कन्वर्ट मुसलमानों को अपने साथ जोड़ेगा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
घर वापसी’ और संवाद अभियान के जरिए समाज में बढ़ाएगा अपनापन संघ के पदाधिकारी विभिन्न दलों के नेता से मिलने जायेंगे,इस दौरान उनके साथ भाजपा का कोई नेता नहीं होगा
अनिल शर्मा — संपादक, बुंदेलखंड न्यूज़ एवं वरिष्ठ पत्रकार : एक विशेष रिपोर्ट
नई दिल्ली।। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेसंघ शताब्दी वर्ष में एक नई पहल देश में शुरू करने की योजना बनाई है।अब उन मुसलमानों तक पहुंचने की तैयारी में है, जिनके पूर्वज कभी हिन्दू समाज से जुड़े थे। संघ ने तय किया है कि ऐसे ‘कन्वर्ट मुसलमानों’ (धर्म परिवर्तन कर चुके परिवारों) से संवाद कर उन्हें राष्ट्रवादी विचारधारा से जोड़ने का अभियान तेज किया जाएगा।
संघ के शीर्ष पुष्ट सूत्रों के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य किसी को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करना नहीं, बल्कि ‘राष्ट्रहित में सामाजिक समरसता’ और ‘सांस्कृतिक जुड़ाव’ को बढ़ाना है। संघ मानता है कि भारत की आत्मा उसकी विविधता में बसती है, इसलिए संवाद और अपनत्व के जरिए समाज में एकता का भाव मजबूत किया जा सकता है।
संघ की विभिन्न शाखाओं और सामाजिक संगठनों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उन क्षेत्रों में विशेष कार्यक्रम आयोजित करें, जहां बड़ी संख्या में ऐसे परिवार रहते हैं जो पीढ़ियों पहले धर्म परिवर्तन कर चुके हैं। इन परिवारों से संपर्क कर उन्हें ‘राष्ट्र निर्माण में भागीदार’ बनने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
आरएसएस के पुष्ट सूत्रों के मुताबिक, कई जगहों पर यह पहल पहले से शुरू भी हो चुकी है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार के कुछ जिलों में संवाद शिविर और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को संगठन की गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है।
संघ से जुड़े एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया— “हम किसी के धर्म में हस्तक्षेप नहीं करते, लेकिन हर भारतीय को अपने देश, अपनी संस्कृति और समाज के प्रति जागरूक होना चाहिए। यही हमारा उद्देश्य है।”
राजनीतिक हलकों में इस पहल को आगामी सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों से जोड़कर देखा जा रहा है। संघ का मानना है कि समाज के हर वर्ग में एकता और सहयोग की भावना बढ़ाने से ही राष्ट्र सशक्त बन सकता है। इसके अलावा संघ नेतृत्व ने शताब्दी वर्ष में विभिन्न राजनीतिक दलों जैसे सपा ,बसपा , कांग्रेस, आप, कम्युनिस्ट पार्टी,राष्ट्रीय जनता दल, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय पार्टी प़देश और जिला स्तर के नेताओं से देश की एकता और अखंडता को लेकर मिलने और संवाद करने का निश्चय किया है। इसके अलावा समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिष्ठित लोगों से भी मिलने की योजना बनाई है। इसमें विशेष बात यह रहेगी कि इस संवाद के कार्यक्रम में एक विशेष बात यह रहेगी किसंघ के पदाधिकारी के साथ कोई भी भाजपा का नेता इस संवाद में नहीं जायेगा।
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