अभ्यास कर जंघाओं को बनाएं पुष्ट और मजबूत : रमेश राजपूत
जिला मुख्यालय के कुबेर गंज निवासी योगाचार्य रमेश सिंह राजपूत ने जंघा शक्ति विकासक योग क्रिया के भाग दो का अभ्यास कराते...
योगाचार्य ने कराया योगाभ्यास
चित्रकूट। जिला मुख्यालय के कुबेर गंज निवासी योगाचार्य रमेश सिंह राजपूत ने जंघा शक्ति विकासक योग क्रिया के भाग दो का अभ्यास कराते हुए बताया कि जंघाओं, घुटनों और टखनों की मांसपेशियों को मजबूती देने वाला, उनके आकार में सुधार करके उन्हें हष्ट-पुष्ट, सुंदर और सुडौल बनाने वाला यह सूक्ष्म योग बहुत ही सार्थक और प्रभावी योग है।
बताया कि यह योग क्रिया जंघा के साथ ही पीठ की चर्बी कम करने में भी मदद करती है। साथ ही बिना थके चलने फिरने में स्फूर्ति कायम रखती है। यह योग क्रिया रक्त परिसंचरण में सुधार, कब्ज निवारक, पेट को नरम और टेस्टोस्टेरोन के निर्माण में सुधार करने में मददगार है। इन क्रियाओं के थोड़े अभ्यास से अपूर्व लाभ प्राप्त होता है। बताया कि इस योग क्रिया के भाग दो को भी दो चरणों में करते हैं। इसके प्रथम चरण को करने के लिए साम्यावस्था में एड़ी पंजा मिलकर सीधे खड़े होते हैं तथा नासारन्ध्रों से सांस लेते हुए दोनों हाथ कंधों के सामने, पृथ्वी के समांतर फैलाते हैं और धीरे-धीरे घुटने मिले हुए घुटनों को मोड़ते हुए कुर्सी की तरह इस प्रकार बैठते हैं कि दोनों जंघा पृथ्वी के समांतर आ जाएं। यथासाध्य रुकने के बाद नासारन्ध्रों से सांस छोड़ते हुए साम्यावस्था में वापस आ जाते हैं। इस क्रिया में एडी पंजा जमीन पर स्थिर रहना चाहिए। इसे पांच बार दोहराते हैं। इसके दूसरे चरण में पूर्व की भांति साम्यावस्था में खड़े होते हैं दोनों हाथों को बाजू में कंधे की सीध में गिद्ध के पंखों की तरह फैलाते हैं। नासारन्ध्रों से सांस लेते हुए घुटनों को दूर दूर करके मुड़ते हुए इस प्रकार बैठते हैं कि नितंब एड़ियों से कुछ दूर रहें, कुंभक की दशा में यथासाध्य रुक कर नासारन्ध्रों से सांस छोड़ते हुए सीधे साम्यावस्था में वापस आएं। इसे भी पांच बार दोहराएं। इसके बाद शिथिल ताड़ासन में विश्राम करें। सावधानी के तौर पर घुटनों में दर्द होने के कारण इसे अपने सामर्थ्य के अनुसार धीरे-धीरे करें।
What's Your Reaction?
Like
0
Dislike
0
Love
0
Funny
0
Angry
0
Sad
0
Wow
0
