नागालैंड को भारत के बाहर का हिस्सा बताने पर कैट ने फ्लिपकार्ट के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के उत्तर प्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार राज ने बताया कि फ्लिपकार्ट ने अपने ट्विटर हैंडल में नागालैंड को भारत के बाहर का हिस्सा बताया है..
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के उत्तर प्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार राज ने बताया कि फिलिपकार्ड ने अपने ट्विटर हैंडल में नागालैंड को भारत के बाहर का हिस्सा बताया है जिसकी वजह से देशभर में काफी नाराजगी है इसी नाराजगी को लेते हुए कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने सरकार से फ्लिपकार्ट के खिलाफ देशद्रोह की कार्यवाही तुरंत शुरू करने की माँग की है।
यह भी पढ़ें - बुन्देलखण्ड की बहू मिंटी अग्रवाल ने पाक के एयर स्ट्राइक में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका
उन्होने कहा कि फ्लिपकार्ट ने अपने अधिकृत ट्वीट हैंडल से नागालैंड को भारत से बाहर का हिस्सा बताया जिसको लेकर सोशल मीडिया पर बेहद हलचल है । कैट ने कहा की वो इस गंभीर मामले को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ शीघ उठाएगा। कहा की उक्त ट्वीट को डिलीट कर देने से फ्लिपकार्ट को माफी नहीं मिल सकती है। भारत में रहकर देश के एक राज्य को देश से बाहर बताना एक अक्षम्य अपराध है जिसके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रांतीय सदस्य वीरेंद्र गोयलने कहा कि यह कथन बेहद चैंकाने वाला और अविश्वसनीय है। नागालैंड को भारत के बाहर कहकर फ्लिपकार्ट ने नागालैंड और पूर्वोत्तर के लोगों की भावनाओं का न केवल अपमान किया है, बल्कि हर भारतीय को आहत किया है। आज फ्लिपकार्ट ने नागालैंड को भारत के बाहर का हिस्सा बताया है, कल वो लेह लद्दाख को भी भारत के बाहर का हिस्सा कह सकते हैं। फ्लिपकार्ट के बयान ने भारत की संप्रभुता को चुनौती दी है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें - बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को 2022 तक तैयार करने की कवायद तेज
कैट के बांदा जिला अध्यक्ष अमित सेठ भोलू ने कहा कि यह फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों की मानसिकता को बयान करता है। इस तरह के गंभीर और गलत बयान जो केवल एक दुश्मन ही कह सकता है , इसके लिए कोई माफी स्वीकार नहीं की जा सकती क्योंकि यह बयान फ्लिपकार्ट के अधिकृत ट्विटर हैंडल से किया गया है इसलिए इसे किसी का व्यक्तिगत विचार के रूप में नहीं लिया जा सकता है ।
ऐसा प्रतीत होता है कि कम्पनी के वरिष्ठों द्वारा कर्मचारियों के लिए किसी प्रकार की ट्यूशनिंग की गई होगी। यह देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के प्रति कंपनी की मानसिकता को भी चित्रित करता है जहां कम्पनी के लिए विक्रेता सेवाएं प्रदान करने के लिए फायदेमंद नहीं हैं।
यह भी पढ़ें - बाँदा : सिद्धेश्वर पहाड़ी और ग्राम जौरही में कुछ इस तरह हुई भोजपुरी फिल्म लिट्टी चोखा की शूटिंग