कानपुर हादसे के बाद भी ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सवारी, जिंदगी से खिलवाड़, पुलिस ने कसा शिकंजा

कानपुर में ट्रैक्टर ट्रॉली पलटने से 2 दर्जन लोगों की दर्दनाक मौत हो जाने के बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने ट्रैक्टर ट्रॉलियों...

कानपुर हादसे के बाद भी ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सवारी, जिंदगी से खिलवाड़, पुलिस ने कसा शिकंजा

कानपुर में ट्रैक्टर ट्रॉली पलटने से 2 दर्जन लोगों की दर्दनाक मौत हो जाने के बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सवारी ढोने पर रोक लगा दी है। इसके बाद भी न तो ट्रैक्टर चालकों ने इस ओर ध्यान दिया और न ही इसमें बैठने वाले लोगों को 2 दिन पहले हुए दर्दनाक हादसे का ख्याल आया। फिलहाल शासन के निर्देशों के बाद भी ट्रैक्टर ट्रॉली में सवारी ढोने वालों पर बांदा पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके लिए अभियान चलाकर 7 ट्रैक्टरों सहित पुलिस ने 170 वाहनों का चालान करके 2,42,600 रुपए का ई चालान किया किया है

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कानपुर में हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में लोगों से अपील की थी कि ट्रैक्टर ट्राली में बैठकर सफर करना खतरनाक है, इसलिए इसमें यात्रा न करें। साथ ही मुख्यमंत्री ने सवारी ढोने वाले ट्रैक्टर चालकों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी कई ट्रैक्टर सड़कों पर सवारी ढोते हुए नजर आए। कई ट्रैक्टरों में क्षमता से अधिक लोग सफर करते हुए दिखाई दिए। यह देख कर पुलिस ने ट्रैक्टर चालको को रोककर उन्हें सख्त निर्देश दिए और उसमें सफर करने वालों को समझा-बुझाकर घर वापस कर दिया। इसके बाद भी यह सिलसिला थम नहीं रहा था।

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यह मामला पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में आते ही उन्होंने सभी थाना क्षेत्रों में चेकिंग के निर्देश दिए। इसके अंतर्गत चलाए गए अभियान के दौरान 7 ट्रैक्टरों सहित 170 वाहनों का चालान किया गया। इसके अलावा एक मोटरसाइकिल और चार तीन पहिया आटो को सीज किया गया। इस बारे में पुलिस अधीक्षक अभिनंदन द्वारा बताया गया ट्रैक्टर ट्रॉली सहित अन्य वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियां ढोने वाले वाहनों का चालान किया गया है। साथ ही ट्रैक्टर चालकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने ट्रैक्टरों का इस्तेमाल खेती किसानी के लिए करें, इसमें सवारी न ढोये, यह जानलेवा साबित हो सकता है।

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बताते चलें कि जनपद में पहले हल बैल से खेती होती थी। लेकिन पिछले तीन दशक से सर्वाधिक किसान ट्रैक्टरों पर ही निर्भर हैं। इन ट्रैक्टरों के माध्यम से ही खेती की जाती है। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे भी किसान है। जो ऋण लेकर ट्रैक्टर खरीदते हैं। वह बैंक की किस्त भरने के लिए ट्रैक्टरों से न सिर्फ माल भाड़ा ढोते हैं बल्कि यात्रियों को इधर से उधर ले जाने के बदले में किराया वसूल करते हैं। जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

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