चित्रकूट में टाइगर रिजर्व बनने से पर्यटन के साथ रोजगार को बढावा
केन-बेतवा लिंक परियोजना के फलस्वरूप पन्ना टाइगर रिजर्व में जलभराव की स्थिति बनेगी। जिसके कारण बाघों का मूवमेंट चित्रकूट की ओर होगा..
केन-बेतवा लिंक परियोजना के फलस्वरूप पन्ना टाइगर रिजर्व में जलभराव की स्थिति बनेगी। जिसके कारण बाघों का मूवमेंट चित्रकूट की ओर होगा। यह उत्तर प्रदेश के लिए एक अच्छा अवसर है। ऐसे में चित्रकूट की रानीपुर सेंच्युरी को रानीपुर टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जायेगा। 630 वर्ग किलोमीटर का यह टाइगर रिजर्व प्रदेश चौथा टाइगर रिजर्व होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गठित उत्तर प्रदेश राज्य वन्यजीव बोर्ड ने चित्रकूट के रानीपुर सैंक्चुरी को प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व बनाने के प्रोजेक्ट की मंजूरी दी है।
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चित्रकूट में बनने वाला यह टाइगर रिजर्व 630 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में रानीपुर टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जाएगा जो केन बेतवा लिंक परियोजना के फलस्वरुप पन्ना टाइगर रिजर्व में जलभराव होने के कारण यहां के बाघ चित्रकूट की ओर आएंगे। इसलिए प्रदेश सरकार ने यहां टाइगर रिजर्व बनाने का फैसला लिया है. चित्रकूट का टाइगर रिजर्व का रेस्क्यू सेंटर बहिलपुरवा गांव मे बनाया जाएगा। योगी सरकार ने इसे तैयार करने के लिए दो वर्ष का समय दिया है।
टाइगर रिजर्व के लिए वन विभाग ने करीब 65000 हेक्टेयर क्षेत्रफल का नक्शा तैयार कर शासन को भेजा था लेकिन सरकार ने 52000 हेक्टेयर क्षेत्रफल को लिया है। जिसमें 51 गांव भी शामिल है जबकि 23000 हेक्टेयर के कोर एरिया में 6 गांव में उनको अब स्थापित किया जाएगा। इस क्षेत्र में विशेष फोर्स की तैनाती होगी प्रोटेक्शन टीम के तौर पर बड़ी संख्या में पीएसी के जवान आएंगे। इस टाइगर रिजर्व के बनने के बाद यहां पर्यटन के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। चित्रकूट का टाइगर रिजर्व बन जाने के बाद यहां पर्यटकों का आना जाना बढ़ जाएगा। जिससे क्षेत्र के विकास में चार चांद लगने की संभावना जताई जा रही है।
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