लखनऊ-भोपाल एक्सप्रेसवे से घटेगा सफर का समय, 15 घंटे की दूरी अब सिर्फ 7 घंटे में

देश की दो प्रमुख राजधानियाँ अब और करीब आने जा रही हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल...

Oct 25, 2025 - 13:42
Oct 25, 2025 - 13:46
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लखनऊ-भोपाल एक्सप्रेसवे से घटेगा सफर का समय, 15 घंटे की दूरी अब सिर्फ 7 घंटे में

चार से छह लेन वाले हाईवे से जुड़ेगा यूपी और एमपी, बुंदेलखंड को नई राह मिलेगी विकास की

लखनऊ / भोपाल। देश की दो प्रमुख राजधानियाँ अब और करीब आने जा रही हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को जोड़ने के लिए एक नया एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इसके बन जाने के बाद दोनों शहरों के बीच की यात्रा बेहद सुगम और तेज़ हो जाएगी।

फिलहाल लखनऊ से भोपाल पहुँचने में लगभग 14 से 15 घंटे का समय लगता है, जबकि दोनों शहरों के बीच की दूरी मात्र 600 किलोमीटर है। नए एक्सप्रेसवे के तैयार होने के बाद यह सफर सिर्फ 7 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। इससे यात्रियों को तेज़, आरामदायक और सुरक्षित सफर का अनुभव मिलेगा।

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यह एक्सप्रेसवे तीन अलग-अलग हाईवे परियोजनाओं को जोड़कर बनाया जा रहा है —

  • कानपुर से कबरई हाईवे

  • कबरई से सागर हाईवे

  • सागर से भोपाल हाईवे

इन मार्गों को चार से छह लेन तक के मानक पर विकसित किया जा रहा है। साथ ही इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि लखनऊ और भोपाल के बीच यात्रा के साथ-साथ बुंदेलखंड क्षेत्र भी सीधे जुड़ सके।

परियोजना के तहत नौबस्ता (कानपुर) से कबरई तक करीब 124 किलोमीटर लंबा हाईवे बनाया जा रहा है। कबरई में एक नया बाईपास भी तैयार हो रहा है, जिससे भारी वाहन आबादी वाले इलाकों से गुज़रे बिना निकल सकेंगे। वहीं, कबरई से सागर तक 245 किलोमीटर लंबा फोरलेन हाईवे और सागर से भोपाल तक 150 किलोमीटर का मार्ग बनाया जा रहा है।

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इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से कानपुर, कानपुर देहात, हमीरपुर और महोबा जिलों को सीधा लाभ मिलेगा। साथ ही बुंदेलखंड क्षेत्र की कनेक्टिविटी और आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आने की उम्मीद है।

सूत्रों के अनुसार, इस परियोजना पर बीते पांच वर्षों से कार्य प्रगति पर है और इसके निर्माण में लगभग 11 हजार करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है। इसे यमुना एक्सप्रेसवे की तर्ज पर आधुनिक तकनीक से विकसित किया जा रहा है।

लेख में दी गई जानकारी सामान्य स्रोतों पर आधारित है। इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि संबंधित विभागों से अवश्य करें।

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