हिन्दू संगठन एवं प्रशासनिक सूझबूझ से टाला गया विवाद, मूर्तियों के दफनाने की खबर पर आक्रोशित हुये थे संगठन
महोबा के कीरत सागर तालाब विगत बर्षों से नवरात्रि के उपरान्त देवी विसर्जन की परम्परा रही है, उन्ही परमपराओं के अनुसार कल..
![हिन्दू संगठन एवं प्रशासनिक सूझबूझ से टाला गया विवाद, मूर्तियों के दफनाने की खबर पर आक्रोशित हुये थे संगठन](https://bundelkhandnews.com/uploads/images/2021/10/image_750x_616aca8b1c6a0.jpg)
महोबा के कीरत सागर तालाब विगत बर्षों से नवरात्रि के उपरान्त देवी विसर्जन की परम्परा रही है, उन्ही परमपराओं के अनुसार कल दिनाँक 15 अक्टूबर को आस पास के क्षेत्र की 20 से 25 मूर्तियों का विसर्जन नगरपालिका कर्मियों की मदद से प्रशासन की देख रेख में हुआ आज भी महोबा शहर की एवं आसपास क्षेत्र की लगभग 120 मूर्तियों का विसर्जन होना था लेकिन सुबह की खबर चर्चा में आने के बाद कि कुछ तथाकथित लोगो की सलाह एवं सहमति पर मूर्तियों को कीरत सागर तट में गड्ढे में दफनाने के लिए प्रशासन द्वारा व्यवस्था की जा रही है ।
यह भी पढ़ें - महोबा रेलवे स्टेशन पर, 24 बच्चे किये गए ट्रेन से बरामद चिल्ड्रेन ट्रैफकिंग की आशंका
ऐसी सूचना मिलते ही जिले के हिंदू संगठन अपने सहयोगियों के साथ मौके पर पहुंच गए और मूर्ति विसर्जन के नियम में बदलाव को लेकर प्रशासन व हिंदू संगठन आमने-सामने आ गए।
हिंदू संगठनों के विरोध को देखते हुए प्रशासन द्वारा स्वीकार किया गया गया कि पॉलिथीन, फूल, जवारे आदि को गड्ढे में दफनाने के बाद मूर्तियों को तालाब में विसर्जित किया जाएगा इस सहमति के बाद मामला शांत हुआ है।
गौरतलब है कि शारदीय नवरात्रि पर्व के बाद महोबा में बीते 15 अक्टूबर को कुछ लोगों द्वारा मूर्ति विसर्जन तलाब में की गई जिसमें एनजीटी (NGT) के नियम की अनदेखी को लेकर आज तकरीबन 120 मूर्तियों के विसर्जन को हेतु तालाब के पास एक बड़ा गड्ढा नगर पालिका प्रशासन द्वारा खुदवाया गया।
यह भी पढ़ें - हैदराबादी किलर बनकर पड़ोसी से 50 लाख की फिरौती माँगने वाला युवक पकड़ा गया
दरअसल मूर्तियों को दफनाने के लिए प्रशासन द्वारा व्यवस्था की जा रही थी इसकी खबर जैसे ही हिंदू संगठनों को लगी सभी मौके पर इकठ्ठा हो गए सभी ने मूर्तियों को दफनाने का कड़ा विरोध किया।
मूर्तियों को तालाब में ही विसर्जित करने की जिद्द पर हिंदू संगठन अड़े रहे जिसके बाद आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा और एनजीटी के नियमों के तहत मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था की बात कही गई।
नगर पालिका के प्रभारी ईओ उपजिलाधिकारी सौरभ पांडेय बताते हैं कि विवाद की कोई स्थिति नहीं है। पालिका प्रशासन द्वारा मूर्ति के साथ आने वाली पॉलिथीन, फूल माला और जवारे आदि अन्य सामग्री को मिट्टी के गड्ढे में दफनाया जायेगा। बाकी देवी प्रतिमाओं को नगरपालिका कर्मचारियों द्वारा एनजीटी नियमों के अनुसार विसर्जित किया जाएगा। इसके बाद आखिरकार हिंदू संगठन शांत हुए।
यह भी पढ़ें - ग़दर फिल्म के बाद फिर साथ नजर आएगी सनी देओल और अमीषा पटेल की जोड़ी, कल होगा बड़ा अनाउंसमेन्ट
What's Your Reaction?
![like](https://bundelkhandnews.com/assets/img/reactions/like.png)
![dislike](https://bundelkhandnews.com/assets/img/reactions/dislike.png)
![love](https://bundelkhandnews.com/assets/img/reactions/love.png)
![funny](https://bundelkhandnews.com/assets/img/reactions/funny.png)
![angry](https://bundelkhandnews.com/assets/img/reactions/angry.png)
![sad](https://bundelkhandnews.com/assets/img/reactions/sad.png)
![wow](https://bundelkhandnews.com/assets/img/reactions/wow.png)