कोरोना के साये में हरिद्वार कुंभ की तैयारियां
कोरोना के साये में हरिद्वार कुंभ-2021 की तैयारियां चल रही हैं...
हरिद्वार, (हि.स.)
हरिद्वार में कुंभ का आयोजन मेष राशि में सूर्य और कुंभ राशि में बृहस्पति के आगमन पर होता है। कोरोना ने इस धार्मिक आयोजन का रंग कुछ फीका कर दिया है। कोरोना से जगन्नाथ यात्रा ही नहीं अन्य धार्मिक आयोजन तक रद हो चुके हैं।
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धर्माचार्यों के साथ साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की हुई बैठक में तय समय पर ही कुंभ कराने के फैसले के बाद तैयारियों ने जोर पकड़ा है। अखाड़ा परिषद पहले ही कह चुकी है कि कोरोना के कारण बेशक परिस्थितियां बदली हुई हैं लेकिन 2021 में कुंभ के मुहूर्त को टाला नहीं जा सकता।
केंद्र ने हरिद्वार कुंभ के लिए 360 करोड़ रुपये जारी किए हैं। राज्य सरकार इस आयोजन में 100 करोड़ रुपये अलग से खर्च करेगी। कुंभ के मद्देनजर हरिद्वार में इस वक्त 15 से ज्यादा फ्लाई ओवर और 30 से ज्यादा अस्थायी पुल बनाए जा रहे हैं। राज्य सरकार और मेला प्रशासन की कोशिश है कि जो कार्य हो रहे हैं वो स्थायी हों, जिससे 12 साल बाद फिर कुंभ में इनका उपयोग किया जा सके।
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नीलधारा में गंगा के टापू पर साधु-संतों के लिए छावनी बनाई जा रही है। यहां के तमाम घाटों के नाम भी सभी 13 अखाड़ों का प्रतिनिधित्व करेंगे। साधु-संतों ने राज्य सरकार से मनसा देवी हिल बाईपास सड़क को मेले के दौरान प्रयोग में लाने की मांग की है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि राज्य सरकार कुंभ मेले की तैयारियां को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है। कुंभ मेला समय पर आयोजित होगा। सरकार के विभाग हरिद्वार के साधु-संतों और स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं। मेलाधिकारी दीपक रावत के मुताबिक जिला प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है। कुंभ में कितने श्रद्धालु शिरकत करेंगे, ये मौजूदा परिस्थितियों के आधार पर साफ हो पाएगा। अगर हालात सामान्य हुए तो कुंभ और दिव्य और भव्य होगा। केबल को भूमिगत किया जा रहा है। हर की पौड़ी पर स्थित मालवीय दीप घाट को नया रूप दिया जा रहा है। सगीत और लेजर लाइट के संयोजन से श्रद्धालु भक्तिमय माहौल में डुबकी लगाएंगे। कांगड़ा घाट का सौंदर्यकरण किया जा रहा है। इसका मकसद हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं के दबाव को कम करना है। केंद्रीय और राज्य की एजेंसियां कामों को पूरा कर रही हैं। रेलवे और फ्लाईओवर के कार्य नवम्बर तक पूरे कर लिए जाएंगे। कुंभ से पहले हरिद्वार तक डबल लाइन होगी। हाईटेक कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। हेरिटेज पोल लाइटों का प्रयोग किया जाएगा। कुंभ के देखते हुए सात नए घाट बन रहे हैं।
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साल 2010 के हरिद्वार कुंभ में तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई थी। जूना अखाड़ा के आचार्य पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि बताते हैं कि संतों ने कुंभ की तैयारी शुरू कर दी है। सभी 13 अखाड़े समय पर हरिद्वार में रीति-रिवाज के साथ प्रवेश करेंगे।
प्रमुख स्नान: पहला शाही स्नान गुरुवार 11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि पर होगा। दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या, तीसरा शाही स्नान 13 अप्रैल मेष संक्रांति और आखिरी शाही स्नान वैशाखी 27 अप्रैल चैत्र माह की पूर्णिमा को होगा। हरिद्वार कुंभ में चार शाही स्नान के अलावा भक्तों के लिए कई अन्य दिन तय हो चुके हैं। प्रमुख स्नान मकर संक्रांति 14 जनवरी को, मौनी अमावस्या 11 फरवरी को दूसरा स्नान, बसंत पंचमी 16 फरवरी को तीसरा स्नान, 27 फरवरी माघ पूर्णिमा को, 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी हिन्दी नववर्ष के दिन और 21 अप्रैल राम नवमी को भी स्नान के दिन तय किए जा चुके हैं।
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