प्रथम डोज संतृप्त करने वाला बांदा, चित्रकूट धाम मंडल का पहला जनपद बना
दिन ब-दिन बढ़ रहे संक्रमण के बीच बढ़ रहा टीकाकरण संजीवनी बन रहा है। बांदा जिला प्रथम डोज संतृप्त करने वाला चित्रकूट धाम..
दिन ब-दिन बढ़ रहे संक्रमण के बीच बढ़ रहा टीकाकरण संजीवनी बन रहा है। बांदा जिला प्रथम डोज संतृप्त करने वाला चित्रकूट धाम मंडल का पहला जनपद बन गया है। यहां 100 फीसद से ज्यादा टीकाकरण हो गया है। 98.25 फीसद टीकाकरण करने में हमीरपुर दूसरे स्थान पर है। कोविड-19 से लोगों को सुरक्षित बनाने के लिए वृहद स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। 16 जनवरी 2021 से शुरू हुआ था।
यह भी पढ़ें - बांदा में बढ़ रहा है कोरोना का कहर, 51 नए मरीज मिले
अपर निदेशक डा. नरेश सिंह तोमर ने बताया कि टीके को लेकर लोगों में तमाम भ्रांतियां भी रहीं, जिसे बांदा जनपद के बाशिंदों ने सिरे से खारिज कर दिया। यहां 12.76 लाख आबादी को प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन जनपदवासियों ने इसमें अपनी जिम्मेदारी दिखाई। लक्ष्य से भी ज्यादा 12.78 लाख यानी 100.17 फीसद लोगों ने कोरोना का पहला टीका लगवाया।
मंडल के हमीरपुर जनपद में 7.97 लाख के लक्ष्य के सापेक्ष 7.80 यानी 98.25 प्रतिशत आबादी ने पहली डोज लगवा ही है। यह दूसरे स्थान पर है। चित्रकूट जनपद में 6.98 लाख लक्ष्य के मुकाबले 6.85 लाख यानी 98.15 प्रतिशत लोगों ने टीका लगवाया। महोबा जिले में 18 वर्ष आयु पूरी कर चुके 6.48 लाख लक्षित आबादी में 6.14 लाख यानी 94.76 फीसदी ने पहली डोज लगवा ली है।
यह भी पढ़ें - बाँदा : 3.39 लाख घरों में 620 टीमें पहुंचकर कोरोना मरीजों को चिह्नित करेगी और करेंगी टीकाकरण
बांदा जनपद के जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. संजय कुमार शैवाल का कहना है कि टीकाकरण अभियान में जिले के डॉक्टर, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं ने अहम भूमिका निभाई है। इन्हीं की मेहनत और निरंतर प्रयासों ने जिले ने यह उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि निर्धारित समय पर दूसरी डोज जरूर लगवाएं। इसमें लापरवाही उनको व उनके परिवार को भारी पड़ सकती है।
शहर के अलीगंज मोहल्ले के रहने वाले अधिवक्ता इरशाद खान ने बताया कि वैक्सीन को लेकर उनके मन में कोई भ्रम नहीं था। लेकिन बीमारी के चलते वह वैक्सीन लगवाने में थोड़ा पीछे रह गए। दो फरवरी को वह दूसरी डोज भी लगवाएंगे। इसी तरह गूलर नाका निवासी कपड़ा व्यवसायी मूलचंद्र रूपौलिहा बताते हैं कि उन्होंने दिसंबर माह में पहली डोज लगवाई है। ड्यू डेट आने पर दूसरी भी डोज लगवाएंगे। संक्रमण से बचने और दूसरों को बचाने के लिए यह सभी की नैतिक व सामाजिक जिम्मेदारी भी है।
यह भी पढ़ें - बेटियों के बिना परिवार संतुलित एवं सुखी नहीं रह सकता