झांसी-कानपुर रूट में अब आउटर पर नहीं रुकेंगी ट्रेनें
उत्तर मध्य रेलवे के संरचानात्मक कार्यों की प्रगति के साथ आगे बढ़ रहा है जिसके अंतर्गत झांसी-कानपुर खंड के दोहरीकरण को लेकर तेजी..
कानपुर,
उत्तर मध्य रेलवे के संरचानात्मक कार्यों की प्रगति के साथ आगे बढ़ रहा है जिसके अंतर्गत झांसी-कानपुर खंड के दोहरीकरण को लेकर तेजी से कार्य किया जा रहा है। इंटरलॉकिंग प्रणाली के जरिये ट्रेनों का आगमन समय पर संचालित होगा। जहां भुआ, उरई और सरसो की स्टेशनों के यार्ड रिमॉडलिंग के लिए एनआई द्वारा कार्य किया जा रहा है।
आपको बता दें कि, इस कार्य के अंतर्गत स्लीपरों का सम्मेलन, सीएमएस क्रॉसिंग, प्वाइंट और क्रॉस ओवर ट्रैक्स को खत्म करना, ओएचई संशोधन और सिग्नल एवं दूरसंचार का कार्य किया जाना है। कार्य पूरा होने के बाद दोहरे खंड पर रेल संरक्षा आयुक्त के निरीक्षण के पश्चात् ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
खास तौर पर अत्याधुनिक सिग्नलिंग इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली भुआ, उरई और सरसोकी स्टेशनों से होंगी इन स्टेशन के होने से मालगाड़ियों और यात्री रेलगाड़ियों के आवागमन में आसनी होगी।
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झांसी-कानपुर के मध्य दोहरीकरण का कार्य प्रगति पर है, इससे ट्रेनों की समय को लेकर वृद्धि होगी, क्योंकि रेलवे के पास अतिरिक्त पाथ की भी सुविधा है।
वहीं झांसी-कानपुर रेल खंड के दोहरीकरण का कार्य पूर्ण हो जाने पर भारतीय रेल के दो प्रमुख मार्ग नई दिल्ली-हावड़ा और नई दिल्ली-चेन्नई रेल मार्ग दोहरीकृत मार्ग से जुड़ जाएंगे। इससे नई दिल्ली–भोपाल व कानपुर-हावड़ा जाने के लिए अतिरिक्त पाथ मिलेगा जिससे ट्रेनों की संख्या बढ़ने पर ट्रेन संचालित हो सकेंगी।
उरई स्टेशन के दोनों दिशाओं पर स्थित स्टेशन सर्सोकी व भुआ के मध्य रेलवे लाइन का दोहरीकरण से यात्रियों को उरई स्टेशन पर यात्री गाडियों की प्रतीक्षा ज्यादा नहीं करनी पड़ेगी इसके अलावा इसी कार्य के साथ प्लेटफार्म के शेड एवं लम्बाई भी बढ़ाई जा रही हैं जिससे यात्रियों को हर सुविधा मिल सकेगी।
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