लखनऊ,
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिस की विवेचना में वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित साक्ष्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में एक ओर जहां विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं को और अधिक सुदृढ़ कर उनकी क्षमता का विस्तार किया जा रहा है। निर्माणाधीन विधिविज्ञान प्रयोगशालाओं को क्रियाशील करने हेतु आवश्यक समस्त कार्यों को कराया जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव, अवनीश कुमार अवस्थी मंगलवर को अपने कार्यालय के सभागार में विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की ताजा स्थिति की समीक्षा सम्बन्धित अधिकारियों के साथ कर रहे थे। उन्होंने निर्माणाधीन विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं को क्रियाशील कराने से सम्बन्धित कार्यों में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं से सम्बन्धित कार्यों की वह साप्ताहिक समीक्षा करेंगे।
- गोरखपुर की फॉरेन्सिक लैब दो महीने में होगी क्रियाशील
बैठक में बताया गया कि गाजियाबाद तथा झांसी में बनने वाली विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं को जल्द ही क्रियाशील करा दिया जायेगा। साथ ही गोरखपुर में बनने वाली विधि विज्ञान प्रयोगशाला को भी अगले दो माह में क्रियाशील करा दिया जायेगा। प्रदेश में विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं का विस्तार कर उन्हे और अधिक सुदृढ़ एवं साधन सम्पन्न बनाये जाने की दिशा में भी प्रयास तेज किये गये है।
गाजियाबाद, गोरखपुर, कन्नौज, प्रयागराज में ए श्रेणी तथा झांसी, अलीगढ़, गोण्डा, बरेली में बी श्रेणी की खुलने वाली क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं में अब तक हुये कार्यों की गहन समीक्षा की गयी तथा अवशेष कार्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये गये।
इसके अलावा अयोध्या, बांदा, बस्ती, आजमगढ़, मिर्जापुर, व सहारनपुर में खुलने वाली सी श्रेणी की नई क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं को मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार बी श्रेणी में उच्चीकृत किया गया है। इन सभी क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं की शीघ्र स्थापना की दिशा में चल रहे प्रयासों में अब तक हुई प्रगति की बैठक मे जानकारी ली गयी तथा उनमें और तेजी लाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए।
हिन्दुस्थान समाचार