गोवर्द्धन पर्वत को उठाकर भगवान ने पर्वतों का किया संरक्षण: बालकृष्ण भार्गव
श्रीमद भागवत कथा पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है। साथ ही जीवन में होने वाले भवबाधा का बोध कराते हुए...

कहा कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है भागवत कथा
चित्रकूट(संवाददाता)। श्रीमद भागवत कथा पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है। साथ ही जीवन में होने वाले भवबाधा का बोध कराते हुए मोक्ष की प्राप्ति का साधन है।
मुख्यालय के एसडीएम कालोनी मे चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन प्रयागराज से आए कथा प्रवक्ता आचार्य बालकृष्ण भार्गव महाराज ने भगवान की बाल लीलाओं का मनोहारी चित्रण किया। कथा के माध्यम से भक्तों को बताया कि श्रीमद् भागवत कथा कल्पवृक्ष है। इसमे से जो जिसके योग्य है वह अपने लिए उस स्तर का ज्ञान ले सकता है। भगवान श्रीकृष्ण ने काली नाग का उद्धार करके यमुना जी को स्वच्छ किया। कहने का तात्पर्य आज की सबसे बडी समस्या है जल का अभाव। भगवान ने जल संरक्षण का संदेश दिया। आज कल जल स्तर दिनोदिन इतना नीचे जा रहा है आगे आने वाली पीढी पानी के लिए तरसेगी। धेनुकासुर का उद्धार करके वन संरक्षण का संदेश दिया। तृणावर्त रूपी असुर का संहार कर भगवान ने वायु को शुऋ किया।
गोवर्द्धन पर्वत को उठाकर भगवान ने पर्वतों का संरक्षण किया। आज कल अत्यधिक खनन के कारण लुप्त हो रहे हैं। जीवन के महत्वपूर्ण तत्व भूमि, जल, वायु, आकाश और अग्नि इनके बिना मानव जीवन संभव नही है, परन्तु यह मानव अपने निजी सुख की तलाश मे इन पाचो तत्वों को दूषित कर दिया। जिससे आने वाली पीढिया संकट मे रहेंगी। ,कथा सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध रहे। इस मौके पर कथा के आयोजक अशोक कुमार पांडेय सहित वेदप्रकाश पांडेय, परशुराम, शिवकल्याण पांडेय, प्रदीप शुक्ला आदि श्रोतागण मौजूद रहे।
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