मदरसे से गायब इसरार ‘किशन’ बनकर चार साल आश्रम में रहा
इसी आश्रम का साधू बच्चे के लिए बन गया मसीहा...
9 वर्षीय इसरार महोबा के मदरसे में पढ़ने आया था। यहां से अपने एक साथी के साथ झांसी पहुंच गया। साथी तो वापस लौट गया लेकिन इसरार भटक गया। जिसे एक शख्स अपने साथ ले आया, उसका नाम बदलकर किशन रख दिया तथा उसे जालौन जिले के एक साधु के आश्रम में रख दिया। 4 साल बाद जब बच्चे ने साधु को अपने असली माता पिता का जिक्र किया तो साधु ने उसके असली माता पिता के पास उसे पहुंचा दिया। माता पिता अपने खोए हुए बच्चे को पाकर उसे सीने से लगा लिया बेटे को पाकर माता-पिता की आंखें भर आईं और साधु को मसीहा बताकर आभार जताया।
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मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के मनुरिया गांव निवासी मुबीन ने नौ वर्षीय बेटे इसरार को महोबा शहर के शाहपहाड़ी मार्ग में संचालित मदरसे में पढ़ने भेजा था। वर्ष 2019 में इसरार साथी गुफरान के साथ लापता हो गया। दोनों बच्चे ट्रेन से झांसी पहुंच गए थे। वहां से गुफरान लौट आया था लेकिन इसरार लापता हो गया था। मुबीन और उनकी पत्नी मुबीना बेटे की तलाश भटकते रहे। सुराग न लगने पर शहर कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
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भटकते हुए इसरार को जालौन जिले के उरई निवासी एक व्यक्ति अपने साथ ले गया। उसने इसरार का नाम किशन रख दिया। उसे डकोर थाना क्षेत्र के मोहम्मदाबाद स्थित सत्यानंद ब्रह्मचारी के आश्रम में अपना बेटा बताकर छोड़ दिया था। वहां पढ़ने के साथ ही किशन (इसरार) साधु की सेवा में लगा रहा। घुल मिल जाने के बाद उसने साधु से अपने माता-पिता का जिक्र किया और गांव का नाम बताया। इसके बाद साधु परिजनों की तलाश में लग गए।
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बुधवार शाम साधु बच्चे मनुरिया गांव लेकर गए और परिजनों के सुपुर्द कर दिया। मुबीन ने खोया बेटा मिलने की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस साधु, बच्चे और उसके परिजनों को कोतवाली ले गई। साधु ने पुलिस को बच्चे के आश्रम में पहुंचने की पूरी जानकारी दी। परिजन मसीहा बताकर साधु की जमकर तारीफ की और धन्यवाद भी दिया।