चित्रकूट में बाढ़ और बारिश का ऐसा सैलाब, स्टेट हाइवे पर वाहनों की जगह दौड़ने लगी नांव
चित्रकूट के स्टेट हाइवे पर ऐसा जलसैलाब आया कि गोस्वामी तुलसीदास जी की जन्मस्थली राजापुर से लेकर महर्षि बामदेव की..
चित्रकूट के स्टेट हाइवे पर ऐसा जलसैलाब आया कि गोस्वामी तुलसीदास जी की जन्मस्थली राजापुर से लेकर महर्षि बामदेव की नगरी बांदा का मुख्य सम्पर्क मार्ग डूब गया और अब बांदा तक आने जाने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना झेलना पड़ रहा है। यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ा रहा है। राजापुर-कमासिन बांदा मार्ग पर तीन फीट पानी भर जाने से आवागमन रोक दिया गया है।
एक दिन पहले पांच सेंटीमीटर की रफ्तार से पानी बढ़ रहा था जो कि आज 4 सेंटीमीटर की रफ्तार हो गई है। पानी बढ़ने से तिरहार क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांव घिर गए हैं। इन रास्तों पर पानी भर जाने से ग्रामीणों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। राजापुर में यमुना खतरे की स्थिति 96 मीटर पर मानी जाती है जबकि आज जलस्तर 91.90 मीटर रिकॉर्ड किया गया है। राजापुर क्षेत्र के अतरौली, नैनी, धौराहर, बरद्धारा, चांदी, धुमाई, बक्टा, हस्ता, बेलास, चिल्लीमल आदि गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।
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राजापुर कस्बे के तट तक पानी बढ़ा हुआ है। मऊ क्षेत्र में भी जलस्तर बढ़ने से कई गांव पानी से घिर गए हैं। चित्रकूट जनपद में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच चुका है जिसके चलते यमुना नदी का बाढ़ का पानी यमुना नदी किनारे बसे दो दर्जन से ज्यादा गाँवो में पहुंच गया है। जिससे गांव का संपर्क शहर मुख्यालय से टूट गया है इसके साथ ही जिन सड़कों पर वाहन चलते थे अब उन सड़कों पर नाव चलते हुई नजर आ रही है, आपको बता दें कि यमुना नदी में बाढ़ आने की वजह से जनपद की राजापुर और मऊ तहसील के दो दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आने से लोगों का आवागमन ठप हो गया है।
आलम यह है कि लोग नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं। राजापुर तहसील के एक दर्जन गांव यमुना नदी नदी के बाढ़ से प्रभावित हो गए है सरधुआँ गांव में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया है। जिससे लोगों के घर पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। जिन लोगों के घर बाढ़ के पानी से डूब गए हैं उनको प्रशासन द्वारा प्राथमिक कंपोजिट्स विद्यालय के आश्रय स्थल पर रुकवाया गया है और प्रशासन द्वारा खाने-पीने का इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके साथ ही लगातार प्रशासन अपनी नजर बनाए हुए हैं और लोगों से यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए लोगों से अपील कर रहे हैं।
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वही मऊ तहसील के मवईकला, सेसासुबकरा, बरहा कोटरा, बियावल और मंडोर गांव सहित एक दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए है। जिससे शहर मुख्यालय से पूरी तरह आवागमन ठप हो चुका है। प्रशासन द्वारा नाव लगाकर यहां ग्रामीणों का आवागमन करवाया जा रहा है। वही बाढ़ को लेकर जिलाधिकारी अभिषेक आनंद व पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा अपने अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लगातार दौरा कर रहे हैं और ग्रामीणों को हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दे रहे हैं।
बाढ़ को देखते हुए प्रशासन ने जिलाधिकारी कार्यालय में बाढ़ कण्ट्रोल रूम बनाया गया है। जिसमे कण्ट्रोल रूम के नंबर अलग से बनाये गए है। जिसमे आपदा राहत कार्यालय के स्टाफ के साथ अन्य विभागीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जो ग्रामीणों से मिलने वाली सूचना के आधार पर उन तक मदद पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। साथ ही कंट्रोल रूम में बाढ़ के हालाद के रोज अपडेट ली जाती है और कहीं भी कोई सूचना मिलने पर उसको तुरंत संज्ञान में लेकर वहां राहत कार्य पहुंचाया जा रहा है।
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फिलहाल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की सुविधा नहीं पहुंचाई जा रही है सिर्फ उनको विद्यालय में रोक दिया गया है ना तो उनके खाने-पीने का कोई इंतजाम किया गया है और न ही कोई चिकित्सी व्यवस्था और जो प्रशासन द्वारा नावे लगाई गई हैं। उन नावो पर भी उनसे किराया वसूला जा रहा है वहीं इस मामले में जिलाधिकारी अभिषेक आनंद का कहना है कि यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से जनपद की दो तहसील बाढ़ से प्रभावित है
जो राजापुर और मऊ तहसील के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। राजापुर तहसील के 20 ग्राम पंचायत बाढ़ से प्रभावित है। जिसमें आबादी क्षेत्र सरधुआँ गांव बस बाढ़ से प्रभावित है जिनके 20 परिवारों को आश्रय स्थल में रुकवा दिया गया है आश्रय स्थल पर लोगों को रहने खाने-पीने के सारे इंतजाम करवा दिए गए है। चिकित्सा व्यवस्था के भी इंतजाम किए गए, राहत सामग्री के भी इंतजाम कर लिए गए हैं।
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