अक्षय तृतीया पर बाल विवाह की निगरानी की जाये, यह एक अपराध है
जिला प्रोबेशन अधिकारी नंदलाल सिंह ने बताया कि अक्षय तृतीया पर बाल विवाह की कुप्रथा प्रचलित है। इसको देखते..
जिला प्रोबेशन अधिकारी नंदलाल सिंह ने बताया कि अक्षय तृतीया पर बाल विवाह की कुप्रथा प्रचलित है। इसको देखते हुए शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कुप्रथा रोकने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि बाल विवाह कानूनी रूप से अपराध है, इसलिए प्रभावी रोकथाम के लिए आवश्यक कार्यवाही जरूरी है।
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इस संबंध में जिला प्रोबेशन अधिकारी ने सभी एसडीएम, बीडीओ, थानाध्यक्ष, प्रबंधक वन स्टाप सेंटर, महिला कल्याण अधिकारी तथा चाइल्ड लाइन कोर्डिनेटर को शासनादेश व पत्र प्रेषित कर बाल विवाह रोकने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने बताया कि बाल विवाह में शामिल पंडित, मौलवी, परिवार के सदस्य, रिश्तेदार, मित्र, टेन्ट वाले और कैटर्स पर कार्रवाई होगी। बाल विवाह कराने पर कानूनी कार्रवाई के साथ ही एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जायेगा तथा रिपोर्ट दर्ज होने पर दो साल तक जेल भी हो सकती है।
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हि.स