कोरोना काल में दिल से दिल्लगी करना पहुंचा सकता है नुकसान

वैसे तो विश्व हृदय दिवस हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता है लेकिन इस बार वैश्विक महामारी में इसका महत्व बहुत ज्यादा हो गया दिल के मरीजों के लिए कोरोना काल बहुत चुनौतीपूर्ण है।

Sep 28, 2020 - 17:33
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कोरोना काल में दिल से दिल्लगी करना पहुंचा सकता है नुकसान

स्वास्थ्य जांच के साथ नियमित व्यायाम जरूरी 
वैसे तो विश्व हृदय दिवस हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता है। लेकिन इस बार वैश्विक महामारी में इसका महत्व बहुत ज्यादा हो गया। दिल के मरीजों के लिए कोरोना काल बहुत चुनौतीपूर्ण है। संक्रमण के दौर में दिल से दिल्लगी  करना उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। ह्दय रोगियों को कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है। इसलिए इस रोग से ग्रसित रोगी हर महीने अपने ब्लड प्रेशर की जांच कराकर डाक्टर से सलाह लें। नियमित दवा व व्यायाम इस रोग से बचाने में काफी हद तक सहायक हो सकता है। 

जिला अस्पताल के कर्डियोलाजिस्ट डा.केडी गुप्ता का कहना है कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों मे प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इस उम्र के ह्दय रोगियों की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें भी यह रोग होने की आशंका बढ. जाती है। महिलाओं को ऐसी स्थिति में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। कई मरीजों के लाकडाउन और बढ़ रहे संक्रमण से लोग तनाव में आ रहे हैं। ऐसे में दिल के 90 प्रतिशत मरीज इसी तनाव के कारण परेशान हैं। इससे ब्लडप्रेशर और ब्लड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है। नियमित व्यायाम या योगा करें, जो तनावमुक्त रखने में काफी सहायक है।

उन्होंने बताया कि दिल के मरीज को अपने खाने पीने का विशेष ध्यान रखा चाहिए। सोयाबीन का तेल कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाला होता है। तलने के बाद उस तेल को दोबारा इस्तेमाल न करें, क्योंकि इसमें ट्रांस फैट की मात्रा घातक स्तर तक बढ़ जाती है।डा. गुप्ता ने बताया कि दिल के मरीज अपनी दवाएं लगातार खाते रहें। समय-समय पर बीपी नपवाते रहें। बीपी घटा या बढ़ा होने पर तनाव न लें। परेशानी होने पर उनको या जिस डाक्टर से इलाज ले रहे हों उससे फोन पर सलाह लें।  

ये हैं हृदय से संबंधित रोग
हृदय रोग में होने वाला कोरोनरी धमनी रोग एक सामान्य प्रकार का रोग है, जिसका कारण कोलेस्ट्राल द्वारा उन धमनियों पर एक दीवार जैसी संरचना को बना देना है जो की रक्त को हृदय तक पहुंचाने का कार्य करती है। जिस कारण हृदयघात, हृदय पीड़ा, हृदयगति का रुक जाना व अनियमित हृदय गति हो सकती है। शुरू में पड़ने वाले को ब्रेन अटैक व मस्तिष्क का काम न करना से जाना जाता था।

संतुलित और पोषक भोजन लेना जरूरी 
डा.केडी गुप्ता का कहना है कि आपका कैलरी इनटेक आपकी शारीरिक सक्रियता और मेटाबॉलिज्म के अनुसार होना चाहिए। भोजन में फलों, सलाद, हरी सब्जियों, साबुत अनाज को प्रमुखता से शामिल करें। तेल और घी का सेवन बहुत कम करें। प्रतिदिन 30 ग्राम लहसुन खाएं, क्योंकि यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और रक्त संचरण को ठीक करता है। मांसाहार, तली हुई चीजें, फास्ट फूड, वसा युक्त दूध और दुग्ध उत्पाद और चीनी का अधिक मात्रा में सेवन हृदय रोगों की आशंका बढ़ा देते हैं। इसलिए इनके सेवन में सावधानी बरतें। एल्कोहल और धूम्रपान से दूर रहें। ज्यादा नमक का सेवन करने से बचें।

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