जनता कफ्र्यु को बीता एक साल, लोगों में बदलाव लाया कोरोना काल

जनता कफ्र्यु (22 मार्च) पर विशेष...

जनता कफ्र्यु को बीता एक साल, लोगों में बदलाव लाया कोरोना काल

मार्च माह में कोरोना संक्रमण ने दी थी दस्तक

बीते वर्ष मार्च माह में कोरोना संक्रमण ने दस्तक दी थी। इसके बाद लोगों ने जनता कफ्र्यु व लाकडाउन देखा। मास्क लगाना शुरू किया। लोगों के साथ शारीरिक दूरी रखने लगे। अपने हाथों को सैनिटाइज करने लगे या साबुन से बार-बार धोने लगे।

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कोशिश यही थी कि कैसे भी संक्रमण किसी तरह थम जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इन सब के बीच कुछ समय अवश्य मिल गया, जिसमें सभी को महामारी से लड़ने के लिए सशक्त रूप से खुद को तैयार कर सके।

जनता कफ्र्यु और लाकडाउन का किया सामना

अपर निदेशक स्वास्थ्य डा.आरबी गौतम बताते हैं कि मंडल के चारों जनपदों में कोरोना अधिकृत अस्पताल बन गए। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा मास्क का उत्पादन होने लगा। वेंटिलेटर को लेकर देश आत्मनिर्भर हो गया। उनका कहना है कि वर्ष 2020 कोरोना की मार के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए व्यापक सुधार बदलाव का भी गवाह बना।

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अब कोरोना को पटखनी देने वाली वैक्सीन के साथ वर्ष 2021 में प्रवेश कर चुके हैं। अभी पूर्वाभ्यास का दौर है, स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स के बाद अब 45 से 59 वर्ष तक के गंभीर बीमारों और 60 वर्ष ऊपर बुजुर्गों को टीका लगाया जा रहा है।

खतरा टला नहीं, अभी भी सतर्क रहने की जरूरत 

प्राथिमक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी बताते हैं कि कोरोना काल ने हमारे जीवन में, जीवनशैली में जो बदलाव किए हैं, शिक्षा के स्तर पर बदलाव आए। आनलाइन शिक्षा को बढ़ावा इसका सबसे बेहतर उदाहरण है। इस बदलाव को अपनी दिनचर्या में बनाए रखना होगा, उसे पूंजी की तरह संजोकर साथ लेकर चलना होगा।

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भले हम वर्ष 2020 से 2021 में प्रवेश कर गए हैं लेकिन बीते वर्ष ने चुनौतियों के बीच हमें जैसे डटकर खड़े रहना सिखाया, मजबूत रीढ़ दी उसे अलविदा कहने का समय नहीं है। इनके साथ तो अभी हमें कम से कम इस वर्ष को तो गुजारना ही होगा। यह जरूर है कि इसमें कुछ शिथिलता आ सकती है या कुछ और सुधार किए जा सकते हैं। हम सबको सावधान रहने की जरूरत है। 

सेवाओं को बेहतर कर चुनौतियों का कर सकते हैं सामना

कोरोना जब देश में आया था तो हमारे पास इससे निपटने के उपाय नहीं थे, पर आज इसकी हर चाल का जवाब हमारे पास है। फिर भी अगर भविष्य में लाकडाउन जैसी स्थिति बन जाए तो हमें उसके लिए भी तैयार रहना चाहिए। अब कंटेनमेंट जोन को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है, क्योंकि अब हमें पता है कि कंटेनमेंट जोन में कितने दिनों तक कैसी मूलभूत चीजों की जरूरत होती है।

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