केदार घाटी आपदा : मजबूत इरादों के साथ पहाड़ी मार्ग से सुरक्षित रेस्क्यू में जुटी एसडीआरएफ टीम

आपदा प्रभावित केदार घाटी में फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एसडीआरएफ का रोप व मैनुअल...

केदार घाटी आपदा : मजबूत इरादों के साथ पहाड़ी मार्ग से सुरक्षित रेस्क्यू में जुटी एसडीआरएफ टीम

एसडीआरएफ ने 300 श्रद्धालुओं को पहाड़ी मार्ग से पार कराया रास्ता

जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे रेस्क्यू ठप, रोप व मैनुअल रेस्क्यू जारी

देहरादून। आपदा प्रभावित केदार घाटी में फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एसडीआरएफ का रोप व मैनुअल रेस्क्यू लगातार जारी है। शनिवार सुबह मुनकटिया से सोनप्रयाग के बीच पहाड़ी मार्ग से एसडीआरएफ टीम ने 300 श्रद्धालुओं को रास्ता पार कराया है।

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श्रीकेदारनाथ धाम के पैदल मार्ग के किनारे नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण नदी किनारे से अब रेस्क्यू संभव नहीं है। ऐसे में एसडीआरएफ सेनानायक मणिकांत मिश्रा के निर्देशानुसार एसडीआरएफ टीम मजबूत इरादों के साथ पहाड़ी मार्ग से सुरक्षित रेस्क्यू में जुटी हुई है। शनिवार सुबह त्रिजुगीनारायण से तीन-चार किमी ऊपर की ओर तोसी गांव में 08 से 10 यात्रियों के फंसे होने की सूचना पर एसआई जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में एसडीआरएफ टीम मौके के लिए रवाना हो चुकी है। दूसरी टीम चिड़वासा में निरीक्षक अनिरुद्ध भंडारी के नेतृत्व में रेस्क्यू कार्य कर रही है। एक अन्य टीम निरीक्षक कर्ण सिंह के नेतृत्व में सोनप्रयाग व गौरीकुंड के बीच यात्रियों को निकालने में जुटी हुई है।

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नेटवर्क कनेक्टिविटी समस्या से तीर्थयात्री व परिजन हलकाल, हेल्पलाइन नंबर जारी

आपदा प्रभावित केदार घाटी में नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या के कारण यात्रियों को परिजनों से संपर्क करने में समस्या हो रही है। ऐसे में रुद्रप्रयाग जनपद पुलिस के स्तर से हेल्पलाइन नंबर 7579257572, 01364-233387आपातकालीन नंबर 112 जारी किया गया है। यात्रियों के परिजनों की कॉल पर आवश्यक जानकारी दी जा रही है। वहीं नेटवर्क खराबी के चलते भीमबली में रुके 150 यात्रियों ने प्रीपेड काउंटर पर लगे वाई-फाई नेटवर्क के माध्यम से अपने परिजनों से वार्ता कर कुशलता की जानकारी दी। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, वन विभाग समेत संबंधित जिला पुलिस और फायर व इमरजेंसी सेवाएं की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। विभिन्न यात्रा पड़ावों पर ठहरे यात्रियों के लिए प्रशासन की ओर से भोजन, पानी व आवासीय व्यवस्था की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार

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