पांच प्राइवेट हाॅस्पिटल की दिलचस्पी जगी आयुष्मान में
डीएम ने सीएमओ और निजी अस्पतालों के संचालकों के साथ की बैठक
निजी चिकित्सालयों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना यानि आयुष्मान भारत से जोड़ने को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में आज जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें पांच निजी अस्पतालों ने योजना में शामिल होने पर सहमति जताई। इस पर जिलाधिकारी ने निजी अस्पतालों के संचालकों को निर्देशित किया कि तत्काल अपने आवेदन शपथपत्र के साथ जमा करें ताकि अग्रिम कार्रवाई की जा सके।
डीएम ने जिले के ऐसे निजी चिकित्सालयों को आयुष्मान भारत योजना में जोड़ने का निर्देश दिया जो स्वेच्छा से इस योजना से जुड़ना चाहते हैं और नेशनल हेल्थ अथाॅरिटी व स्टेट हेल्थ एजेंसी के गाइडलाइन के अनुसार सारे मानक पूरे करते हों।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अल्पना बरतारिया ने जानकारी दी कि आयुष्मान योजना से अस्पताल को संबंद्ध करवाने के लिए आनलाइन आवेदन के साथ जरूरी दस्तावेज अनिवार्य रूप से जमा किए जाने हैं। फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट संबंधी समस्या के चलते हाॅस्पिटल को योजनांतर्गत पंजीकरण नहीं किया जा रहा है। इस पर डीएम ने सभी निजी चिकित्सालयों के प्रबंधकों को निर्देशित किया कि वे तत्काल फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट आवेदन संबंधित विभाग में जमा करें। विभाग से फायर सेफ्टी प्रमाणपत्र प्राप्त होते ही सीएमओ कार्यालय में जमा करवाए। तब तक इसके संबंध में नोटरी द्वारा शपथपत्र सीएमओ कार्यालय में जमा करवाएं ताकि आयुष्मान योजना के अंतर्गत निजी चिकित्सालयों को पंजीकृत करने की प्रक्रिया जारी रखी जा सके।
आयुष्मान भारत योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डा. आशीष कुमार झा ने बताया कि जनपद में 10 राजकीय व 4 निजी चिकित्सालय योजना में पंजीकृत हैं। बैठक में रामा हास्पिटल से डा. श्रीकांत तिवारी, उर्मिला हाॅस्पिटल से डा. विवेक निरंजन, सिंह हेल्थ केयर से डा. के. एन. सिंह, उरई मल्टीस्पेशियलिटी से डा. प्रभात निरंजन, हनुमंत हास्पिटल से डा. रोहित मिश्रा ने प्रतिभाग किया।