों को समर्पित कीया। उन्होंने सभी छात्रों को संबोधित करते हुए कि आज का दिन निर्णायक एवं उत्साह का दिन है। बेहतर शिक्षा हमें आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करती है। उन्होंने बताया कि इसरो में हम असफलताओं से सीखते हैं क्योंकि प्रयास कभी भी बेकार नहीं जाता है साथ ही हर असफलता हमें नई चुनौतियों एवं अवसरों के लिए प्रोत्साहित करती है। उन्होंने नेल्सन मंडेला का जिक्र करते हुए कहा कि शिक्षा समाज में बदलाव लाने में सहायक होती है। अल्बर्ट आइंस्टीन के अनुसार शिक्षक व्यक्ति पूर्व ज्ञान के अनुसरण करने की अपेक्षा नए ज्ञान के सृजन में अपनी भूमिका का निर्माण करता है। जॉर्ज बर्नार्ड शा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि केवल 2ः लोग मस्तिष्क का उपयोग नए विचारों/ नवाचारों एवं नवोन्मेष के लिए करते हैं बाकी अन्य सामान्य जीवन जीते हैं। मुझे आशा और विश्वास है कि आज जो सितारे हमारे सामने बैठे हैं वे भविष्य में हमारे देश का नाम रोशन करने में सहायक होंगे।


कुलपति बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कुलपति ने विश्वविद्यालय की एक वर्ष की उपलब्धियां की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि सभी के आशीर्वाद से बुंदेलखंड विश्वविद्यालय आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की नई कहानी लिख रहा है। उन्होंने कहा 25 साल बाद जब देश अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय तभी 73वीं वर्षगांठ बनाएगा जिस प्रकार कुलाधिपति द्वारा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को प्रोत्साहन दिया जा रहा है निश्चित ही आने वाले समय में विश्वविद्यालय उत्कृष्ट पहचान बना सकेगा। 
इस अवसर पर झांसी जनपद के अधिकारी गण, जनप्रतिनिधि, संभ्रांत नागरिक,  शिक्षाविद, कार्यपरिषद एवं विद्यापरिषद के सदस्य, कुलसचिव विनय कुमार सिंह, वित्त अधिकारी वसी मोहम्मद, परीक्षा नियंत्रक राज बहादुर के साथ महाविद्यालयों के प्राचार्य, विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, कर्मचारीगण एवं छात्राएं उपस्थित रहे।

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